'पीके' को दीदी की सौगात: मिली Z+ सुरक्षा, क्या अब बंगाल में होगी राजनीति
राजनीति के चाणक्य 'पीके' यानी कि प्रशांत किशोर को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा एक उपहार दिया गया है और उन्हे बंगाल सरकार द्वारा Z+ सुरक्षा प्रदान की है।
नई दिल्ली: राजनीति के चाणक्य 'पीके' यानी कि प्रशांत किशोर को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा एक उपहार दिया गया है और उन्हे बंगाल सरकार द्वारा Z+ सुरक्षा प्रदान की है। राज्य सचिवालय के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि पहले ही प्रशांत किशोर को 'जेड' श्रेणी सुरक्षा मुहैया कराने के लिए पश्चिम बंगाल गृह विभाग की आधिकारिक औपचारिकता पूरी हो चुकी है।
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राज्य में बीजेपी की बढ़ती साख को रोकने के लिए ये फैसला
ममता सरकार द्वारा ये फैसला राज्य में बीजेपी की बढ़ती साख को रोकने के लिए लिया गया है। बीते आम चुनाव में बीजेपी को बंगाल में बढ़ हासिल हुई थी. 42 लोकसभा सीटों वाले राज्य में बीजेपी ने 18 सीटें हासिल की थी। ये परिणाम आने के एक महीने बाद ही ममता बनर्जी ने पार्टी को वापस सत्ता में लाने के लिए राजनीतिक रणनीतिकार पीके को चुना था। आम चुनाव के बाद बीजेपी ने 7 नगरपालिका चुनाव में जीत हासिल की थी।
पीके ने कैसे जीता दीदी का भरोसा
ममता बनर्जी का भरोसा जीतने के लिए प्रशांत किशोर ने जिम्मेदारी सौंपने के 54 दिन बाद 29 जुलाई को राज्य में 'दीदी के बोलो' कैंपेन की शुरूआत की। इसका असर भी दिखाई दिया और अगले छ: महीनों में टीएमसी ने उन सातों नगर पालिकाओं पर जीत हासिल कर ली जो बीजेपी के पास पहुँच गई थी। इसके बाद टीएमसी के जमीनी स्तर के नेताओं का दोबारा जीत में भरोसा कायम हुआ।
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इसके अलावा प्रशांत किशोर भी ममता बनर्जी की तरह नागरिकता कानून (CAA) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के कड़े आलोचक रहे हैं।
सुरक्षा मिलने पर विपक्ष का विरोध
प्रशांत किशोर को जेड श्रेणी सुरक्षा दिए जाने का अब विरोध भी शुरू हो गया है। माकपा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने राज्य सरकार से पूछा कि पश्चिम बंगाल से कोई संबंध न होने के बावजूद प्रशांत किशोर को 'जेड' श्रेणी सुरक्षा क्यों दी जा रही है ?