महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन: SC पहुंची शिवसेना, कहा-BJP को 48, हमें 24 घंटे क्यों?

जानकारी के अनुसार एनसीपी ने आज सुबह 11:30 बजे राज्यपाल को एक खत लिखा था, जिसमें दो दिन का समय मांगा था। राज्यपाल ने एनसीपी के पत्र को आधार बना कर गृहमंत्रालय से महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की।

Update: 2019-11-12 10:43 GMT

महाराष्ट्र: यहां सरकार बनाने को लेकर लगातार राजनीतिक दल अपना हित साधने में लगे हैं। ले​किन फिर भी सरकार नहीं बन पाई है,और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है। वहीं राज्यपाल के इस फैसले के खिलाफ शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।

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शिवसेना का कहना है कि उन्हें दावा पेश करने के लिए सिर्फ 24 घंटे का समय दिया गया, जबकि बीजेपी को 48 घंटे का वक्त दिया गया था। शिवसेना ने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने सरकार बनाने के अवसर से इनकार करने के लिए बीजेपी के इशारे पर जल्दबाजी में काम किया। बता दें कि इस मामले में जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े की अगुआई वाली पीठ कल सुनवाई कर सकती है।

अब तक क्या हुआ महाराष्ट्र में

राज्‍य में भाजपा 105 विधायकों के साथ सबसे बड़ी विधायक संख्या वाली पार्टी है। लेकिन बीते शनिवार को भाजपा ने सरकार गठन में असमर्थता जाहिर कर दी थी। इसके बाद राज्‍यपाल ने रविवार को 56 विधायकों के साथ शिवसेना को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। लेकिन, पार्टी कांग्रेस और एनसीपी से समर्थन के पत्र उपलब्ध नहीं करा सकी। शिवसेना ने राज्यपाल से और समय मांगा, जिन्होंने अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया।

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जानकारी के अनुसार एनसीपी ने आज सुबह 11:30 बजे राज्यपाल को एक खत लिखा था, जिसमें दो दिन का समय मांगा था। राज्यपाल ने एनसीपी के पत्र को आधार बना कर गृहमंत्रालय से महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की।

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