लॉकडाउन नहीं हटाना चाहते CM गहलोत, कहा- केंद्र सरकार दे राज्य को ये अधिकार
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि मौजूदा हालात को देखते हुए हम लॉकडाउन को हटाने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाना चाहिए।
जयपुर: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को फैलने से रोकने के लिए भारत को 21 दिनों तक लॉकडाउन किया गया है। जो कि 14 अप्रैल को खत्म होगा। लेकिन कुछ राज्य ऐसे हैं, जिन्होंने राज्य में लॉकडाउन को न हटाने की बात कही है। तेलंगाना और महाराष्ट्र के बाद अब राजस्थान सरकार भी इतनी जल्दी लॉकडाउन हटाने के पक्ष में नहीं हैं।
लॉकडाउन को हटाने के पक्ष में नहीं गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि मौजूदा हालात को देखते हुए हम लॉकडाउन को हटाने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से राज्य सरकार को लॉकडाउन बढ़ाने का अधिकार दिया जाना चाहिए।
यह भी पढ़ें: बड़ा खुलासा: इस दवा के पीछे पड़े डोनाल्ड ट्रंप, जानिये क्यों इतनी ख़ास है ये मेडिसिन
केंद्र से राज्य सरकार को लॉकडाउन बढ़ाने का मिले अधिकार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राजस्थान की कुल साढ़े 7 करोड़ की आबादी में से 5 करोड़ लोगों की स्क्रिनिंग की जा चुकी है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार एक-दूसरे से संपर्क में हैं और हालात पर नजर रख रही है। हम केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से राज्य सरकार को ये अधिकार मिलना चाहिए कि वो 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला कर सके।
PM मोदी से 1 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की मांग
सीएम अशोक गहलोत ने आर्थिक मदद को लेकर पूछे जाने पर कहा कि यह काफी कम है। राजस्थान की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। साथ ही GST कलेक्शन भी कम है। CM गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन के बाद हालात काफी चिंताजनक है। ऐसे में मैंने PM मोदी से 1 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की मांग की है।
यह भी पढ़ें: सांसदों के वेतन में कटौती से केंद्र सरकार को कितना होगा फायदा
जिससे यह चूक हुई है, उन्हें सजा मिलनी चाहिए
वहीं कोरोना के बीच देश का बड़ा मुद्दा बन चुके तबलीगी जमात के बारे में पूछे जाने पर सीएम गहलोत ने कहा कि यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है। उन्होंने कहा है कि जिसकी वजह से यह चूक हुई है, उन्हें सजा मिलनी चाहिए। इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट को करनी चाहिए। लेकिन अगर उन्होंने (जमात के लोगों ने) वक्त रहते ही सूचना दे दी है तो इसका जिम्मेदार कौन है? यह वातावरण कोरोना के खिलाफ एकजुट लड़ाई के लिए अच्छा नहीं है।
बता दें कि देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या ने 4 हजार का आंकड़ा पार कर लिया है। जबकि कोरोना के चलते मरने वालों की संख्या 100 के पार पहुंच गई है। वहीं इनमें से करीब 300 लोग रिकवर भी हो चुके हैं।
यह भी पढ़ें: सोनिया ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, कोरोना से निपटने के लिए दिए ये 5 अहम सुझाव