Sidhu MooseWala Murder दुर्दांत Bambiha gang व Bishnoi gang में टकराव, पंजाब में हो सकती हैं अभी और कई हत्याएं
Sidhu MooseWala Murder पंजाब की गैंगवार चर्चा में आ गई है। जिसमें कुख्यात लारेंस बिश्नोई गैंग का नाम भी शामिल है जिसने मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली है।
Sidhu MooseWala Murder पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद बाम्बीहा गैंग चर्चा में आ गया है जिसके रिश्ते सिद्धू मूसेवाला से बताए जा रहे हैं और इसी के साथ पंजाब की गैंगवार चर्चा में आ गई है। जिसमें कुख्यात लारेंस बिश्नोई गैंग का नाम भी शामिल है जिसने मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए बाम्बीहा गैंग से अपनी पुरानी दुश्मनी का बदला लेने की बात कही है।
कांग्रेस नेता और पंजाबी रैपर सिद्धू मूस वाला की गोली मारकर हत्या करने के कुछ घंटे बाद, कनाडा के गैंगस्टर गोल्डी बरार ने उनकी हत्या की जिम्मेदारी ली। गोल्डी बरार बिश्नोई गिरोह के लॉरेंस बिश्नोई का करीबी सहयोगी है। एक फेसबुक पोस्ट में, बरार ने गायक की हत्या की जिम्मेदारी ली और लॉरेंस बिश्नोई का भी उल्लेख किया, जो वर्तमान में दिल्ली की तिहाड़ जेल में उच्च सुरक्षा वाले वार्ड में बंद है।
पंजाब के पुलिस महानिदेशक वी के भवरा के मुताबिक मूसावाला की हत्या अपराधी गिरोहों की प्रतिद्वंद्विता का नतीजा प्रतीत हो रही है। सिद्धू की हत्या के बाद से से पंजाब और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में और उसके आसपास सक्रिय गिरोह चर्चा में हैं।
हम बात करते हैं बंबिहा गैंग की यह लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के कट्टर प्रतिद्वंद्वी दविंदर बंबिहा का गिरोह है। एक सोशल मीडिया पोस्ट में, जिसे अब व्यापक रूप से ऑनलाइन साझा किया जा रहा है, उसमें बंबिहा गिरोह की ओर से कहा गया है कि लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार को मूसेवाला को नहीं मारना चाहिए था। बंबिहा गैंग के मुताबिक हत्या में पंजाबी सिंगर मनकीरत औलख शामिल है।
आपको बताते हैं बांबिहा गिरोह की कहानी। इस गिरोह को दविंदर बांबिहा चलाता था, जिसका असली नाम दविंदर सिंह सिद्धू था। वह एक समय का लोकप्रिय कबड्डी खिलाड़ी और शार्पशूटर था जो कि पंजाब के मोगा जिले के बांबिहा भाई गांव का रहने वाले था। 2010 में, आर्ट्स की डिग्री हासिल करने के दौरान, बांबिहा को गांव में हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। 21 साल की उम्र में, वह जेल से भाग गया और एक गिरोह बना लिया और 2012 में पंजाब में सबसे वांछित अपराधियों में से एक बन गया। उसे कई हत्या के मामलों में नामजद किया गया और वह फेसबुक पर अपनी गैरकानूनी गतिविधियों के बारे में पोस्ट करने और लूटपाट में मशहूर हो गया। उसका अंदाज ऐसा था मानो अपने बारे में शेखी बघार रहा हो और पंजाब पुलिस को चुनौती भी दे रहे हों। यह गिरोह चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला में रंगदारी का रैकेट चलाता था। दविंदर बंबिहा सितंबर 2016 में भटिंडा जिले में 26 साल की उम्र में एक मुठभेड़ में मारा गया था।