Baba Balak Nath: आखिर क्यों चर्चाओं में छाए हैं 'राजस्थान के योगी',भाजपा ने फायरब्रांड छवि वाले बाबा बालकनाथ पर क्यों लगाया दांव
Baba Balak Nath: भाजपा ने बाबा बालकनाथ को राजस्थान की तिजारा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। मजे की बात यह है कि बाबा बालकनाथ की वेशभूषा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से काफी मेल खाती है।
Baba Balak Nath: राजस्थान की सियासत में इन दोनों एक योगी काफी चर्चाओं में हैं। राजस्थान के विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की ओर से जारी पहली सूची में राजस्थान के इस योगी बाबा बालकनाथ का नाम भी शामिल है। मजे की बात यह है कि भाजपा ने सांसद होने के बावजूद बाबा बालकनाथ को विधानसभा की सियासी जंग में उतार दिया है।
भाजपा ने बाबा बालकनाथ को राजस्थान की तिजारा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। मजे की बात यह है कि बाबा बालकनाथ की वेशभूषा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से काफी मेल खाती है। इसके साथ ही योगी आदित्यनाथ की तरह वे भी नाथ संप्रदाय से ही जुड़े हुए हैं। बाबा बालकनाथ नाथ संप्रदाय के मस्तनाथ मठ के महंत हैं। योगी आदित्यनाथ की तरह राजस्थान की सियासत में बाबा बालक नाथ को भी फायरब्रांड नेता माना जाता रहा है।
हिंदुत्व के एजेंडे को धार देने वाले नेता
राजस्थान में भाजपा की ओर से जारी की गई पहली सूची में बाबा बालक नाथ के नाम की चर्चा दूसरे प्रत्याशियों से काफी ज्यादा हो रही है। वे हिंदुत्व के एजेंडे पर अपने आक्रामक रुख के लिए जाने जाते हैं और इसी कारण उनकी छवि फायरब्रांड नेता की रही है। राजस्थान की सियासत में पहले भी उनकी खूब चर्चा होती रही है। राजस्थान के इस योगी को चुनाव मैदान में उतारने से भाजपा को सियासी फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
फायरब्रांड छवि से मिल सकता है फायदा
बाबा बालकनाथ ने पिछला लोकसभा चुनाव अलवर सीट से जीता था। बाबा बालकनाथ को फायर ब्रांड छवि के लिए जाना जाता है और इसी कारण वे आम जनता के बीच काफी लोकप्रिय भी हैं। अलवर इलाके के साथ ही पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी उनका खासा प्रभाव माना जाता रहा है। जातीय नजरिए से देखा जाए तो बाबा बालकनाथ का ताल्लुक यादव यानी ओबीसी से है। दक्षिणी हरियाणा में इस समुदाय की अच्छी खासी आबादी है।
इस कारण माना जा रहा है कि भाजपा ने काफी सोची समझी रणनीति के तहत बालकनाथ को विधानसभा चुनाव के अखाड़े में उतारा है। अगले लोकसभा चुनाव के साथ ही हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को इसका बड़ा सियासी फायदा मिल सकता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह ड्रेसिंग स्टाइल होने के कारण बाबा बालकनाथ को राजस्थान का योगी कहा जाता है।
पिछले चुनाव में हासिल की थी बड़ी जीत
बाबा बालकनाथ ने पिछले दिनों गोरखपुर का दौरा भी किया था। इस इस दौरान उन्होंने बाबा दिग्विजयनाथ की 54वीं और महंत अवैद्यनाथ की नौवीं पुण्यतिथि के सिलसिले में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। बाबा बालकनाथ ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान अलवर सीट से कांग्रेस के दिग्गज प्रत्याशी भंवर जितेंद्र सिंह को भारी मतों से हराया था। इसके बाद से राजस्थान के सियासत में उनका नाम काफी चर्चाओं में रहा है।
माना जा रहा है कि इसी कारण भाजपा ने उनकी लोकप्रियता को भुनाने के लिए उन्हें विधानसभा चुनाव के अखाड़े में उतार दिया है। उनकी मजबूत सियासी पकड़ को देखते हुए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का यह फैसला कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ने वाला साबित होगा। सियासी जानकारों का मानना है कि क्षेत्र के लोगों पर मजबूत पड़क के दम पर बाबा बालकनाथ कांग्रेस को कड़ी चुनौती देने में कामयाब होंगे।
इस कारण आए थे चर्चाओं में
बाबा बालकनाथ का नाम पिछले दिनों उस समय चर्चाओं में आया था जब उन्होंने राजस्थान के एक डीएसपी को थाने में घुसकर धमका दिया था। इस घटना का वीडियो जारी होने के बाद यह प्रकरण काफी चर्चाओं में रहा था। बाबा बालकनाथ ने डीएसपी को धमकी भरे अंदाज में कहा था कि मेरी सूची में तीन लोग शामिल हैं। एक यहां के विधायक, दूसरे नंबर पर पुराने थानेदार और अब आप भी मेरी लिस्ट में शामिल हो गए हैं। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ था।
बाबा बालकनाथ को अपने इलाके में मजबूत पकड़ वाले नेता के रूप में देखा जाता रहा है। इसके साथ ही वे हिंदुत्व को के एजेंडे को धार देने वाले नेता के रूप में भी देखे जाते रहे हैं। भाजपा ने काफी सोची समझी रणनीति के तहत उन्हें चुनावी अखाड़े में उतारा है जिसका बड़ा सियासी असर होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।