इस विधानसभा में दलों की टक्कर नहीं, आमने-सामने होंगे त्रिपाठी बनाम त्रिपाठी

यूपी में पिछले तीन चार महीनों से ब्राम्हण राजनीतिक गरमाई हुई है। इसी को देखते हुए ब्राह्मण बाहुल्य देवरिया सदर सीट पर चारों राजनीतिक दलों भाजपा बसपा, कांग्रेस और सपा ने ब्राम्हण उम्मीदवारों पर अपना दांव लगाया है।

Update: 2020-10-16 05:26 GMT
इस विधानसभा में दलों की टक्कर नहीं, आमने-सामने होंगे त्रिपाठी बनाम त्रिपाठी (Photo by social media)

श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: यूपी की सात विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव में देवरिया की सदर सीट पर मुकाबला सबसे दिलचस्प होने जा रहा है। विधानसभा के इतिहास में यह पहला मौका होगा कि जब पहले से ही तय हो गया हो कि किसी सीट का विधायक कोई 'त्रिपाठी' ही बनेगा। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि यहां के वोटर कह रहे हैं। इसके पीछे उनका अपना तर्क भी हैं क्योंकि इस पर चारों प्रमुख दलों ने अपना प्रत्याशी त्रिपाठी ही बनाया है। सभी प्रत्याशी त्रिपाठी होने के कारण मुकाबला 'त्रिपाठी बनाम त्रिपाठी' हो गया है।

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यूपी में पिछले तीन चार महीनों से ब्राम्हण राजनीतिक गरमाई हुई है

यूपी में पिछले तीन चार महीनों से ब्राम्हण राजनीतिक गरमाई हुई है। इसी को देखते हुए ब्राह्मण बाहुल्य देवरिया सदर सीट पर चारों राजनीतिक दलों भाजपा बसपा, कांग्रेस और सपा ने ब्राम्हण उम्मीदवारों पर अपना दांव लगाया है। भाजपा विधायक जन्मेजय सिंह के निधन के कारण हो रहे उपचुनाव में सबसे पहले .बसपा ने इस सीट पर अपने प्रत्याशी अभय नाथ त्रिपाठी को चुनाव मैदान में उतारा। उसके बाद कांग्रेस ने मुकुंद भास्कर मणि त्रिपाठी को प्रत्याशी बनाया। फिर कई विवादों के बाद सपा ने अंतिम समय पर पूर्व मंत्री मंत्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी को चुनाव मैदान में उतार दिया। अब भाजपा ने भी काफी मशक्कत के बाद सत्यप्रकाश त्रिपाठी को अपना प्रत्याशी बना दिया है।

अभय नाथ त्रिपाठी 2017 के विधानसभा चुनाव के समय बसपा में शामिल हुए थे

अभय नाथ त्रिपाठी 2017 के विधानसभा चुनाव के समय लेखपाल की सरकारी नौकरी छोड़कर बसपा में शामिल हुए थे। पिछला चुनाव वह बसपा के टिकट पर इस सीट से लड़ चुके हैं पर चुनाव मैदान में वह भाजपा के जन्मेजय सिंह से हार गए थें।

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सपा के प्रत्याशी ब्रह्माशंकर त्रिपाठी पांच बार लगातार विधायक हुए

समाजवादी पाटी के प्रत्याशी ब्रह्माशंकर त्रिपाठी पूर्व वर्ती समाजवादी पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं और पांच बार लगातार विधायक हुए। पर पिछले विधानसभा चुनाव में वह देवरिया की कसया सीट पर भाजपा के रजनीकांत मणि त्रिपाठी से चुनाव हार गए थें। इस बार समाजवादी पार्टी ने उन्हें देवरिया सदर से उम्मीदवार घोषित किया है।

भाजपा के जिन डॉ. सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी को चुनाव मैदान में उतारा गया है

भारतीय जनता पार्टी के जिन डॉ. सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी को चुनाव मैदान में उतारा गया है। वह देवरिया जिला पंचायत सदस्य भी रहे हैं । सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी राजनीति में बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं रहे पर डिग्री कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर होने के नाते उनकी राजनीतिक समझ बेहतरीन है। भाजपा ने जन्मेजय सिंह के पुत्र को टिकट न देकर सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी पर दांव लगा दिया है। पार्टी को इसका नुकसान हो सकता है।

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कांग्रेस ने मुकुंद भास्कर मणि त्रिपाठी को देवरिया सदर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है

कांग्रेस ने मुकुंद भास्कर मणि त्रिपाठी को देवरिया सदर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय रहे मुकुंद भास्कर मणि त्रिपाठी यूथ कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री भी रह चुके हैं।

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