Rajasthan Election 2023: राजस्थान में पेट्रोल-डीजल की कीमत पर फंस गई गहलोत सरकार, PM मोदी का बड़ा हमला, सफाई देने में जुटे सीएम

Rajasthan Election 2023: राजस्थान के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर गहलोत सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। राजस्थान की चुनावी सभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे को जोर-जोर से उठा रहे हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2023-11-20 09:16 GMT

राजस्थान में पेट्रोल-डीजल की कीमत पर फंस गई गहलोत सरकार, PM मोदी का बड़ा हमला, सफाई देने में जुटे सीएम: Photo- Social Media

Rajasthan Election 2023: राजस्थान के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर गहलोत सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। राजस्थान की चुनावी सभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे को जोर-जोर से उठा रहे हैं। पीएम मोदी ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा है कि भाजपा के सत्ता में आने पर इसकी समीक्षा की जाएगी। उन्होंने पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों के जरिए राजस्थान के लोगों का पैसा लूटने का बड़ा आरोप लगाया है।

प्रधानमंत्री मोदी और अन्य भाजपा नेताओं की ओर से यह मुद्दा उठाए जाने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सफाई पेश करने की मुद्रा में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में पेट्रोल और डीजल के महंगा होने का उन्हें भी एहसास है मगर यह राजस्व की मजबूरी है। उन्होंने अमयह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने राज्यों की टैक्स में हिस्सेदारी घटा दी है जिससे राज्यों के सामने बड़ा संकट पैदा हो गया है। वैसे राजस्थान के विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी का यह सियासी दांव काम करता हुआ नजर आ रहा है।

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महंगे पेट्रोल के मुद्दे पर गहलोत को घेरा

राजस्थान में 25 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले प्रधानमंत्री मोदी अपनी चुनावी सभाओं में पेट्रोल और डीजल की कीमतों की चर्चा करना नहीं भूलते। पीएम मोदी ने रविवार और सोमवार को अपनी चुनावी सभाओं के दौरान कहा कि राजस्थान में पेट्रोल 109 रुपए लीटर मिल रहा है जबकि पड़ोसी राज्य हरियाणा में इसकी कीमत 96-97 रुपए प्रति लीटर है। इसका मतलब है कि राजस्थान के लोगों को 13-14 रुपए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है और यह पैसा किसकी तिजोरी में जा रहा है।

पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें ज्यादा होने के कारण यहां बस किराया महंगा है और राजस्थान के लोगों के लिए स्कूटर और बाइक चलाना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि 3 दिसंबर के बाद राजस्थान में भाजपा की सरकार बनने पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों की समीक्षा की जाएगी।

भाजपा की सरकार बनी तो कीमतों की होगी समीक्षा

भरतपुर की सभा के बाद आज प्रधानमंत्री मोदी ने पाली की जनसभा में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में महंगा पेट्रोल और डीजल राज्य सरकार की लूट का बड़ा उदाहरण है। राजस्थान के पड़ोसी राज्यों हरियाणा, गुजरात और उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार हैं मगर वहां के लोगों को राजस्थान से काफी सस्ता पेट्रोल मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि मैं राजस्थान के लोगों को इस बात की गारंटी देना चाहता हूं कि राजस्थान में भाजपा की सरकार बनने की स्थिति में इसकी समीक्षा की जाएगी जिससे आम लोगों को काफी राहत मिलेगी। उन्होंने कांग्रेस पर परिवारवाद और तुष्टिकरण का भी आरोप लगाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के लिए भ्रष्टाचार और परिवारवाद से ज्यादा महत्वपूर्ण कोई दूसरा मुद्दा नहीं है।

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राज्यों की हिस्सेदारी घटाने का आरोप

पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर घिरने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सफाई देने की मुद्रा में दिख रहे हैं उन्होंने सोमवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि केंद्र सरकार ने बेसिक एक्साइज ड्यूटी में राज्यों की हिस्सेदारी काफी कम कर दी है। बेसिक एक्साइज के जरिए केंद्र सरकार के पास भारी रकम आ रही है मगर राज्यों में इसका बंटवारा लगभग खत्म कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपना खजाना भरने में जुटी हुई है और देश की जनता को धोखा दे रही है।

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मुख्यमंत्री की सफाई मगर भाजपा ने घेरा

मुख्यमंत्री ने कहा कि कौन राज्य नहीं चाहता कि उसके यहां कम एक्साइज ड्यूटी लगे। कौन राज्य अपनी जनता को राहत नहीं देना चाहता मगर केंद्र सरकार की नीतियों के चलते राजस्थान को मजबूर होकर एक्साइज ड्यूटी बढ़ानी पड़ी है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में राजस्थान से महंगा पेट्रोल बिक रहा है मगर उसकी चर्चा नहीं की जा रही है। पंजाब और हरियाणा की चर्चा की जा रही है जबकि वहां की स्थिति पूरी तरह अलग है।

पीएम मोदी और भाजपा की ओर से जोर-शोर से पेट्रोल और डीजल की कीमतों का मुद्दा उठाए जाने के बाद राजस्थान के विधानसभा चुनाव में इस मुद्दे की गूंज लगातार तेज होती जा रही है। गहलोत सरकार के लिए इसका सीधा जवाब देना अब मुश्किल साबित हो रहा है।

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