पीएमकेएसवाई में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर गिरेगी गाज

प्रधानमंत्री किसान सिंचाई परियोजना (पीएमकेएसवाई) में शिथिलता बर्तने वाले अधिकारियों के खिलाफ प्रदेश के सिंचाई एवं सिंचाई यांत्रिक मंत्री धर्मपाल सिंह ने कठोरतम कार्यवाही के निर्देश दिये हैं।

Update: 2019-05-29 18:27 GMT

लखनऊ: प्रधानमंत्री किसान सिंचाई परियोजना (पीएमकेएसवाई) में शिथिलता बर्तने वाले अधिकारियों के खिलाफ प्रदेश के सिंचाई एवं सिंचाई यांत्रिक मंत्री धर्मपाल सिंह ने कठोरतम कार्यवाही के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बुधवार को विभागीय समीक्षा बैठक में कहा कि प्रदेश में इस योजना के तहत मध्य गंगा नहर योजना द्वितीय चरण, सरयू नहर परियोजना एवं अर्जुन सहायक परियोजनाएं कार्यरत् है लेकिन इनमें अभी तक इष्टतम् प्रगति नहीं हुई है जो बेहद चिंता का विषय है।

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50 प्रतिशत से कम प्रगति पर स्पष्टीकरण-

सिंचाई मंत्री ने निर्देश दिये कि पीएमकेएसवाई परियोजनाओं में 50 प्रतिशत से कम प्रगति वाले संगठनों के संबंधित अधिकारियों को चिन्हित कर तुरन्त उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाए। यह योजना वर्ष 2008 में प्रारम्भ की गई थी। सिंचाई मंत्री ने कहा कि मध्य गंगा नहर परियोजना पर पिछली सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। योगी सरकार ने इस महत्वांकाक्षी परियोजना को अमली जामा पहनाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य शुरू किये हैं।

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प्रमुख सिंचाई भूमि अधिग्रहण की समस्या की करेंगे निगरानी-

सिंचाई मंत्री ने प्रमुख सचिव सिंचाई टी. वेंकटेश से कहा कि वह भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही में आ रही समस्याओं को निस्तारित करने के लिए अपने स्तर से जिला मण्डल एवं प्रशासन से सम्पर्क कर प्रयास करें, जिससे कि यह योजना इस वर्ष की समाप्ति तक पूर्ण हो सके। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत मानक के अनुरूप कार्य न करने वालों को चिन्हित किया जाए।

सरयू नहर व अर्जुन सहायक परियोजना दिसम्बर तक हो पूरी-

इसी तरह सरयू नहर परियोजना वर्ष 1978 में प्रारम्भ की गयी थी। सिंचाई मंत्री ने कहा कि योगी सरकार ने इस योजना को भी प्राथमिकता के साथ संचालित किया। इसकी बदौलत परियोजना का 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है। सिंचाई मंत्री ने कहा कि क्षेत्र के लोगों का कहना है कि 40 साल बाद नहरों ने खेतों की प्यास बुझायी है। उन्होंने कडे़ निर्देश दिये कि इस परियोजना को भी दिसम्बर 2019 तक पूर्ण किया जाए।

अर्जुन सहायक परियोजना 2009-10 में प्रारम्भ हुई थी। नाबार्ड पोषित इस परियोजना में 77 प्रतिशत प्रगति हुई है। सिंचाई मंत्री ने इस योजना को भी दिसम्बर 2019 तक पूर्ण करने के कड़े निर्देश दिये।

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अभी तक भरे गये 23535 तालाब-

तालाब, पोखरों को भरे जाने की स्थिति की समीक्षा के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि इस वर्ष 24354 सापेक्ष 23535 भरे गये हैं। सिंचाई मंत्री ने कड़ी हिदायत दी कि हर दशा में अवशेष, तालाबों को भर दिया जाए। जिससे गर्मी के मौसम में पशु, पक्षियों को इसका लाभ मिल सकें।

यूपीडब्लूएसआरपी में 30841 जल उपभोक्ता समितियों का गठन-

प्रमुख सिंचाई एवं जल संसाधनने बताया कि सिंचाई विभाग की विश्व बैंक पोषित परियोजना (यूपीडब्लूएसआरपी) द्वारा परियोजना आक्षादित 16 जनपदों में 30841 जल उपभोक्ता समितियों का निर्वाचन कर गठन किया जा चुका है। इसके तहत बुंदेलखण्ड के ललितपुर जनपद में इस समितियों को नहरों का प्रबन्ध पूर्ण से सौप दिया गया है। शेष जनपदों में क्षमता विकास प्रशिक्षण पूर्ण किया जा चुका है निकट भविष्य में नहरों का प्रबंध इनको भी सौंप दिया जायगा। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश देश के प्रथम पक्ति के प्रदेशों में गिना जाता है।

 

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