आ गया चुनावी यात्राओं का मौसम, जनता भांप रही है हवा का रुख
बीजेपी इसी महीने राज्य के चार हिस्सों से यात्रा शुरु करेगी। यात्रा 100 दिनों की होगी जो सभी 403 विधानसभा को कवर करेगी त्योहारों में यात्रा रूकी रहेगी। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने 6 सितंबर से पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया से खाट पंचायत शुरू की ।
लखनऊ: चुनाव का मौसम आते ही राजनीतिक दलों की यात्राओं का भी दौर शुरु हो जाता है। राजनीतिक पार्टियां मतदाताओं को लुभाने निकल पड़ती हैं । सत्ता में रही पार्टी अपनी उपलब्धियों को जनता को बताती हैं तो विरोधी पार्टियां सरकार की नाकामी को जनता के सामने रखने का प्रयास करती हैं ।
यूपी विधानसभा चुनाव भी अब सामने है इसलिए यहां भी यात्राएं शुरु हो गई हैं ।कुछ की चल रही हैं तो कुछ इसकी तैयारी में लगी हैं । अब ये तो मतदाताओं पर निर्भर करता है कि वो किस पार्टी को चुनती है । हालांकि प्रयास तो सभी पार्टियों का होता है कि वो जनता के ज्यादा से ज्यादा करीब जाए।
कांग्रेस की यात्रा
-पिछले 27 साल से यूपी में सत्ता से दूर कांग्रेस ने ' 27 साल यूपी बेहाल ' नाम से यात्रा शुरु की है जिसका नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर और सीएम पद की प्रत्याशी शीला दीक्षित कर रही हैं ।यात्रा में पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी,संजय सिंह, रीता बहुगुणा जोशी और पीएल पुनिया भी होते हैं।
-पार्टी के एक नेता का कहना है कि इस यात्रा को उतनी सफलता नहीं मिल पा रही है जितनी उम्मीद की जा रही थी । इसका एक कारण शीला दीक्षित का स्वास्थ्य भी है । उम्रदराज होने के कारण वो अक्सर बीमार हो जाती हैं जिससे हर जगह उनका पहुंच पाना मुश्किल होता है।
-हालांकि राज बब्बर यात्रा को सफल मानते हैं और उनका कहना है कि कांग्रेस का गठजोड़ जनता के साथ है । कांग्रेस चुनाव में किसी राजनीतिक दल के साथ कोई तालमेल या गठजोड़ नहीं करना चाहती।
-इस यात्रा को लेकर पार्टी ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर पेज भी बनाया है जिसमें दिखाया गया है कि 6 लाख लोग इससे जुड़ चुके हैं । कांग्रेस की इस यात्रा को अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया था।
राहुल ने शुरु की 6 सितंबर से खाट पंचायत
-कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने 6 सितंबर से पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया से खाट पंचायत शुरू की । लेकिन इस खाट पंचायत की भद्द पिट गई ।खाट पंचायत में आए लोग खाट ले उड़े ।जिन्हें खाट नहीं मिली वो उसका पाया ही लेकर चलते बने।
-देवरिया से कांग्रेस का खास रिश्ता है । खासकर दिवंगत इंदिरा गांधी के कारण । इंदिरा गांधी देवरिया देवरहा बाबा से आशीर्वाद लेने आया करती थी । देवरहा बाबा की सलाह पर ही उन्होंने कांग्रेस का चुनाव चिह्न हाथ का पंजा रखा था।
-लोकसभा के लिए 1977 के चुनाव में जब कांग्रेस की बुरी तरह पराजय हुई तो इंदिरा गांधी एक बार फिर देवरहा बाबा की शरण में पहुंची और आशीर्वाद लिया । नतीजा हुआ कि 1980 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस फिर से सत्ता में आ गईं।
-लोकसभा के 1989 के चुनाव में दिवंगत राजीव गांधी और सोनिया गांधी भी देवरहा बाबा से आशीर्वाद लेने आए थे । संभवत: राहुल मानते हैं कि देवरिया से शुरु होने वाली यात्रा से यूपी में पार्टी की पटरी से उतरी गाड़ी फिर से रास्ते पर आ जाएगी।
समाजवादी पार्टी
-सपा के प्रदेश अध्यक्ष और सीएम अखिलेश यादव 13 सितंबर से विकास रथ यात्रा शुरू करेंगे यात्रा के लिए बने रथ को अत्याधुनिक बनाया गया है । रथ वाई फाई से लैस होगा ओर इसमें थकावट होने पर आराम करने की सुविधा भी होगी ।
-बड़ी कार के बने रथ को सीएम के मिनी कार्यालय का रुप दिया गया है। सीएम यात्रा के दौरान सरकारी कामकाज भी निपटा सकेंगे। रथ को लाल और हरे रंग से रंगा गया है। यही सपा के झंडे का भी रंग है।
-विधानसभा के 2012 के चुनाव में अखिलेश ने क्रांति यात्रा की थी। उस यात्रा को उम्मीद से ज्यादा सफलता मिली थी और अखिलेश युवा नेता के रूप में सामने आए थे। पार्टी ने 224 सीटें जीत कर पूरे बहुमत की सरकार बनाई थी । अखिलेश ने बीच बीच में साइकिल यात्रा भी की ।
-सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने भी 1988-89 में क्रांति यात्रा की थी। उनकी यात्रा भी इस मायने में सफल कही जा सकती है कि उसके बाद चुनाव में कांग्रेस के पैर यूपी से उखड़ गए। उनके निशाने पर कांग्रेस हुआ करती थी।
बीजेपी की यात्रा
-करीब दो महीने पहले शुरु बौद्ध भिक्षुओं की यात्रा को भारतीय जनता पार्टी ने पूरा समर्थन दिया । वाराणसी के सारनाथ से केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उसे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इसे आगरा में संबोधित किया। आगरा दलितों की राजधानी मानी जाती है।
-इस यात्रा का मकसद दलितों को अपने पाले में करना माना जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी 14 अक्तूबर को राजधानी में इसका समापन करेंगे ।
-बीजेपी के प्रदेश महासचिव विजय बहादुर पाठक कहते हैं कि पार्टी इसी महीने राज्य के चार हिस्सों से यात्रा शुरु करेगी। हालांकि उसकी तारीख अभी तय नहीं हुई है लेकिन यात्रा का कार्यक्रम तय हो गया है। यात्रा 100 दिनों की होगी जो सभी 403 विधानसभा को कवर करेगी । त्योहारों में यात्रा रूकी रहेगी ।
बसपा नहीं करती यात्रा
-बसपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जो चुनावी यात्रा में विश्वास नहीं करती। चुनाव में ऐसे तो बसपा के सभी बड़े छोटे नेता प्रचार करते हैं लेकिन पार्टी की स्टार प्रचारक अध्यक्ष मायावती होती हैं। चुनावों में मायावती तूफानी दौरा करती हैं ।
-राजनीतिक प्रेक्षक कहते हैं कि अब मतदाता पूरी तरह से जागरूक हैं। वो पहले ही गुण दोष के आधार पर तय कर लेते हैं कि किस पार्टी या किस प्रत्याशी को वोट देना हैं। ये अभी तो भविष्य के गर्भ में है कि यात्राओं से किस पार्टी को कितना फायदा मिलता है
( फोटो: साभार-5duniyanews, therisingnews,instreetreporter )