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मालामाल होंगे आप: लॉकडाउन में कमाने का बड़ा अवसर, बस करना होगा ये

लॉकडाउन के चलते देश के बाजारों की हालत चिंता जनक है। दुनियाभर में इस महामारी से आर्थिक हालत खराब होते दिख रहे हैं। ऐसे में आगे की स्थिति को लेकर भी चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।

Vidushi Mishra
Published on: 7 April 2020 9:02 AM GMT
मालामाल होंगे आप: लॉकडाउन में कमाने का बड़ा अवसर, बस करना होगा ये
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मालामाल होंगे आप: लॉकडाउन में कमाने का बड़ा अवसर, बस करना होगा ये

नई दिल्‍ली। लॉकडाउन के चलते देश के बाजारों की हालत चिंता जनक है। दुनियाभर में इस महामारी से आर्थिक हालत खराब होते दिख रहे हैं। ऐसे में आगे की स्थिति को लेकर भी चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। दुनिया भर की सरकारें और वैश्विक संगठन इस आपदा से निपटने के उपाय और तरीके अपना रहे हैं, यह लड़ाई लंबी खिंचती नजर आ रही है। हालात चुनौतीपूर्ण जरूर हैं, लेकिन यह भी सच है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ। हमने हमेशा ऐसी आपदाओं का डट कर सामना किया है। इसलिए बाजार यदि मौका दे रहा है तो इसका फायदा उठाएं तो इस जंग को जीतकर दिखाएं।

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इस स्थितियों से उभरने के लिए सरकार औद्योगिक गतिविधियों को पटरी पर लाने के लिए कुछ कदम उठाएगी। प्रोत्साहन पैकेज की भी संभावना है। कुल मिलाकर रिकवरी तो होनी ही है। सवाल केवल यह है कि इसमें कितना वक्त लगता है।

मौजूदा हालात में ये तीन सवाल हैं महत्वपूर्ण

1. इस समय की स्थितियों पर क्या है कहना

दुनिया में ऐसा कोई नहीं है जो यह अंदाजा लगा सके कि कोरोना वायरस के कारण फैल रही महामारी कब तक नियंत्रण में आ जाएगी और आम जनजीवन कब तक सामान्य हो जाएगा। लेकिन, ऐतिहासिक रूप से हमने हमेशा देखा है कि आपदा, युद्ध या ऐसी वैश्विक प्रभाव वाली अन्य घटनाओं के बाद लोगों ने वापस काम-धंधे शुरू कर दिए हैं और अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट आई है। असल में कोई भी देश या समुदाय हमेशा स्थिर नहीं रहे। जरूरत के हिसाब से नई चीजें इजाद कर के हालात का मजबूती से सामना करना और मुश्किलों से पार पाना इंसान के स्वभाव में रहा है।

2. निवेश पैटर्न बदल देना चाहिए?

अधिकांश निवेश चाहे वह सीधे शेयरों और बॉन्ड की खरीद-फरोख्त हो या फिर म्युचुअल फंडों के जरिए बाजार में लगाया गया पैसा, लंबी अवधि के नजरिए से किए गए हैं। मेरे सारे निवेश तानाबाना एक निश्चित लक्ष्य को ध्यान में रखकर बुना गया है।

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इसके अलावा मेरा यह भी मानना है कि फिलहाल बहुत सारे अच्छे शेयर कम कीमतों पर उपलब्ध हैं। इस लिहाज से इक्विटी में निवेश बढ़ाने के लिए यह मुफीद समय है। मैं निश्चित रूप से एसआईपी (सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान) नहीं बंद करूंगा, क्योंकि मुझे पता है कि वे (फंड मैनेजरर्स) इन दिनों कम लागत पर ज्यादा युनिट्स खरीद रहे हैं।इसके कारण हालात जब सामान्य होंगे तब रिटर्न बढ़ेगा।

3. निवेश व पूंजी की सुरक्षा को लेकर चिंतित होना चाहिए और एफडी का रुख करना चाहिए?

निवेश को कई हिस्सों में बांट रखा है। डेट फंड, बैंक एफडी, पीएफ, पीपीएफ आदि इसमें शामिल हैं। आकस्मिक फंड में पर्याप्त पैसा भी है। ऐसे में क्यों भयभीत होकर इक्विटी में निवेश बढ़ाने का मौजूदा मौका गंवाना चाहिए?

कुल मिलाकर बात इतनी सी है कि यदि किसी निवेशक ने वित्तीय लक्ष्य ध्यान में रखते हुए जोखिम उठाने की अपनी क्षमता के हिसाब से अलग-अलग एसेट क्लास में पैसा लगा रखा है, तो उसे भयभीत होने की जरूरत नहीं है।

4. इमेजनरी नुकसान को असली घाटे में न बदलें

घबराहट में हर एसेट को कैश में भुना लेना बुद्धिमानी नहीं है। अभी फंड रिडीम करने का मतलब यह होगा कि आपने काल्पनिक नुकसान को वास्तविक घाटे में तब्दील कर लिया। यह ऐसा समय है जब एक सलाहकार की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। पूरी उम्मीद है कि हालात जल्द नियंत्रण में आ जाएंगे।आम जन-जीवन और लोगों के काम-धंधे सामान्य हो जाएंगे। फिलहाल सलामती की दुआ करते हुए सावधानियां बरतें और सुरक्षित रहें। जिससे जंग जीतने में आसानी होगी।

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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