राम मंदिर भूमि पूजन: राहुल गांधी ने ट्वीट कर, किया अपने भाव प्रकट

अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन और आधार शिला रखने के मौके पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर भगवान राम को प्रेम, करूणा और न्याय बताते हुए कहा है कि राम कभी अन्याय में प्रकट नहीं हो सकते।

Update: 2020-08-05 10:09 GMT

लखनऊ: अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन और आधार शिला रखने के मौके पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर भगवान राम को प्रेम, करूणा और न्याय बताते हुए कहा है कि राम कभी अन्याय में प्रकट नहीं हो सकते।

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राहुल गांधी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम सर्वोत्तम मानवीय गुणों का स्वरूप हैं। वे हमारे मन की गहराइयों में बसी मानवता की मूल भावना हैं। राम प्रेम हैं, वे कभी घृणा में प्रकट नहीं हो सकते। राम करुणा हैं, वे कभी क्रूरता में प्रकट नहीं हो सकते। राम न्याय हैं, वे कभी अन्याय में प्रकट नहीं हो सकते।



कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी वक्तव्य जारी कर कहा

इससे पहले कल यानी मंगलवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी वक्तव्य जारी कर कहा था कि राम मंदिर भूमिपूजन कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का कार्यक्रम बने। प्रियंका ने कहा था कि राम सबके हैं और सबका कल्याण चाहते हैं। दुनिया और भारतीय उपमहाद्वीप की संस्कृति में रामायण की गहरी और अमिट छाप है। भगवान राम, माता सीता और रामायण की गाथा हजारों वर्षों से हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक स्मृतियों में प्रकाशपुंज की तरह आलोकित है। प्रियंका ने कहा है कि रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम उनके संदेश को प्रसारित करने वाला राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का कार्यक्रम बने।

मंगलवार को जारी अपने संदेश में कांग्रेस महासचिव ने कहा कि भारतीय मनीषा रामायण के प्रसंगों से धर्म, नीति, कर्तव्यपरायणता, त्याग, उदात्तता, प्रेम और सेवा की प्रेरणा पाती रही है। उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम तक रामकथा अनेक रूपों में स्वयं को अभिव्यक्त करती चली आ रही है। श्रीहरि के अनगिनत रूपों की तरह ही रामकथा हरिकथा अनंता है। उन्होंने कहा कि युग-युगांतर से भगवान राम का चरित्र भारतीय भूभाग में मानवता को जोड़ने का सूत्र रहा है। भगवान राम आश्रय हैं और त्याग भी। राम सबरी के भी हैं, सुग्रीव के भी। राम वाल्मीकि के हैं और भास के भी। राम कंबन के हैं और एषुत्तच्छन के भी। राम कबीर के हैं, तुलसीदास के हैं, रैदास के हैं। सबके दाता राम हैं। ’गांधी के रघुपति राघव राजा राम सबको सम्मति देने वाले हैं। वारिस अली शाह कहते हैं जो रब है वही राम है।

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प्रियंका ने कहा कि राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त राम को 'निर्बल का बल' कहते हैं

प्रियंका ने कहा कि राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त राम को 'निर्बल का बल' कहते हैं। तो महाप्राण निराला 'वह एक और मन रहा राम का जो न थका' की कालजयी पंक्तियों से भगवान राम को 'शक्ति की मौलिक कल्पना' कहते हैं। राम साहस हैं, राम संगम हैं, राम संयम हैं, राम सहयोगी हैं। 'राम सबके हैं। भगवान राम सबका कल्याण चाहते हैं।' इसीलिए वे मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। उन्होंने अपने वक्तव्य का अंत जय सियाराम से किया।

रिपोर्ट- मनीष श्रीवास्तव

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