नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ आवाज उठाने वाले संजय दीक्षित कांग्रेस से बाहर
लखनऊ : वरिष्ठ कांग्रेसी नेता संजय दीक्षित को पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ आवाज उठाना भारी पड़ा है। उनके इस विरोध को अनुशासनहीनता मानते हुए 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। उन्हें मनोनीत और नामित पदों से भी हटाया गया है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने बताया कि दीक्षित ने शीर्ष नेतृत्व के निर्णय के विरूद्ध सोशल मीडिया में बेबुनियाद टिप्पणी की। पार्टी फोरम पर जवाब नहीं देकर अपने मत को सार्वजनिक किया।
अशोक सिंह ने बताया कि पूर्व में उन्हें अनुशासन समिति द्वारा ऐसे आचरण न करने की चेतावनी भी दी जा चुकी है और लिखित रूप से स्पष्टीकरण मांगा गया था। इसके पूर्व में भी वह लगातार पार्टी विरोधी कार्य कर रहे थे, पार्टी की चेतावनी एवं लिखित रूप से माफी मांगने के बावजूद लगातार पार्टी विरोधी कार्य करते चले आ रहे थे। नतीजतन उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा।
बता दें कि बसपा सुप्रीमों मायावती के किचन कैबिनेट में गिने जाने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी का जब उनसे मोहभंग हुआ तो उन्होंने पहले अपने लोगों को एक जुट कर मोर्चा बनाने का ऐलान किया। अभी हाल ही में वह कांग्रेस में शामिल हुए। इस पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता संजय दीक्षित ने विरोध दर्ज कराते हुए फेसबुक पर टिप्पणी की थी कि उन्हें कांग्रेस में शामिल कराने के लिए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को गुमराह किया गया है। उन्होंने सिद्दीकी पर घोटालों का आरोप भी लगाया था।