बीजेपी के जातीय सम्मेलन का सपा दे रही ये जवाब, जानिए क्या है रणनीति

Update: 2018-09-24 06:54 GMT

लखनऊ: बीजेपी के जातीय सम्मेलनों के जवाब में समाजवादी पार्टी जिलावार पिछड़ा वर्ग सामाजिक न्याय सम्मेलन आयोजित कर रही है। इन सम्मेलनों में सजातीय नेताओं को अगुवा बनाया गया है जो जिलों में पिछड़े व अतिपिछड़े वर्ग के मतदाताओं के सामने बीजेपी के लुभावने जातीय सम्मेलनों की हकीकत बयां करेंगे। इसके जरिए सपा पिछड़े व अति पिछड़े वर्ग के मतदाताओं को सतर्क करेगी।

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दरअसल बीजेपी के जातीय सम्मेलनों के जवाब में सपा जिलावार सम्मेलन शुरू कर चुकी है। पहले चरण में पूर्वांचल के सात जिलों में 27 अगस्त से 2 सितम्बर के बीच सम्मेलन हुआ। दूसरे चरण में भी सात जिलों में पिछड़ा वर्ग सम्मेलन प्रस्तावित हैं। इनका आयोजन 25 सितम्बर से दो अक्टूबर के बीच होगा। इसके अलावा प्रदेश भर में 3 से 7 अक्टूबर तक विधानसभावार बूथ सम्मेलन होंगे।

पहले चरण में गाजीपुर, मऊ, बलिया, देवरिया, कुशीनगर, गोरखपुर और संतकबीरनगर में पिछड़ा वर्ग सामाजिक न्याय सम्मेलन हुए। दूसरे चरण में होने वाले सम्मेलन में जगदीशपुर(अमेठी), सुल्तानपुर, जौनपुर, भदोही, वाराणसी, चन्दौली और सोनभद्र जिले शामिल हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के मुताबिक विधानसभा क्षेत्र सम्मेलन 3 से 7 अक्टूबर तक होने के कारण मिर्ज़ापुर, इलाहाबाद, कौशाम्बी, फतेहपुर, रायबरेली जिले के कार्यक्रम की घोषणा बाद में की जाएगी।

राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव लौटनराम निषाद का कहना है कि इन सम्मेलनों का मकसद पिछड़े व अतिपिछड़े वर्ग को बीजेपी के फैलाए जा रहे दुष्प्रचार की सच्चाई से अवगत कराना है।

विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी ने दुष्प्रचार किया कि 86 एसडीएम के पदों पर 56 यादव जाति के अभ्यर्थी नियुक्त हुए हैं। इसका असर अन्य पिछड़ी जातियों पर पड़ा। जबकि इसकी जगह सिर्फ 5 यादव नियुक्त हुए थे। इसके अलावा चुनाव के समय बीजेपी को जो परिवर्तन रथ निकाला गया। उस पर केशव प्रसाद मौर्या और उमा भारती के चित्र लगे थे। पर हुआ इसका उल्टा।

सम्मेलनों में शिकरत करेंगे यह नेता

सम्मेलन में दयाराम प्रजापति(प्रदेश अध्यक्ष-सपा पिछड़ावर्ग प्रकोष्ठ),राम आसरे विश्वकर्मा(पूर्व अध्यक्ष-पिछड़ावर्ग आयोग), चौ.लौटनराम निषाद(राष्ट्रीय सचिव-राष्ट्रीय निषाद संघ व सामाजिक न्याय चिंतक), राजनारायण बिन्द(पूर्व उपाध्यक्ष-पिछड़ावर्ग आयोग), रामदुलारे राजभर(पूर्व अध्यक्ष-अनु. जाति/अनु. ज.जाति आयोग), रामजतन राजभर(एमएलसी), रामसुन्दर दास निषाद(एमएलसी), लालता प्रसाद बियार, अविनाश कुशवाहा(पूर्व विधायक), रामहरि चौहान, डॉ. अवधनाथ पाल शामिल होंगे।

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