Online Fraud: जामताड़ा छूटा पीछे, अब राजस्थान का ये गांव है ऑनलाइन फ्रॉड में सबसे आगे

Online Fraud: भरतपुर और अलवर के मेवात इलाके के कई गांव इस अपराध में शामिल हैं। वहां बकायदा इसकी ट्रेनिंग दी जाती है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-11-25 14:18 IST

ऑनलाइन ठगी (photo: social media ) 

Online Fraud: ऑनलाइन ठगी का 'जामताड़ा मॉडल' काफी सुर्खियां बटोर चुका है। इसकी कहानी वेब सीरीज के जरिए पर्दे पर भी आ चुकी है। झारखंड के जामताड़ा जिले की राह पर अब कई राज्यों के शहर चलने लगे हैं। हाल के दिनों यूपी, बिहार, हरियाणा और राजस्थान से ऐसी खबरें आ चुकी हैं, जिसमें एक पूरा का पूरा गांव में साइबर क्राइम की दुनिया में संलिप्त पाया गया। लेकिन राजस्थान के अलवर-भरतपुर जिले में ऑनलाइन ठगी का काम खूब फल – फूल रहा है। रिपोर्ट्स की मानें तो इसने जामताड़ा को भी इस मामले में पीछे छोड़ दिया है।

भरतपुर और अलवर के मेवात इलाके के कई गांव इस अपराध में शामिल हैं। वहां बकायदा इसकी ट्रेनिंग दी जाती है। साइबर ठगी ने पुलिस के नाक में दम कर दिया है। ऑनलाइन ठगी से राज्य के पुलिस अफसर तक नहीं बच पाए हैं। साइबर अपराध के बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में साइबर थाना खोलने का निर्णय लिया है। भरतपुर पुलिस ने हाल ही में ऑनलाइन फ्रॉड और साइबर अपराध के शिकार हुए लोगों के 28 लाख रूपये वापस दिलाए हैं।

क्या होता है साइबर क्राइम

किसी भी प्रकार का अपराध, जिसके लिए इंटरनेट या टेक्नोलॉजी को जरिया बनाया गया हो, उसे साइबर क्राइम कहते हैं। यह अपराध आसानी से पकड़ा नहीं जा सकता, इसलिए लोग खासकर युवा धड़ल्ले से इसमें शामिल हो रहे हैं। साइबर क्राइम में आपके फोन पर आए मैसेज के जरिए भी ठगी हो सकती है। किसी लिंक पर क्लिक करके बैंक अकाउंट का खाली हो जाना, ऑनलाइन शॉपिंग करते समय गलत जगह डिटेल्स दे देना, इसके अलावा तो लोगों को फोन कॉल पर भी बरगलाकर पैसे ऐंठ लिए जाते हैं।

राजस्थान में फल – फूल रहा ऑनलाइन ठगी का धंधा

राजस्थान पुलिस ने इसी साल फरवरी में अलवर जिले के गोविंदगढ़ थानाक्षेत्र से एक 23 वर्षीय युवक अकबर को गिरफ्तार किया था। अकबर ने ऑनलाइन फ्रॉड को अंजाम देने की दुनिया में नई – नई एंट्री मारी थी। पूछताछ के दौरान उसने जो पुलिस को बताया वह सुन सभी के होश उड़ गए। उसने महज तीन माह में 50 लाख की ठगी को अंजाम दिया था।

रिपोर्ट के मुताबिक, मेवात इलाके में मौजूद गांवड़ी गांव को ठगों का विश्वविद्यालय कहा जाता है। यहां के युवा गूगल और यूट्यूब के माध्यम से ऑनलाइन फ्रॉड करने के तरीके सीख रहे हैं। बताया जा रहा है कि आज इस गांव का हर दूसरा शख्स सायबर अपराध में लिप्त है। इस गिरोह का परिवार अब काफी व्यापक हो चुका है। भरतपुर जिले के कामां, पहाड़ी, जुरहेड़ा, केथवाड़ा, खौ और सीकरी समेत करीब 100 गांव ऑनलाइन ठगी के अपराध में शामिल हैं। इसी तरह अलवर जिले के रामगढ़, गोविंदगढ़, नोगांवा और सदर थाना के करीब 50 गांवों के लोग ठगी में लगे हुए हैं। पिछले एक साल में इन गांवों से हजारों युवाओं की गिरफ्तारी साइबर अपराध में शामिल होने को लेकर हो चुकी है। फिर भी अपराध का ये सिलसिला जारी है।

साइबर ठगी का चलता है क्रैश कोर्स

भरतपुर-अलवर के मेवात इलाके में बकायदा साइबर ठगी के लिए क्रैश कोर्स चलता है। जिसमें जामताड़ा के नामी ऑनलाइन ठग प्रशिक्षु ठगों को लेक्चर देते हैं। इस पूरे क्राइम सिंडिकेट का खुलासा पिछले दिनों एक दैनिक हिंदी अखबार के रिपोर्टर ने किया था। जिसने एक प्रशिक्षु ठग बनकर क्रैश कोर्स में हिस्सा लिया था। ऑनलाइन ठगी का एक सिलेबस है, जिसमें किसी व्यक्ति को कैसे अपनी कम्युनिकेशन स्किल से फंसाना है। ठगी का शिकार बनाते समय या बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर करते समय कैसी सावधानियां बरतनी है, ये सब सिखाया और बताया जाता है। इसके अलावा यह भी बताया जाता है कि डेटा कहां से और कैसे खरीदना है। ट्रेनिंग के दौरान प्रशिक्षु ठगों को शहरी लोगों पर ज्यादा फोकस करने को कहा जाता है, क्योंकि वे ज्यादा सवाल नहीं करते हैं।

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