IIT Jodhpur: आईआईटी जोधपुर ने दुनिया की सबसे तेज एवं सुरक्षित ब्लॉक चेन तकनीक विकसित की, ये हैं खूबियां

IIT Jodhpur: ब्लॉकचेन एक टेक्नोलॉजी, एक प्लेटफॉर्म है जहां ना सिर्फ डिजिटल करेंसी बल्कि किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है।

Written By :  Akshita
Published By :  Pallavi Srivastava
Update: 2021-08-20 07:00 GMT

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर pic(social media)

IIT Jodhpur: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर के रिसर्चर्स ने दुनिया की सबसे लाइटवेट और एनर्जी एफिशिएंट ब्लॉक चेन तकनीक विकसित की है जो अब तक उपलब्ध विकल्पों में सबसे सुरक्षित भी है।

ब्लॉक चेन क्या है

ब्लॉकचेन एक टेक्नोलॉजी, एक प्लेटफॉर्म हैं जहां ना सिर्फ डिजिटल करेंसी बल्कि किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है। यानी ब्लॉक चेन एक डिजिटल लेजर हैं। वहीं बिटक्वॉइन एक डिजिटल माध्यम है, जिसके जरिए हम और आप या कोई अन्य कुछ चीजें बेंच औऱ खरीद सकता है। हालांकि इसे करेंसी कहना गलत हैं, क्योंकि इसकी असल दुनिया में कोई वैल्यू नहीं हैं। अब तक दुनिया में उपलब्ध तकनीक से उन्नत यह तकनीक लाइटवेट है, इसलिए इसके जरिए संबंधित कंप्यूटर डिवाइस के साथ मैकेनिकल व डिजिटल मशीनों के नेटवर्क में डाटा का संचार भी तेज होगा।

दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, एथेरियम या अन्य के सुरक्षित डिजिटल लेनदेन के साधन के रूप में भी बिटकॉइन-एनजी ब्लॉकचेन प्रोटोकॉल अहम है, लेकिन इनके ट्रांजेक्शन में लगने वाला समय ज्यादा होने से सुरक्षा में कमी, एनर्जी एफिशिएंसी में कमी इत्यादि कमियां भी हैं। आईआईटी जोधपुर के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. देबाशीष दास की अगुवाई में एक्सपर्ट्स की टीम ने प्रोटोकॉल को कंप्यूटेशनल और ऊर्जा-वार कुशल बनाने के लिए विशेष एल्गोरिदम का इस्तेमाल किया, जिससे तकनीक की प्रत्येक नोड्स संचालन की संख्या को कम किया। इसे डवलप करने में 7 विशेषज्ञों की टीम को तकरीबन एक साल से ज्यादा का समय लगा।

एप्लिकेशन्स में मिलेंगे सुरक्षित डाटा ट्रांजेक्शन pic(social media)

किस क्षेत्र में कहां और कैसे होगा सबसे तेज ब्लॉक चेन तकनीक का उपयोग

ट्रांसपोर्ट एंड लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में फ्लीट मैनेजमेंट और गुड्स ट्रेकिंग, स्मार्ट सिटीज में यातायात प्रबंधन से लेकर जल वितरण, अपशिष्ट प्रबंधन, शहरी सुरक्षा और पर्यावरण निगरानी, पार्किंग सेंसर्स, स्मार्ट मीटरिंग, स्मार्ट ग्रिड मैनेजमेंट, स्मार्ट बिल्डिंग्स में स्मोक डिटेक्टर, होम ओटोमेशन में स्मार्ट डिवाइस जैसे लाइट्स, डोर लॉक, सीसीटीवी कैमरा, टीवी, एसी इत्यादि को इंटरनेट से कंट्रोल करने, यूजर्स द्वारा उपयोग में ली जाने वाले वियरेबल्स, बच्चों या बुजुर्गों की मॉनिटरिंग के लिए ट्रेकर्स भी इसी तकनीक से जुड़ रहे हैं।

इतना ही नहीं, उद्योगों में होने वाली गतिविधियों को दुनिया में कहीं पर भी बैठकर मॉनिटर व कंट्रोल करना, मैंटिनेंस गतिविधियां मॉनिटर करना, कनेक्टेड हेल्थ सिस्टम, फूड मॉनिटरिंग या अलर्ट्स, एन्वायरमेंटल मॉनिटरिंग, कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण क्लाइमेट चेंज पर नजर रखना, एग्रीकल्चर मॉनिटरिंग के साथ-साथ लाइव-स्टॉक यानि मवेशियों की मॉनिटरिंग तक में आईओटी की उपयोगिता कारगर साबित हो रही है।

इस तकनीक का इस्तेमाल क्यों होना चाहिए

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके लैंड डील को सरल बनाया जा सकता है। इसके दौरान होने वाले डॉक्यूमेंट के काम को सेफ और आसान बनाने के लिए ब्लॉकचेन एक बड़ा मददगार साबित हो सकता है। तेलांगना और आंध्र प्रदेश लैंड डील के लिए इसका इस्तेमाल कर रही हैं।

आईआईटी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दास की टीम के इस शोध परिणाम को अंतरराष्ट्रीय जर्नल 'आईईईई ट्रांजेक्शन्स' पर कंप्यूटेशनल सोशल सिस्टम्स में प्रकाशित किए गए हैं। इसके साथ ही डॉ. दास की टीम बैंकिंग सेक्टर में डिजिटल लेनदेन को भी और अधिक सुरक्षित और फास्ट करने के लिए मौजूदा तकनीकों से उन्नत टेक्नोलॉजी विकसित करने पर भी काम कर रही है।

कंप्यूटर नेटवर्क में संग्रहित होने वाले डाटा यानी सूचना या लेन-देन वाले ब्लॉक। इसे हर कोई जोड़ सकता है, लेकिन कोई भी इसे बदल या हटा नहीं सकता है।

Block chain Technology के खोजकर्ता

Block chain Technology को संतोषी नकामोटो ने सन 2008 में खोजा था ताकि वो इसे cryptocurrency bitcoin में, उसके public transaction ledger के हिसाब से कर सकें। ये सब करने के पीछे Satoshi Nakamoto का जो मुख्य उद्देश्य था कि वे एक decentralized Bitcoin ledger the block chain बनाना चाहते थे जो की लोगों को उनके पैसों को control करने की क्ष्य्मता देता है जिससे की कोई भी third party, या कोई भी government, भी इन पैसों को access या monitor नहीं कर सके।अचानक 2011 में संतोषी कही गायब हो जाते हैं।लोग मानते हैं कि संतोषी सिर्फ काल्पनिक खोजकर्ता का नाम है।

Block chain कितना सुरक्षित है?

ऐसे तो इंटरनेट में कोई भी चीज़ सुरक्षित नहीं है।पर ब्लॉकचैन बाकि technology की तुलना में बहुत हद तक "unshockable" है।Block chain में कोई भी ट्रांसेक्शन करने के लिए पूरे नेटवर्क के सभी नोड्स को agree होना पड़ेगा, तभी जाकर वो ट्रांसेक्शन मान्य होगी।इसे हैक करने के लिए हैकर को कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी ।इसे हैक करने के लिए आपको बैंक के जैसे केवल एक सिस्टम को हैक करने से नहीं होगा बल्कि पुरे नेटवर्क में स्तिथ सभी systems को हैक करना होगा, इसलिए hacking इतनी आसान नहीं है।

भविष्य में Block chain technology के अनुप्रयोग

1- Smart contracts – कोई भी इंडस्ट्री हो अगर वो भारी contracts पर निर्भर करती हो, जैसे की insurance, financial institutions, real estate, construction, entertainment, और law, वो सारे इंडस्ट्री इस technology से लाभान्वित होंगे।

2- Asset protection – अगर आप अपने asset की protection चाहते हैं तब block chain technology आपकी बहुत मदद कर सकता है।

3- Personal Identification – Governments अक्सर बहुत सारे amounts के data को manage करते हैं जैसे की personal data birth से death records तक, marriage certificates, passports और census data इत्यादि।Block chain technology इन सारे डेटा को आसानी से manage कर सकता है और उन्हें securely store कर सकता है।

4- Payment processing – Block chain की ये खासियत है की वो किसी भी बड़ी company की payment processing को आसानी से संभाल सकता है। ये intermediaries की जरुरत हो पूरी तरह से ख़त्म कर सकता है जिन्हें की हम payment processing में अक्सर देखते हैं।

5- Crowdfunding – Traditional crowdfunding की तुलना में एक block chain powered crowdfunding campaign में ज्यादा secure investment होती है । 

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