चुनाव से पहले ही महागठबंधन में घमासान, सीट शेयरिंग पर इन दो दलों में तकरार

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार के आवास पर शुक्रवार को हुई बैठक में कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा की।

Update: 2020-06-05 14:31 GMT

अंशुमान तिवारी

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही राज्य में सियासी सरगर्मियांभी तेज होती जा रही है। भाजपा की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की वर्चुअल रैलियों की तैयारियां की जा रही हैं तो महागठबंधन में राजद और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग और नेतृत्व को लेकर महाभारत शुरू हो गई है। कांग्रेस की ओर से पिछले विधानसभा चुनाव से ज्यादा सीटों का दावा किया गया है तो और राजद ने इसका जवाब देते हुए कहा है कि कांग्रेस को अपनी औकात भी देखनी चाहिए।

कांग्रेसी नेताओं की बैठक में रणनीति पर चर्चा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार के आवास पर शुक्रवार को हुई बैठक में कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा की। इस बैठक में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, सदानंद सिंह, राज्यसभा सदस्य अखिलेश सिंह, तारिक अनवर सहित अनेक वरिष्ठ नेता मौजूद थे। बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी को और मजबूत बनाने का फैसला किया गया।

 

कांग्रेस ने मांगीं ज्यादा सीटें

बैठक के बाद कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह ने इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को अधिक सीटें देने की मांग की। उन्होंने कहा कि पिछली बार राजद के साथ गठबंधन में शामिल जदयू 102 सीटों पर चुनाव लड़ा था मगर इस बार वह गठबंधन से बाहर है। ऐसे में उसके खाते वाली 102 सीटों पर महागठबंधन के घटक दलों का हक बनता है और इनका बंटवारा उनके बीच किया जाना चाहिए। इसमें भी कांग्रेस को सबसे बड़ा हिस्सा मिलना चाहिए।

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कांग्रेश करे महागठबंधन की अगुवाई

पार्टी के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ने एक कदम और आगे बढ़ते हुए कांग्रेस के नेतृत्व में चुनाव लड़े जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि सिर्फ कांग्रेस पार्टी में ही देश का नेतृत्व करने की क्षमता है। ऐसे में उसकी अगुवाई में ही विधानसभा चुनाव लड़ा जाना चाहिए। माना जा रहा है कि कांग्रेस नेताओं के इन बयानों से राजद पर दबाव काफी बढ़ गया है।

अपनी औकात भूल गई है कांग्रेस

दूसरी ओर महागठबंधन में सीट शेयरिंग व नेतृत्व को लेकर कांग्रेसी नेताओं के बयान पर राजद में तीखी प्रतिक्रिया जताई है। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि ऐसे दावे करने से पहले कांग्रेस को अपनी औकात भी देखनी चाहिए। केवल सीट ले लेने से कोई पार्टी चुनाव नहीं जीतती। कांग्रेस बिहार में अपनी औकात भूल गई है। उन्होंने कहा कि सीटों के बारे में बिहार कांग्रेस के नेताओं को किसी प्रकार की कोई बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बाबत फैसला केंद्रीय नेतृत्व के साथ बातचीत के बाद किया जाएगा। सीट शेयरिंग पर बातचीत सोनिया गांधी और राहुल गांधी से की जाएगी।

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महागठबंधन में पड़ी दरार

कांग्रेस और राजद नेताओं के इन बयानों से समझा जा सकता है कि चुनाव से पहले ही महागठबंधन में दरार पड़ चुकी है। चुनाव की तारीखें नजदीक आने के साथ ही सीटों को लेकर खींचतान और तेज होने की संभावना है। सियासी जानकारों का कहना है कि सीटों को लेकर छिड़े सियासी घमासान को सुलझाना इतना आसान नहीं है।

 

भाजपा कर रही रैली की तैयारियां

दूसरी और भाजपा ने भी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह की वर्चुअल रैली की तैयारियां तेजी से की जा रही है। शाह की रैली 9 जून को प्रस्तावित है। शाह की रैली के बाद पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा की रैली भी प्रस्तावित है। हालांकि अभी तक उनकी रैली की तारीख नहीं तय हो सकी है।

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