पंजाब में चुनाव से पहले CM चन्नी को लगा झटका, चचेरे भाई ने थामा भाजपा का दामन

चुनाव आयोग की ओर से पंजाब के चुनाव कार्यक्रम की भी घोषणा की जा चुकी है। कार्यक्रम के मुताबिक पंजाब में एक चरण में ही 14 फरवरी को मतदान होना है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2022-01-12 15:31 IST

चरणजीत सिंह चन्नी(फोटो-सोशल मीडिया)

Punjab Election 2022: पंजाब में भी विधानसभा चुनाव (punjab election 2022) से पहले पाला बदलने का खेल शुरू हो गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपना कुनबा सहेजने में भी नाकाम साबित होते दिख रहे हैं। उनके चचेरे भाई जसविंदर सिंह धालीवाल ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

चुनाव आयोग की ओर से पंजाब के चुनाव कार्यक्रम की भी घोषणा की जा चुकी है। कार्यक्रम के मुताबिक पंजाब में एक चरण में ही 14 फरवरी को मतदान होना है। नामांकन की तिथि नजदीक आने से पहले राज्य में पाला बदलने का खेल शुरू हो गया है। इसी कड़ी में चन्नी के चचेरे भाई ने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है। जसविंदर सिंह का भाजपा में शामिल होना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

कई और नेता भाजपा में शामिल

हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के समय सुरक्षा चूक के मामले को लेकर खासा विवाद पैदा हुआ था। इसे लेकर भाजपा ने चन्नी सरकार पर बड़ा निशाना साधा था। अब भाजपा ने चन्नी के चचेरे भाई को पार्टी में शामिल करके उन्हें बड़ा झटका दिया है।

इससे पहले भाजपा ने मंगलवार को पंजाब के कई और नेताओं को पार्टी में शामिल किया था। इन नेताओं में विधायक अरविंद खन्ना, शिरोमणि अकाली दल के नेता गुरदीप सिंह गोशा और धर्मवीर सारिन शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में इन सभी नेताओं को भाजपा की सदस्यता ग्रहण कराई।

इन नेताओं के अलावा कई और चेहरों ने भी भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है। इन नेताओं में अकाली दल के नेता गुरतेज सिंह गुंधियाना, कमल बख्शी, जगदीप सिंह धालीवाल, पूर्व क्रिकेटर दिनेश मोंगिया और रामदेव खालसी शामिल हैं।

कैप्टन के साथ भाजपा का गठबंधन

पंजाब के विधानसभा चुनाव में इस बार सियासी हालात पूरी तरह बदले हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी का अकाली दल से गठबंधन टूट चुका है और भाजपा इस बार पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतर रही है। कैप्टन की भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी है। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि दोनों पार्टियां कितनी कितनी सीटों पर चुनाव मैदान में उतरेंगी।

कैप्टन और भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले को बड़ा मुद्दा बना लिया है। भाजपा ने इस बाबत राज्यपाल से मुलाकात करके राज्य के गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और डीजीपी को बर्खास्त करने की भी मांग की थी।

मतदान की तारीख बदलने की मांग

इस बीच राज्य में मतदान की तारीख को लेकर भी विवाद पैदा हो गया है। अकाली दल के साथ गठबंधन करने वाली बसपा की ओर से मतदान की तारीख बदलने की मांग की जा रही है। बसपा का कहना है कि 16 फरवरी को गुरु रविदास की जयंती है।

ऐसे में पंजाब से हजारों अनुयायी 13-14 फरवरी को ही वाराणसी स्थित गुरु रविदास के जन्म स्थान सीर गोवर्धन रवाना हो जाएंगे। बसपा की पंजाब इकाई के अध्यक्ष जसवीर सिंह गढ़ी ने कहा कि वाराणसी जाने वाले श्रद्धालु मतदान में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।

उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए चुनाव आयोग को मतदान की तारीख में बदलाव का फैसला लेना चाहिए। उन्होंने मतदान की तिथि 14 फरवरी से बदलकर 20 फरवरी करने की मांग की है।

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