पंजाब में सुनील जाखड़ का तल्ख तेवर, हरियाणा चुनाव से बनाई दूरी, बिट्टू की ताजपोशी से नाराजगी बरकरार

Punjab Politics: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए पांच अक्टूबर को मतदान होने वाला है मगर जाखड़ ने अभी तक हरियाणा में भाजपा के चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लिया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-10-02 14:07 IST

Sunil Jakhar and Ravneet Singh Bittu (photo: social media )

Punjab Politics: भाजपा की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सुनील जाखड़ इन दिनों पार्टी नेतृत्व से खासे नाराज है। भाजपा ने लगातार तीसरी बार हरियाणा के चुनाव में जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत जरूर रखी है मगर जाखड़ ने हरियाणा चुनाव से पूरी तरह दूरी बना रखी है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए पांच अक्टूबर को मतदान होने वाला है मगर जाखड़ ने अभी तक हरियाणा में भाजपा के चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लिया है।

जाखड़ ने जुलाई महीने से ही भाजपा की बैठकों से भी दूरी बना रखी है। जाखड़ मोदी सरकार में रवनीत सिंह बिट्टू की ताजपोशी से नाराज बताए जा रहे हैं। पिछले दिनों उनके भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा की खबर भी आई थी मगर बाद में पार्टी के प्रदेश महासचिव की ओर से इस खबर का खंडन किया गया था।

साल भर पहले बने थे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष

सुनील जाखड़ को एक समय पंजाब में कांग्रेस का दिग्गज माना जाता था। जुलाई 2022 में पंजाब में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को शिकस्त झेलनी पड़ी थी। इस हार के तीन महीने बाद जाखड़ ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। उनका इस्तीफा कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना गया था।

पिछले साल जुलाई महीने के दौरान उन्हें पंजाब भाजपा इकाई के प्रमुख की कुर्सी सौंपी गई थी। अश्विनी शर्मा की जगह उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। अध्यक्ष बनने के बाद शुरुआत में तो उन्होंने काफी सक्रियता दिखाई मगर हाल के दिनों में उन्होंने भाजपा के कार्यक्रमों से दूरी बना रखी है।

बिट्टू को तरक्की दिए जाने से नाराज

सुनील जाखड़ की नाराजगी के पीछे पार्टी नेतृत्व की ओर से रवनीत सिंह बिट्टू को महत्व दिया जाना बड़ा कारण माना जा रहा है। बिट्टू ने भी कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। बिट्टू को मोदी सरकार में मंत्री बनाने के साथ ही राज्यसभा सदस्य भी बना दिया गया है।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि जाखड़ इस बात को लेकर नाराज हैं कि उन्होंने भाजपा को 18.5 फ़ीसदी वोट तक ला खड़ा किया मगर इसके बावजूद उन्हें पार्टी की ओर से कोई इनाम नहीं दिया गया बल्कि उनकी मेहनत के फल का फायदा रवनीत सिंह बिट्टू ने उठाया।

हरियाणा के चुनाव से बनाई दूरी

भाजपा नेतृत्व से नाराजगी के कारण ही जाखड़ ने हरियाणा के चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लिया। पंजाब से कई नेता चुनाव प्रचार के लिए हरियाणा गए हुए हैं मगर जाखड़ ने हरियाणा में किसी चुनावी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया। कुछ समय पहले उनके पंजाब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की खबर भी फैली थी।

बाद में पार्टी के महासचिव अनिल सरीन ने जाखड़ के इस्तीफा देने की खबरों का खंडन किया था। जाखड़ ने अभी तक खुद इस खबर का खंडन नहीं किया है। पिछले दिनों पार्टी नेताओं ने बैठक के लिए जाखड़ से संपर्क भी साधा था मगर जाखड़ ने पार्टी की बैठक में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था।

हाईकमान को बताया नाराजगी का कारण

जाखड़ के करीबी नेताओं का कहना है कि भाजपा में शामिल होने के समय जाखड़ से वादा किया गया था कि उन्हें प्रदेश भाजपा प्रमुख बनने के साथ ही राज्यसभा के सदस्यता भी दी जाएगी मगर पार्टी नेतृत्व की ओर से यह वादा पूरा नहीं किया गया। उन्होंने अपनी नाराजगी से पार्टी हाईकमान को भी अवगत करा दिया है।

पार्टी के संगठन महामंत्री से भी अभी तक जाखड़ का तालमेल नहीं बैठ पाया है। संगठन महामंत्री के दक्षिण भारतीय होने के कारण जाखड़ उनके साथ सामंजस्य नहीं बिठा पाए। जाखड़ पंजाब की भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ ही पंजाबी लोगों को सामने लाने पर जोर देते रहे हैं। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हुई हैं कि आखिरकार पार्टी नेतृत्व की ओर से जाखड़ को लेकर क्या फैसला लिया जाता है।

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