आम आदमी ने खारिज किया आप को , फिर भी सांत्वना पुरस्कार मिल गया
आम आदमी पार्टी ने इस बार अपने चुनावी अभियान की शुरुआत की उसे कोई खास सफलता तो नहीं मिली पर कुछ जगहों पर उसके खाते जरुर खुले है। वैसे तो लखनऊ में ब
लखनऊ:आम आदमी पार्टी ने इस बार अपने चुनावी अभियान की शुरुआत की उसे कोई खास सफलता तो नहीं मिली पर कुछ जगहों पर उसके खाते जरुर खुले है। वैसे तो लखनऊ में बड़े शोर शराबे से लड़े चुनाव में मेयर के पद पर उनकी प्रत्याशी प्रियंका माहेश्वरी समेत लखनऊ के सभी वार्ड में उसके प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई है वहीं ज्यादातर नगर निगमों में उसके प्रत्याशी जमानत की राशि वापस नहीं पा सके।
ये बात और है कि इस पार्टी को चुनाव से काफी कुछ मिला भी है। 3 नगर निमग पार्षद, 10 नगर निगम सदस्य, 2 नगर पंचायत अध्यक्ष और 17 नगर पंचायत सदस्य आप के टिकट पर सदन में पहुंच गये है। वैसे तो यह चुनावों के लिहाज से बेहद निराशा जनक प्रदर्शन कहा जाएगा पर अगर आप चाहे तो इसे एक शुरुआत के तौर पर देख सकती है।
यह भी सच्चाई है कि अरविंद केजरीवाल के शहर की सरकार की अवधारणा को यूपी के मतदाताओं ने जहां खारिज किया है वहीं उसके टिकट पर जीतने वाले अपने व्यक्तिगत प्रभाव के चलते भी जीते है। ऐसे में पार्टी को यहां राजनीतिक जमीन बनाने के लिए काफी मेहनत करनी होगी।