Chandrasekhar Pemmasani Wikipedia: ग्रामीण विकास और संचार में नयी उमंग और सुधार की दिशा में अग्रसर है चंद्रशेखर पेम्मासानी
Chandrasekhar Pemmasani Bio in Hindi: आइये जानते हैं आंध्र प्रदेश के गुंटूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 18वीं लोकसभा के लिए संसद सदस्य चुने गए चंद्रशेखर पेम्मासानी के जीवन से जुड़ी कई अहम् बातें।;
Politician Chandrasekhar Pemmasani (Image Credit-Social Media)
Politician Chandrasekhar Pemmasani: चंद्रशेखर पेम्मासानी भारतीय राजनीति में एक ऐसे व्यक्तित्व के रूप में उभर कर आए हैं, जिनकी विशेषज्ञता चिकित्सा के क्षेत्र से राजनीतिक नेतृत्व तक फैली हुई है। उनके जीवन के विभिन्न पड़ाव – शिक्षा, चिकित्सा सेवा और राजनीतिक संघर्ष – ने उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में स्थापित किया है जो न केवल स्वास्थ्य सुधार के क्षेत्र में बल्कि ग्रामीण विकास और संचार में भी नए आयाम जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे आंध्र प्रदेश के गुंटूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 18वीं लोकसभा के लिए संसद सदस्य चुने गए । उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के उम्मीदवार के रूप में भारतीय आम चुनाव, 2024 जीता।
व्यक्तिगत जीवन
- चंद्रशेखर पेम्मासानी का जन्म 7 मार्च 1976 को वर्तमान आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के बुरीपालेम में एक कृषि परिवार में हुआ था।
- जहां उनके पिता पेम्मासानी संबाशिवा राव और माता सुवर्चला ने उन्हें संस्कार और सामाजिक मूल्यों की नींव दी।
- उनके एक भाई का नाम रविशंकर पेम्मासानी है।
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बचपन का अनुभव:
यद्यपि चंद्रशेखर पेम्मासानी का जन्म बुरीपालेम में हुआ, लेकिन पिता के होटल व्यवसाय के कारण उन्होंने अपना बचपन कुछ समय नरसारावपेट में भी बिताया । इस परिवेश ने उन्हें विविध अनुभव प्रदान किए और समाज के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद की।
प्रारंभिक शिक्षा:
चंद्रशेखर पेम्मासानी ने 1991 में 10वीं कक्षा पूरी की। 1993 में इंटरमीडिएट की पढ़ाई सफलतापूर्वक संपन्न की।
डॉक्टर बनने की ठानकर, उन्होंने 1993-94 में ईएएमसीईटी में 27वीं रैंक हासिल की, जिसके फलस्वरूप हैदराबाद के उस्मानिया मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिला।
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पारिवारिक प्रभाव:
चंद्रशेखर पेम्मासानी के पिता, संबाशिवराव, एनटी रामाराव के बहुत बड़े प्रशंसक थे। उनके विचारों और आदर्शों के प्रभाव में आते हुए, उन्होंने स्वयं तेलुगु देशम पार्टी में शामिल हो गए। पिता ने नरसारावपेट शहर के उपसभापति के रूप में कार्य करके राजनीतिक दुनिया में अपनी पहचान बनाई।
पिता के राजनीति में सक्रिय योगदान ने उन्हें प्रेरित किया और तेलुगु देशम पार्टी में उनके प्रवेश का मार्ग प्रशस्त किया।
2014 और 2019 के टिकट के प्रयासों से उन्हें राजनीतिक दुनिया की जटिलताओं का अनुभव हुआ, जिसने उन्हें आगे के लिए तैयार किया। अपने पिता की प्रेरणा से, धीरे-धीरे पार्टी के विभिन्न कार्यों में अपना योगदान देना शुरू किया। इससे उन्हें स्थानीय मुद्दों की बेहतर समझ प्राप्त हुई और उन्होंने अपने राजनीतिक विचारों को व्यवहारिक रूप में उतारने का संकल्प लिया।
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2014 और 2019 के चुनावी प्रयास
चंद्रशेखर ने 2014 और 2019 में तेलुगु देशम पार्टी से नरसारावपेट लोकसभा टिकट हासिल करने का प्रयास किया। हालांकि, पूर्व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नेता रायपति संबाशिव राव को अवसर दिए जाने के कारण उन्हें काफी समय तक पीछे हटना पड़ा। यह अनुभव उनके राजनीतिक सफर में एक चुनौतीपूर्ण दौर था, जिसने उन्हें भविष्य में और अधिक प्रयास करने के लिए प्रेरित किया।
2024 की जीत:
2024 के आम चुनाव में निर्णायक जीत ने उन्हें एक उभरते हुए नेता के रूप में स्थापित कर दिया है, जो ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य सुधार और बेहतर संचार नेटवर्क के जरिए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का संकल्प रखता है।अपने पिता के राजनीति में सक्रिय होने के बाद, चंद्रशेखर ने भी उसी पार्टी में कदम रखा। इस पारिवारिक विरासत ने उनके विचारों, आदर्शों और नीतिगत दृष्टिकोण को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
चंद्रशेखर पेम्मासानी ने तेलुगु देशम पार्टी में शामिल होकर चंद्रबाबू नायडू की गहरी प्रशंसा की। जब चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री बने, तब पेम्मासानी ने उनके नेतृत्व में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों, विशेषकर अमेरिका में आयोजित आयोजनों में सक्रिय रूप से भाग लेकर पार्टी की अंतरराष्ट्रीय छवि को सुदृढ़ किया। 2024 के भारतीय आम चुनाव में चंद्रशेखर पेम्मासानी ने गुंटूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से तेलुगु देशम पार्टी के उम्मीदवार के रूप में भाग लिया। उन्होंने 344,695 वोटों से ये जीत हासिल की, जिससे वे पूर्व सदस्य गल्ला जयदेव के उत्तराधिकारी बने, जिन्होंने जनवरी 2024 में राजनीति से ब्रेक लेने की घोषणा की थी। यह जीत उनके दृढ़ संकल्प, पारिवारिक विरासत और निरंतर राजनीतिक प्रयासों का प्रतिफल है। इस सफलता ने उन्हें स्थानीय स्तर पर एक विश्वसनीय और प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित कर दिया है।
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अंतरराष्ट्रीय मंच पर सक्रियता:
चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी के अनुभव का उपयोग करते हुए, वे वैश्विक मंच पर आंध्र प्रदेश और क्षेत्रीय मुद्दों की प्रस्तुति को सुदृढ़ करना चाहते हैं।
चिकित्सकीय प्रशिक्षण और करियर :
चंद्रशेखर पेम्मासानी ने आंतरिक चिकित्सा में अपना स्नातकोत्तर प्रशिक्षण इसी गीसिंजर मेडिकल सेंटर, डैनविल, पेनसिल्वेनिया जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से पूरा किया।
राष्ट्रीय चिकित्सा ज्ञान प्रतियोगिता:
प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने लगातार दो वर्षों तक पेनसिल्वेनिया के प्रतिनिधि के रूप में राष्ट्रीय चिकित्सा ज्ञान प्रतियोगिता में भाग लिया, जिससे उनकी विशेषज्ञता और वैज्ञानिक सोच का प्रमाण मिला।
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पेशेवर चिकित्सकीय अनुभव : जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय और सिनाई अस्पताल में कार्य:
प्रशिक्षण के पश्चात, उन्होंने लगभग पांच वर्षों तक जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय और सिनाई अस्पताल जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में उपस्थित चिकित्सक के रूप में कार्य किया। इस अवधि में उन्होंने निवासियों और चिकित्सा छात्रों को पढ़ाया, जिससे उन्होंने आने वाली पीढ़ी के चिकित्सकों में नयी ऊर्जा और आधुनिक चिकित्सा ज्ञान का संचार किया।
राजनीति की ओर प्रेरणा का स्रोत:
उनके चिकित्सकीय अनुभवों ने उन्हें इस दिशा में प्रेरित किया कि वे नीति-निर्माण में भाग लें ताकि ग्रामीण इलाकों में न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो बल्कि संचार, बुनियादी ढांचा और विकास के अन्य क्षेत्रों में भी सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सके। उन्होंने समाज के उन वर्गों के हितों का प्रतिनिधित्व करने का संकल्प लिया, जो अक्सर निर्णय प्रक्रिया से वंचित रह जाते हैं।
चिकित्सा में समर्पण:
पेशे से चिकित्सक के रूप में पेम्मासानी ने अपने करियर की शुरुआत ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में रोगी सेवा प्रदान करते हुए की। उनके चिकित्सकीय अनुभव ने उन्हें समाज के उन मुद्दों से अवगत कराया, जहां ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी एक गंभीर समस्या रही है। अपने अनुभव से प्रेरित होकर उन्होंने कई ऐसे कार्यक्रमों का संचालन किया, जिनका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक चिकित्सा सुविधाओं को सुदृढ़ करना और जागरूकता बढ़ाना था।
ग्रामीण स्वास्थ्य और विकास:
अपने चिकित्सकीय अनुभव का लाभ उठाते हुए, उन्होंने ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों के आधुनिकीकरण, टेलीमेडिसिन सेवाओं का विस्तार और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के सुधार के लिए योजनाएं बनाई हैं।
संचार नेटवर्क में सुधार:
ग्रामीण इलाकों में डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए, उन्होंने दूरसंचार और इंटरनेट सेवाओं में सुधार हेतु कई प्रोजेक्ट्स आरंभ किए हैं, ताकि ग्रामीण जनता तक सूचना और तकनीकी सेवाएं आसानी से पहुंच सकें।
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समुदाय सहभागिता:
नीतियों के निर्माण में स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु पेम्मासानी ने विभिन्न लोकसभा मंचों और वर्कशॉप्स का आयोजन किया है, जिससे नीति निर्माण में आम जनता की आवाज भी शामिल हो सके।
दूरदर्शी दृष्टिकोण:
पेम्मासानी का मानना है कि ग्रामीण विकास केवल बुनियादी ढांचे के निर्माण से नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा, संचार और आर्थिक सशक्तिकरण के समन्वित प्रयास से संभव है। वे चाहते हैं कि ग्रामीण इलाकों में नयी तकनीकों का उपयोग कर स्थानीय रोजगार के अवसर सृजित किए जाएं और साथ ही युवा पीढ़ी को आधुनिक शिक्षा और डिजिटल सेवाओं से जोड़ा जाए।
डिजिटल इंडिया की ओर अग्रसर:
देश के विकास के लिए प्रतिबद्ध पेम्मासानी ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ाने से लेकर ई-गवर्नेंस और डिजिटल शिक्षा के माध्यम से विकास की नई राहें खोलना जैसी कई लोक कल्याणकारी योजनाओं को भविष्य में धरातल पर लाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहें हैं।
दूरदराज के क्षेत्रों में संचार सुविधाओं के विस्तार के लिए सरकारी और निजी साझेदारी को बढ़ावा देने के पीछे की मुख्य वजह, सूचना का आदान-प्रदान सुगम करना है। इसके अलावा ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों के आधुनिकीकरण, मोबाइल क्लीनिक्स और टेलीहेल्थ सेवाओं को और व्यापक बनाने के लिए निरंतर सक्रिय हैं।
चिकित्सा सेवा से राजनीति तक का सफर:
चंद्रशेखर पेम्मासानी का जीवन, एक चिकित्सक के रूप में प्रारंभ होकर एक प्रभावशाली राजनीतिज्ञ बनने की प्रेरणादायक कहानी है। उनके चिकित्सीय अनुभव ने उन्हें इस बात का बोध कराया कि समाज के सबसे कमजोर वर्गों की समस्याओं का समाधान नीति निर्माण के माध्यम से ही संभव है। यही वजह है कि उन्होंने राजनीति की ओर अपने कदम बढ़ाए। जून 2024 से 28वें राज्य मंत्री के रूप में उनकी भूमिका ग्रामीण विकास और संचार में नयी उमंग और सुधार की दिशा में अग्रसर है। उनका दूरदर्शी दृष्टिकोण न केवल ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास की दिशा में सकारात्मक परिवर्तन लाएगा, बल्कि आधुनिक तकनीकों के साथ स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी बदलाव सुनिश्चित करेगा। उनके अनुभव, शैक्षिक उपलब्धियां और सामाजिक प्रतिबद्धता यह दर्शाती हैं कि जब विशेषज्ञता को नेतृत्व के साथ जोड़ा जाए, तो समाज के हर वर्ग तक विकास की रोशनी पहुंचाई जा सकती है। उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने चिकित्सा क्षेत्र को चुना, जिससे उन्हें न केवल व्यक्ति के जीवन में स्वास्थ्य सुधार का अनुभव हुआ बल्कि उन्होंने समाज के कमजोर वर्गों की सेहत सुधारने की दिशा में भी काम किया। अपने मेडिकल अध्ययन के दौरान उन्होंने उत्कृष्टता और समर्पण के साथ अपने ज्ञान को तराशा, जिससे आगे चलकर चिकित्सा पेशे में उन्होंने कई नवाचार और बेहतर सेवाओं की दिशा में कदम बढ़ाए।