स्वरूपानंद का दावा, मेरे कहने पर राजीव गांधी ने खोला था मंदिर का ताला

Update:2016-01-30 14:30 IST

वाराणसी : प्रणब मुखर्जी ने अपनी किताब 'टरबुलेंट इयर्स : 1980-96' में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के राम मंदिर का ताला खुलवाने को 'एरर ऑफ़ जजमेंट' कहा था। उनका मानना है कि राजीव सरकार का यह निर्णय गलत था। उसी बात को आगे बढ़ाते हुए वाराणसी द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने शुक्रवार को सनसनीखेज बयान दिया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन पीएम राजीव गांधी ने उनके कहने पर ही अयोध्या में राम मंदिर का ताला खुलवाया था। उनका दावा है कि राजीव गांधी ने ताला खोलने की सलाह मांगने के लिए उन्हें फोन किया था।

स्वरूपानंद का दावा ?

स्वरूपानंद ने कहा कि उन्होंने ही राजीव गांधी से ताला खोलने को कहा था। ऐसा नहीं करने पर कई लोग आत्मदाह कर सकते थे।

पूर्व पीएम पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप

उनके मुताबिक राजीव गांधी ने मुस्लिम तुष्टीकरण के कारण इस बात को छुपाया जो उनकी सबसे बड़ी भूल थी। उन्हें राम मंदिर का ताला खुलवाने की बात देशवासियों को बतानी चाहिए थी।

पी. वी. नरसिंहराव को भी लिया लपेटे में

शंकराचार्य ने कहा कि विवादित ढांचा गिराए जाने के वक्त यदि तत्कालीन पीएम पी. वी. नरसिंहराव पेरामिलेट्री फोर्स भेज देते तो रामलला की मूर्ति भी सुरक्षित नहीं रह पाती।

कल्याण सिंह को ठहराया जिम्मेदार

स्वरूपानंद विवादित ढांचा गिराए जाने के लिए सीधे तत्कालीन सीएम कल्याण सिंह को जिम्मेदार ठहराते हैं। उन्होंनें बीएचपी और संघ पर राम मंदिर आंदोलन को भटकाने का आरोप लगाया।

राम मंदिर की वकालत

शंकराचार्य ने कहा अयोध्या में राम का जन्मस्थान है। इसलिए वहां बालक राम का मंदिर बनना चाहिए।

स्वरूपानंद की कही मुख्य बातें

-स्वरूपानंद का दावा राजीव गांधी ने उनकी सलाह पर खोला था राम मंदिर का ताला।

-राजीव ने ताला खोलने के लिए स्वरूपानंद से ली थी सलाह।

-राजीव ने मुस्लिम तुष्टीकरण के कारण इसे नहीं बताया।

-राजीव को देश को नहीं बताना उनकी बड़ी राजनीतिक भूल।

-विवादित ढांचा गिराने के लिए तत्कालीन सीएम कल्याण सिंह थे जिम्मेदार।

-बीएचपी और संघ ने राम मंदिर आन्दोलन को भटका दिया।

-अयोध्या में राम का जन्म हुआ था। इसलिए वहां राम का बाल मंदिर बनना चाहिए।

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