Rajya Sabha Election 2022: राजस्थान में BJP को भी सता रहा है डर, ट्रेनिंग के नाम पर रिजॉर्ट में रहेंगे MLA
राजस्थान के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की तरह भाजपा को भी विधायकों में सेंधमारी का डर सता रहा है। अब भाजपा के विधायकों को भी रिजॉर्ट भेजने की तैयारी में है।
Rajya Sabha Elections 2022: राजस्थान के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस (Congress) की तरह भाजपा (BJP) को भी विधायकों में सेंधमारी का डर सता रहा है। कांग्रेस पहले ही अपने सारे विधायकों को उदयपुर स्थित एक होटल में शिफ्ट कर चुकी है और अब भाजपा के विधायकों को भी रिजॉर्ट भेजने की तैयारी है। हालांकि पार्टी की ओर से विधायकों को प्रशिक्षण के लिए रिजॉर्ट भेजने की बात कही जा रही है।
दरअसल राजस्थान के राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Elections 2022) में कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है। राजस्थान में 4 सीटों पर चुनाव हो रहा है और इसके लिए कांग्रेस ने 3 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं। भाजपा ने एक प्रत्याशी का नाम घोषित किया है मगर निर्दलीय सुभाष चंद्रा के चुनाव मैदान में उतरने के बाद दोनों दलों के बीच जबर्दस्त खींचतान चल रही है। हरियाणा से राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को झटका दे चुके सुभाष चंद्रा (Subhash Chandra) के उतरने से कांग्रेस ज्यादा सतर्क दिख रही है।
ट्रेनिंग के नाम पर विधायकों को रिजॉर्ट भेजा
राजस्थान भाजपा के प्रवक्ता (Rajasthan BJP spokesperson) का कहना है कि राज्यसभा चुनाव के लिए पार्टी के विधायकों को ट्रेनिंग देना जरूरी है। इसीलिए पार्टी के विधायकों को रिजॉर्ट में रखने का फैसला किया गया है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि रिजॉर्ट में विधायकों को राज्यसभा चुनाव में मतदान की बारीकियां बताई जाएंगी। पार्टी प्रवक्ता की ओर से भले ही ट्रेनिंग के नाम का सहारा लिया जा रहा हो मगर जानकार सूत्रों का कहना है कि विधायकों को एकजुट बनाए रखने के लिए ही रिजॉर्ट में शिफ्ट करने का फैसला किया गया है।
हालांकि कांग्रेस की ओर से भाजपा पर ही विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है। दूसरी ओर भाजपा का कहना है कि कांग्रेस को अपने तीसरे उम्मीदवार के हार की आशंका सता रही है और इसीलिए भाजपा पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।
कांग्रेस विधायकों के होटल में पहरेदारी
कांग्रेस (Congress) की ओर से पहले ही पार्टी के विधायकों को उदयपुर स्थित एक होटल में शिफ्ट किया जा चुका है। कांग्रेस में शामिल होने वाले बसपा के 6 विधायकों और कुछ निर्दलीय विधायकों को भी उदयपुर के होटल में शिफ्ट किया गया है। हालांकि अभी तक पार्टी के सारे विधायक होटल में नहीं पहुंचे हैं।
राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Elections 2022) की कमान पूरी तरह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने संभाल रखी है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से पर्यवेक्षकों की नियुक्ति भी की गई है। राजस्थान का राज्यसभा चुनाव कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। कांग्रेस के एक भी सीट हारने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व को लेकर सवाल उठेंगे और इस कारण गहलोत ने भी इस चुनाव में पूरी ताकत लगा रखी है।
दोनों खेमों में बरती जा रही सतर्कता
राजस्थान विधानसभा में सीटों के समीकरणों के लिहाज से कांग्रेस की दो और भाजपा की एक सीट पक्की मानी जा रही है। दो सीटों पर जीत के बाद कांग्रेस के पास 26 और एक सीट पर जीत के बाद भाजपा के पास 30 वोट बचेंगे। कांग्रेस दूसरे दलों और 13 निर्दलीय विधायकों के जरिए तीसरी सीट पर भी जीत हासिल करने की कोशिश में जुटी हुई है। दूसरी और भाजपा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरे मीडिया जगत के दिग्गजों सुभाष चंद्र का समर्थन कर रही है।
भाजपा का दावा है कि कांग्रेस के कई विधायक नाराज हैं और वे अपनी पार्टी के उम्मीदवार को वोट नहीं देंगे। दूसरी और सुभाष चंद्रा को सियासत का माहिर खिलाड़ी माना जाता है और वे कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों में सेंधमारी करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। ऐसे में राजस्थान का राज्यसभा चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है। कांग्रेस ने राजस्थान के राज्यसभा चुनाव में रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को प्रत्याशी बनाया है भाजपा की ओर से घनश्याम तिवाड़ी का नाम घोषित किया गया है। सुभाष चंद्रा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करके दोनों खेमों के बीच खींचतान बढ़ा दी है।