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सांसदों के वेतन में कटौती से केंद्र सरकार को कितना होगा फायदा

केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि सभी सांसदों की सैलरी में से एक साल तक के लिए 30 फीसदी की कटौती की जाएगी। वहीं राष्‍ट्रपति, उपराष्‍ट्रपति, राज्‍यों के राज्‍यपालों ने स्‍वेच्‍छा से अपने वेतन में कटौती का फैसला किया है।

Shreya
Published on: 7 April 2020 9:35 AM GMT
सांसदों के वेतन में कटौती से केंद्र सरकार को कितना होगा फायदा
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से देश में फैलता जा रहा है। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपील की थी कि वो अपनी इच्छा से आर्थिक मदद करें। वहीं इसके बाद अब केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए ऐलान किया है कि सभी सांसदों की सैलरी में से एक साल तक के लिए 30 फीसदी की कटौती की जाएगी। वहीं राष्‍ट्रपति, उपराष्‍ट्रपति, राज्‍यों के राज्‍यपालों ने स्‍वेच्‍छा से अपने वेतन में कटौती का फैसला किया है। इसके अलावा सांसद निधि के तहत मिलने वाले फंड को भी दो साल के लिए सस्‍पेंड कर दिया गया है।



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सरकार के इस कदम से कितनी होगी बचत

तो चलिए आपको बताते हैं कि सरकार के इस फैसले से कुल कितनी बचत होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि राष्‍ट्रपति, उपराष्‍ट्रपति, राज्‍यपालों ने स्‍वेच्‍छा से अपने वेतन में कटौती का फैसला लिया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय मंत्री समेत सभी सांसदों की सैलरी में 1 साल तक 30 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। जो इस साल एक अप्रैल से प्रभावी हो गई है और अगले साल मार्च तक जारी रहेगी। सभी के बेसिक सैलरी से यह कटौती की जाएगी।



हर महीने 2 करोड़ 34 लाख रुपये की बचत

बता दें कि संसद के दोनों सदनों में 790 सांसद की व्यवस्था है। इसके तहत 545 लोकसभा के और 245 राज्यसभा के सांसद होते हैं। हालांकि मौजूदा समय में लोकसभा में 542 सांसद और राज्यसभा में 238 सांसद हैं। यानि कि दोनों सदनों में कुल 780 सांसद हैं। प्रत्येक सांसदों की सैलरी 1 लाख रुपये है। इन सभी सांसदों के वेतन से 1 साल तक 30 फीसदी के हिसाब से 30 हजार रुपये काटे जाएंगे। ऐसे में हर महीने 2 करोड़ 34 लाख रुपये की बचत होगी।

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कोरोना की लड़ाई में इस्तेमाल किए जाएंगे पैसे

इसके अलावा सांसद निधि के तहत मिलने वाले फंड को भी दो साल के लिए सस्‍पेंड कर दिया गया है। सभी सांसदों को सांसद निधि के तहत हर साल 5 करोड़ रुपये मिलते हैं। निधि को सस्पेंड किए जाने से करीब 7,900 करोड़ रुपये की बचत होगी, इन पैसों को सरकार के कोष में जमा कराया जाएगा। जिसका इस्तेमाल कोरोना की लड़ाई में किया जाएगा।

बता दें कि राष्ट्रपति की सैलरी प्रति माह 5 लाख रुपये है, उपराष्ट्रपति की 4 लाख रुपये, राज्यपाल की 3.5 लाख रुपये हैं। जबकि केंद्र शासित प्रदेशों में तैनात उपराज्यपाल की प्रति माह सैलरी 1.10 लाख रुपये है।

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वहीं प्रधानमंत्री को प्रति माह 2 लाख रुपये वेतन के तौर पर मिलता है और इतनी ही सैलरी केंद्रीय मंत्रियों को भी दी जाती है। जबकि सदनों के प्रत्येक सांसदों को सैलरी के तौर पर 1 लाख रुपये मिलता है। सांसदों की मंथली सैलरी के अलावा संसदीय क्षेत्र का मासिक भत्ता 70 हजार के अलावा अन्य भत्ते भी मिलते हैं।

5 करोड़ रुपये की बचत

केंद्र की मोदी सरकार की ओर से देश के शीर्ष पदों पर बैठे लोगों और सांसदों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती करने से करीब 25 करोड़ रुपये की बचत होगी।

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