अब NH पर कोई टोल नहीं : Fastag का भी खत्म हुआ झंझट, नेशनल हाईवे पर सरपट दौड़ेगी गाड़ियां

Rajasthan Latest News : केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय राजस्थान में बन रहे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे पर एक भी टोल नाका नहीं बनाएगी। यहां ANRP सिस्टम के जरिए टोल टैक्स वसूला जाएगा।

Written By :  Bishwajeet Kumar
Update:2022-06-27 12:18 IST

Rajasthan Greenfield Expressway (Image Credit : Social Media)

Rajasthan News : बहुत बार ऐसा होता है जब हमें राष्ट्रीय राजमार्ग के जरिए थोड़ी दूरी पर जाने के लिए ही लंबी दूरी का भारी-भरकम टोल टैक्स भरना पड़ता है। एक और हमें टोल टैक्स भी भरना पड़ता है। वहीं, दूसरी ओर लंबी-लंबी लाइनों में लगने के कारण समय भी काफी ज्यादा बर्बाद होता है। इस तरह की समस्याओं को समाप्त करने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाया है। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए जल्द ही राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर सिस्टम (ANRP) लागू किया जाएगा। इस नए सिस्टम के लागू होने से राजस्थान का हाईवे हाईटेक हो जाएगा जिससे लोगों का समय और पैसा दोनों बचेगा।

ANRP सिस्टम क्या होता है?

ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर सिस्टम (ANRP) के तहत एक्सप्रेस पेपर कुछ प्रमुख जगहों पर एंट्री और एग्जिट प्वाइंट बनाए जाते हैं। इन पॉइंट पर नंबर प्लेट रीडर तथा हाई रेजोल्यूशन वाले कैमरे लगाए जाएंगे। इस पॉइंट पर जैसे ही कोई गाड़ी कैमरे और नंबर प्लेट रीडर के रेंज में आती है वैसे ही यह सिस्टम गाड़ी की जानकारी सेंट्रल कमांड सेंटर को भेज देते हैं। एंट्री प्वाइंट के बाद जब यही गाड़ी एग्जिट प्वाइंट पर गुजरती है तो इन कैमरों और नंबर प्लेट रीडर के मदद से ही दोबारा गाड़ी की जानकारी मैच की जाती है। इसके बाद यह सिस्टम गाड़ी ने कितनी दूरी तय की यह कैलकुलेट कर फास्ट्रेक अकाउंट से टोल टैक्स कट कर लेती है।

क्या होगा फायदा?

वर्तमान समय में अगर आप किसी नेशनल हाईवे पर थोड़ी ही दूरी पर जाते हैं तब भी जोर टोल नाकों के बीच की जितनी दूरी होती है उस हिसाब से आपको टोल टैक्स भरना पड़ता है। मगर इस नए सिस्टम के लागू होने से आपको उतनी ही दूरी का टोल टैक्स भरना पड़ेगा जितनी दूरी आप तय करेंगे। वर्तमान में टोल टैक्स फास्टट्रैक सही काटे जाते हैं मगर इसके लिए टोल नाके पर फास्टट्रैक को स्कैन करना पड़ता है। अब इस नए सिस्टम के लागू होने से आपको टोल नाके पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी बल्कि हाय रेगुलेशन वाले कैमरे और नंबर प्लेट रीडर खुद-ब-खुद आपकी गाड़ी की जानकारी स्कैन कर सेंट्रल कमांड सेंटर तक भेज देगा तथा जहां आप एग्जिट करेंगे वहां तक का कैलकुलेशन करके वह आपके फास्टैग अकाउंट से टोल टैक्स काट लेगा। हाईवे पर टोल ना के खत्म होने से आप के समय की भी बचत होगी साथ ही केवल तय दूरी तक की टोल टैक्स लगने से आपके पैसे भी बचेंगे।

राजस्थान में बन रहा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे (Rajasthan Greenfield Expressway)

राजस्थान में सबसे बड़ा डेडीकेटेड एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। एक्सप्रेस वे पंजाब के अमृतसर से होते हुए गुजरात के जामनगर तक बन रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने बताया कि इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे की कनेक्टिविटी हरियाणा-पंजाब के साथ-साथ अरब सागर के क्षेत्र में स्थित बंदरगाहों तक हुई होगी। भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बनाया जा रहा यह पेशवे तैयार होने पर राजस्थान का सबसे बड़ा डेडीकेटेड एक्सप्रेस वे होगा। एक्सप्रेसवे की लंबाई 1224 किलोमीटर है। एक्सप्रेस वे पंजाब से शुरू होकर हरियाणा राजस्थान तथा गुजरात तक पहुंचेगा राजस्थान में इस एक्सप्रेस वे की लंबाई 637 किलोमीटर है। जिसके कारण यह राज्य का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होगा।

सितंबर 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा एक्सप्रेस-वे

भारत माला प्रोजेक्ट के तहत केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय राजस्थान में करीब 14000 करोड रुपए की लागत से राजस्थान का सबसे बड़ा ग्रीन फील्ड पर से बना रहा है। यह एक्सप्रेसवे राजस्थान के संगरिया हनुमानगढ़ से शुरू होकर संथालपुर जरूर तक जाएगी इन दोनों जगहों के बीच की दूरी 637 किलोमीटर है। इस दूरी के बीच राजस्थान के जालौर, जोधपुर, हनुमानगढ़, बाड़मेर तथा बीकानेर में एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य चल रहा है। राजस्थान में इस वक्त एक्सप्रेसवे का कुल 407 किलोमीटर तक का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। बता दें इस प्रोजेक्ट को सितंबर 2023 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है।

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