INDIA Alliance Controversy: इंडिया गठबंधन में पड़ गई दरार
INDIA Alliance Controversy: जैसा कि पूर्व में ही आपेक्षित था कि सर्वप्रथम, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी, इंडिया गठबंधन से अपने दल को पृथक कर ‘एकला चलों की नीति‘ पर चुनाव लड़ेगी, हुआ भी वैसा ही।
INDIA Alliance Controversy: प्रकृति के विपरीत परिस्थिति होने पर जब किसी भी प्रकार की विपदा आती है तो प्राणी मात्र अपनी जीवन रक्षा के विभिन्न उपायों के सन्दर्भ में त्वरित बुद्धि से निर्णय लेता है। इसी परिप्रेक्ष्य में यह एक किंवदती है कि जब भी कोई जहाज डूबने लगता है तो सर्वप्रथम उसमें से मूषक अपनी जीवन रक्षा हेतु कूद-कूद कर समुद्र में छलांग लगाते हैं, परिणाम क्या होता है, यह सभी को विदित है। इंडिया गठबंधन के जहाज रूपी कुनबे पर प्रकृति का यह नियम पूर्णतया सार्थक सिद्ध हो रहा है। जैसे -जैसे इंडिया गठबंधन रूपी जहाज, चुनाव रूपी गहरे समुद्र की ओर अग्रसर हो रहा है, वैसे-वैसे उसके मूषक सदृश घटक दलों के द्वारा अपने पृथक अस्तित्व की रक्षा हेतु कूद-कूदकर छलांग लगाना प्रारम्भ कर दिया है।
जैसा कि पूर्व में ही आपेक्षित था कि सर्वप्रथम, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी, इंडिया गठबंधन से अपने दल को पृथक कर ‘एकला चलों की नीति‘ पर चुनाव लड़ेगी, हुआ भी अक्षरशः वैसा ही। इसी प्रकार पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत मान ने भी घोषणा कर दी है कि वे पंजाब में अपने दल की कोई भी सीट कांग्रेस को नहीं देगें अर्थात् वहाँ भी गठबंधन टूटने के कगार पर है। बिहार से एक प्रमुख व्यक्तित्व, नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन के नकारात्मक भविष्य को देखते हुए एनडीए का प्रतिभागी होने का निर्णय लिया है।
अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात जिस प्रकार हिन्दु धर्म के अनुयायियों में एकता का भाव जाग्रत हुआ है और सभी ने उन्मुक्त हृदय से प्रधानमंत्री मोदी जी के द्वारा किए गए इस पावन कृत्य की जय-जयकार के साथ भविष्य में उन्हें अपना समर्थन देने हेतु तत्पर हैं। भारतीय जनता का मोदी जी के प्रति अपार समर्थन को दखते हुए, घटक दलों के नेताओं ने वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी पराजय को हृदय से स्वीकार कर लिया है और अब ये घटक दल अपनी सम्भावित पराजय के वास्तविक कारण के इतर अन्य कारण खोजने लगे हैं। इस गठबंधन से विमुक्त होकर जब ये घटक दल पृथक-पृथक रूप में चुनाव लड़ेगे तो सम्भावना है कि अधिकांश नेताओं की घोर पराजय के परिणामस्वरूप उनकी जमानत राशि तक के अधिग्रहण होने की भी सम्भावना है।
अभी तो इंडिया गठबंधन से विमुक्त होने की चर्चा मात्र ममता बैनर्जी, भगवत मान और नीतीश कुमार ने ही की है, परन्तु अभी शरद पवार, अखिलेश यादव का गठबंधन विमुक्त होना शेष है। यदि इन पाँच नेताओं में से तीन नेता भी इस गठबंधन से स्थायी रूप से विमुक्त हो जाते हैं, जिसकी शुरूआत जदयू प्रमुख, नीतीश कुमार के द्वारा घोषणा की जा चुकी है, अन्य नेताओं की घोंषणा शेष है। यदि ऐसा सम्भव हुआ इंडिया गठबंधन, गठबंधन ना रहकर, कांग्रेस बंधन मात्र रह जाएगा और इंडिया शब्द नेपथ्य में चला जाएगा।
विगत दो लोकसभा चुनावों में विजयी भाजपा का आगामी लोकसभा चुनावों में 400 से अधिक सीट के साथ जीतने का स्वप्न है, मोदी जी के द्वारा जनता के हित में किए गए कार्यो के परिणामस्वरूप वह स्वप्न पूर्ण होता प्रतीत हो रहा है। चुनावी समीक्षकों के मतानुसार, इस बार निश्चितः पूर्ण समर्थन के साथ सम्पूर्ण देश में भाजपा का भगवा फहराएगा।