पेंशन से वृद्धजनों का परिवार में बढ़ेगा सम्मान : नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार ने आज मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में ‘मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना’ के तहत डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों को भुगतान का शुभारंभ माउस के माध्यम से किया।

Update:2019-06-14 19:39 IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में ‘मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना’ के तहत डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों को भुगतान का शुभारंभ माउस के माध्यम से किया।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज कल्याण विभाग को बधाई देता हूॅ कि 1 मार्च से ‘मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना’ की शुरुआत की गई थी, जिसकी राशि का भुगतान आज से किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि पहले से बीपीएल परिवारों को वृद्धा पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा था। विधवा पेंशन, दिव्यांगजनों को पेंशन जैसी अनेक योजनाएं चलायी जा रही थीं लेकिन 60 वर्ष से ऊपर के सभी वृद्धजनों चाहे स्त्री हो या पुरुष जिन्हें केंद्र या राज्य सरकार से कोई वेतन, पेंशन, पारिवारिक पेंशन या सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त नहीं हो रहा है, उन्हें इसका लाभ देने की हम लोगों ने योजना बनायी और इसे लागू कर दिया गया है।

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उन्होंने कहा कि इससे वृद्धजनों का अपने परिवार में सम्मान बढ़ेगा और उनकी कुछ जरुरतें भी पूरी होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्लॉक स्तर के अधिकारी गांव-गांव जाकर लोगों को इसकी जानकारी दें, अधिक से अधिक संख्या में आवेदन भरवाएं।

समाचार पत्रों, टेलीविजन, रेडियो, सोशल मीडिया आदि के द्वारा इसका प्रचार करायें। उन्होंने कहा कि लोक सेवा केंद्र पर आवेदन तो भरे ही जा रहे है। अब मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंषन योजना से संबंधित आवेदन भी ऑनलाइन भरे जायेंगे। इसके माध्यम से जल्द से जल्द उनके खाते में सीधे पैसे भेजने की व्यवस्था की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आंकलन से पता चलता है कि 35 से 36 लाख ऐसे लोग होंगे जिन्हें इस योजना का लाभ मिलना चाहिये। हर वर्ष राज्य सरकार की तरफ से 1800 करोड़ रुपए इस संबंध में अतिरिक्त व्यय होंगे। अभी तक जो दो लाख आवेदन प्राप्त हुए थे उसमें से वेरीफिकेशन होने के बाद 1 लाख 35 हजार 928 लोगों के खाते में आज पैसा चला गया है। इसमें मार्च और अप्रैल महीने का भुगतान शामिल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2007 में कानून लाया गया था कि वरिष्ठ नागरिकों एवं अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए। कुछ लोग ऐसी मानसिकता के होते हंै कि अपने माता-पिता एवं वरिष्ठों की चिंता नहीं करते है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन्होंने जन्म दिया, जिस माता-पिता ने जीवन जीने का अवसर दिया, ऐसे माता-पिता की उपेक्षा करना ठीक नहीं है। जो अपने माता-पिता की उपेक्षा करेंगे उन पर अब कानूनी कार्रवाई होगी।

इसके लिए एसडीओ के यहां जो भी माता-पिता आवेदन करेंगे, वहां दोनों पक्षों को सुनकर उस पर फैसला होगा और इस फैसले को अमल में लाना होगा। अगर वृद्धजनों का फिर भी आदर नहीं होगा तो जिलाधिकारी के यहां अपील किया जायेगा और जिलाधिकारी 30 दिन के अंदर फैसला देंगे और फिर अगर उपेक्षा करेंगे तो उन पर त्वरित कार्रवाई कर फैसले के मुताबिक सजा मिलेगी। सरकार के इस निर्णय की बाहर के राज्य भी प्रशंसा कर रहे हैं और इस संबंध में हम लोगों से जानकारी मांग रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये कई काम किये हैं। लड़कियों के उत्थान के लिए भी हमलोग लगातार प्रयासरत हैं।

घर में बेटी पैदा होने पर खुषी हो इसके लिए लड़की के जन्म लेने पर उसके माता-पिता के खाते में 2000 रूपये जमा करा दिये जायेंगे। एक वर्ष के अंदर आधार से लिंक करने पर 1000 रूपये और दो वर्ष के अंदर सम्पूर्ण टीकाकरण कराने पर 2000 रूपये दिये जायेंगे।

लड़कियों की पोषाक राषि भी बढ़ायी गयी है। अब पहली से दूसरी कक्षा के लिये इसे 400 रूपये से बढ़ाकर 600 रूपये, तीसरी से पांचवीं के लिये 500 रूपये से बढ़ाकर 700 रूपये, छठी से 8वीं कक्षा के लिये 700 रूपये से बढ़ाकर 1000 रूपये और 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के लिये 1000 रूपये से बढ़ाकर 1500 रूपये कर दिया गया है।

साइकिल योजना की राषि भी बढ़ा दी गई है। 7वीं से 12वीं कक्षा की लड़कियों के लिए दी जा रही सेनेटरी नैपकिन की राषि 150 रूपये से बढ़ाकर 300 रूपये कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल विवाह एवं दहेज प्रथा को

खत्म करने के लिये हमलोग लगातार अभियान चला रहे हैं। 12वीं कक्षा पास करने वाली अविवाहित लड़कियों को दस हजार रूपये और स्नातक पास करने वाली विवाहित हों या अविवाहित लड़कियों को 25 हजार रूपये दिये जा रहे हैं। लड़कियों के जन्म लेने से स्नातक होने तक 54,100 रूपये सरकार उस पर खर्च कर रही है, इसके अलावा कई अन्य योजनायें लड़कियों के लिये चलायी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग चाहते हैं कि समाज में प्रेम, भाईचारा का वातावरण रहे। 13 वर्षों से प्रदेष के लोगों की सेवा कर रहे हैं। लोगों की सेवा करना अपना धर्म समझते हैं। न्याय के साथ विकास करते हुये हर इलाके और हर तबके के विकास में लगे हैं।

वंचित तबके के लोगों को मुख्य धारा में लाने के लिये हमलोग लगातार काम कर रहे हैं। नई पीढ़ी को बापू के विचारों से अवगत कराने के लिये स्कूलों में प्रतिदिन कथावाचन कराया जा रहा है। बापू ने कहा था कि मेरा जीवन ही मेरा संदेष है।

बापू ने सात सामाजिक पापों की चर्चा की है, जिसमें सिद्धांत के बिना राजनीति, काम के बिना धन अर्जित करना, विवेक के बिना सुख, चरित्र के बिना ज्ञान, नैतिकता के बिना व्यापार, मानवता के बिना विज्ञान और त्याग के बिना पूजा है।

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बापू ने कहा था कि पृथ्वी लोगों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है, लालच को नहीं। बापू के इन विचारों को अगर नई पीढ़ी के दस से पन्द्रह प्रतिशत लोग भी अपना लें तो समाज बदल जायेगा। बापू के विचारों को स्कूलों, काॅलेजों एवं सरकारी संस्थानों के दीवारों पर अंकित कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना को ठीक ढंग से लागू करने के लिये समाज कल्याण विभाग अपने सिस्टम को ठीक कर लें ताकि किसी प्रकार की परेषानी नहीं हो और लोगों को इसका लाभ मिल सके। मुझे पूरा भरोसा है कि आपलोग गाॅव-गाॅव जाकर इसे अभियान के रूप में चलाकर वृद्धजनों को लाभान्वित करेंगे।

इस अवसर पर समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद ने मुख्यमंत्री का स्वागत पुष्प-गुच्छ भेंटकर किया। कार्यक्रम को समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह, मुख्य सचिव दीपक कुमार, समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर विकास आयुक्त सुभाष शर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री सचिवालय के विषेष सचिव चन्द्रशेखर सिंह, निदेशक सामाजिक सुरक्षा राजकुमार, जिलाधिकारी कुमार रवि सहित समाज कल्याण विभाग के अन्य अधिकारीगण, इस योजना के लाभुकगण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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