सोनिया गांधी ने शिक्षा नीति को लेकर सरकार पर बोला हमला, थ्री ‘सी’ के जरिए उठाए सवाल
Sonia Gandhi: कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने एक लेख के जरिए केंद्र सरकार पर शिक्षा के प्रति उदासीन होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार भारत के विद्यार्थियों और युवाओं की शिक्षा के प्रति उदासीन है।;
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Sonia Gandhi: कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार की शिक्षा नीति की आलोचना की है। उन्होंने इसे भारतीय शिक्षा के लिए खतरे का रुप बताया और जल्द समाधान निकालने की मांग की। उन्होंने थ्री सी के जरिए केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य ही सत्ता का केंद्रीकरण, पाठ्यपुस्तकों का सांप्रदायिकरण और शिक्षा का व्यवसायीकरण करना है। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार की शिक्षा नीति का छात्रों पर सीधा असर पड़ेगा और भारतीय शिक्षा प्रणाली को भी इससे खतरा है।
शिक्षा के प्रति उदासीन है सरकार
कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने एक लेख के जरिए केंद्र सरकार पर शिक्षा के प्रति उदासीन होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार भारत के विद्यार्थियों-युवाओं की शिक्षा और उनके भविष्य के प्रति उदासीन है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षानीति 2020 लागू होने के बाद भी केंद्र सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में तीन मुख्य एजेंडों को ही बढ़ावा दिया है। जिसमें शिक्षा का व्यवसायीकरण, सत्ता का केंद्रीकरण और पाठ्यपुस्तकों एवं संस्थानों का सांप्रदायिकरण शामिल हैं।
कांग्रेस नेता ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार सार्वजनिक शिक्षा से गरीब बच्चों को बाहर कर रही है और उन्हें निजी स्कूलों की तरफ जाने का मजबूर किया जा रहा है। सरकार ने उच्च शिक्षा में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ‘ब्लॉक अनुदान’ प्रणाली की जगह उच्च शिक्षा वित्तपोषण एजेंसी (एचईएफए) की शुरूआत कर दी है। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा में निजी निवेश को बढ़ावा देना ही है।
सरकार पर सांप्रदायिकता को बढ़ाना को लेकर सोनिया गांधी ने कहा कि भारतीय इतिहास के कुछ अहम हिस्सों को पाठ्यक्रम से हटाये जाने का प्रयास किया जा रहा है। जैसे कि मुगल भारत से संबंधित अनुभाग और महात्मा गांधी की हत्या। यहीं नहीं भारतीय संविधान की प्रस्तावना को भी कुछ समय के लिए पाठ्यपुस्तकों से हटाया गया था। लेकिन इसके सार्वजनिक तौर पर विरोध होने के बाद पाठ्यपुस्तक में दोबारा शामिल कर लिया गया।