Punjab Election 2022: सिद्धू के बाद चन्नी ने बढ़ाई कांग्रेस नेतृत्व की मुसीबतें, पंजाब में CM का चेहरा घोषित करने का दबाव बढ़ाया

Punjab Politics: एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि पार्टी की ओर से चुनाव में सीएम का चेहरा घोषित किया जाना चाहिए।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Monika
Update:2022-01-12 14:40 IST

नवजोत सिंह सिद्धू (photo: सोशल मीडिया ) 

Punjab Politics: पंजाब में कांग्रेस (Punjab Congress) की ओर से अभी तक मुख्यमंत्री पद (CM post) के चेहरे का ऐलान नहीं किया गया है मगर इसे लेकर पार्टी में खींचतान लगातार बढ़ती जा रही है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) सीएम चेहरा घोषित किए जाने के लिए पार्टी हाईकमान पर पहले ही दबाव बना चुके हैं। अब राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (CM Charanjit Singh Channi) की ओर से भी इसी तरह का बयान दिया गया है। उन्होंने एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान कहा कि पार्टी की ओर से चुनाव में सीएम का चेहरा घोषित किया जाना चाहिए।

पार्टी में उठापटक और गुटबाजी से बचने के लिए हाईकमान ने अभी तक के सीएम का चेहरा घोषित करने से परहेज किया है मगर पंजाब के दो प्रमुख कांग्रेसी नेताओं की ओर से दिए गए इस बयान के बाद पार्टी हाईकमान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वैसे कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी इस बार बगैर सीएम चेहरे के ही पंजाब विधानसभा चुनाव में उतरने का मन बना चुकी है।

सीएम चेहरा घोषित करने से होता है फायदा

एक पंजाबी टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में चन्नी ने कहा कि सीएम का चेहरा घोषित करने से पार्टी को लाभ होता है और इस कारण पार्टी की ओर से चुनाव से पहले सीएम चेहरे का ऐलान किया जाना चाहिए। उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव का उदाहरण भी दिया। कहा कि 2017 में सीएम चेहरा घोषित करने का पार्टी को काफी फायदा मिला था। इससे पहले जब भी पार्टी ने सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया तब-तब पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा है। इसलिए इस बार पार्टी को कोई चूक नहीं करनी चाहिए और सीएम पद का चेहरा जनता के बीच बताना चाहिए।

अपनी लोकप्रियता भी बताई

सीएम का चेहरा घोषित करने की मांग के साथ ही चन्नी ने अपनी खासियतें भी गिना दीं। उन्होंने कहा कि वे पंजाब के लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं और उनसे मुलाकात करने के लिए लोग बैरिकेडिंग तक तोड़ डालते हैं। वैसे पूछे जाने पर भी चन्नी ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि आखिरकार किसको पार्टी हाईकमान की ओर से सीएम पद का चेहरा बनाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस बात का फैसला तो पार्टी हाईकमान की ओर से ही किया जाएगा। वैसे अपनी लोकप्रियता बताने के चन्नी के दांव के पीछे खुद को सीएम पद का चेहरा बनाने का दबाव भी छिपा हुआ है। चन्नी के लिए एक प्लस पॉइंट यह भी है कि वे दलित मुख्यमंत्री हैं और राज्य में दलित मतदाताओं की संख्या करीब 32 फ़ीसदी है। वैसे हाईकमान ने अभी तक किसी को भी सीएम का चेहरा घोषित करने से परहेज किया है।

सिद्धू भी कर चुके हैं यह मांग

राज्य के दूसरे प्रमुख कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी समय-समय पर सीएम चेहरा घोषित करने की मांग करते रहे हैं। उन्होंने यह भी दलील दी थी कि 2017 के विधानसभा चुनाव में आप की ओर से किसी को भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं घोषित किया गया था और इसका पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा था। मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने यहां तक कह डाला कि राज्य के अगले सीएम का फैसला हाईकमान नहीं बल्कि पंजाब के लोग करेंगे।

राज्य के दो प्रमुख कांग्रेस नेताओं की ओर से एक ही मांग उठाए जाने के बाद कांग्रेस हाईकमान के मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। कांग्रेस हाईकमान को यह बात पता है कि सीएम का चेहरा घोषित करते ही राज्य में गुटबाजी और उठापटक तेज हो जाएगी। इसी कारण हाईकमान ने अभी तक इस कदम से किनारा कर रखा है।

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