कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीजों में मिली नई बीमारी, निकालनी पड़ी 8 लोगों की आंखें
कोरोना की दूसरी लकर में संक्रमित मरीज ठीक होने के बाद एक नई बीमारी का तेजी से शिकार हो रहे हैं ।
सीकर: देश में कोरोना वायरस (coronavirus) की दूसरी लहर लोगों पर कहर बरपा रही है। कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन (oxygen) नहीं मिल रहे। वहीं दूसरी तरफ एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे सुनने के बाद आप कोरोना से बचाव के लिए और सतर्क हो जाएंगे । कोरोना की दूसरी लकर में संक्रमित मरीज के ठीक होने के बाद एक नई बीमारी का तेजी से शिकार हो रहे हैं जिसके चलते समय पर इलाज न होने पर मरीजों की आंख निकालनी पड़ रही है या फिर उनकी मौत हो रही है ।
इस नई बीमारी का नाम मिकोर माइकोसिस (mucor Mycosis) बताया जा रहा है । सूरत में 15 दिन के भीतर ऐसे 40 से अधिक केस सामने आए हैं, जिनमें 8 मरीजों की आखें निकालनी पड़ी हैं । सूरत में एक तरफ कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। मरीजो की संख्या इतनी बढ़ गई है कि अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे । ऑक्सीजन की भी किल्लत हर जगह देखने को मिल रही है । इसके बाद अब इस नई बीमारी के चलते लोग और ज्यादा डरे हुए हैं ।
ना करें इसे नजरअंदाज
बताया जा रहा है कि ये बीमारी इतनी खतरनाक है कि समय पर इसका इलाज न होने पर मरीज की आंख निकालनी पड़ रही है या उसकी मौत हो जा रही है । कोरोना के पहले फेज में इस बीमारी के बारे में बहुत जानकारी नहीं मिल पाई थी । लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में इसके केस अधिक सामने आ रहे हैं । कोरोना से संक्रमित होने के बाद मरीज आंख दर्द, सिर दर्द आदि को इग्नोर करता है । यही बीमारी मरीज को बाद में भारी पड़ती है। डॉक्टर बताते हैं कि कोरोना से ठीक होने के बाद यह फंगल इंफेक्शन पहले साइनस में होता है जिसके 2-4 दिनों के भीतर आंख तक पहुंच जाता है और इसके 24 घंटे में यह ब्रेन तक पहुंच जाता है । इसके चलते आंख निकालनी पड़ सकती है या फिर मरीज की मौत भी हो सकती है ।
इन लोगों को ज्यादा खतरा
उन लोगों में इस बीमारी का ज्यादा खतरा बना हुआ है जिन्हें डायबिटीज है । अगर किसी को सिर में असहनीय दर्द, आंख लाल होना, तेज दर्द होना और पानी गिरना, आंख का मूवमेंट नहीं होना जैसे लक्षण मिलें तो तुरंत इलाज लेने की जरूरत है ।