प्रेमिका-पत्नी दे सुसाइड की धमकी तो फौरन कर लें ये 5 काम, नहीं जाना पड़ेगा जेल
यूपी और आंध्र प्रदेश में आईपीसी की धारा 506 के अंतर्गत किए गए क्राइम को गैर जमानती बनाया गया है। ऐसे में अगर यूपी और आंध्र प्रदेश में किसी की पत्नी या प्रेमिका खुदकुशी की धमकी देती है, तो उसको कोर्ट से पहले जमानत नहीं मिलेगी।
लखनऊ: प्रेमिका या पत्नी का मामूली सी बात पर आत्महत्या और फंसाने की धमकी देना कोई नई बात नहीं है। समय –समय ऐसे मामले सामने आते रहे है। इनमें बेगुनाह लोगों को भी थाना और कोर्ट के चक्कर लगाते देखा गया है। इस कारण कई परिवार बिखर चुके है और कुछ इसके कगार पर है।
जबरदस्ती, धमकाने या भयदोहन के लिए कानून का एक उपकरण के रूप में उपयोग करना स्वयं में गैरकानूनी कार्य है।
जो कानून लैंगिक समानता के प्रयोजन के लिए अधिनियमित थे, उनका कुछ लोगों द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है।
आइये आज हम आपको बताते है अगर आपकी प्रेमिका या पत्नी आपको ख़ुदकुशी या झूठे केस में फंसाने की धमकी दे
तो आपको सबसे पहले कौन-कौन से कानूनी कदम उठाने चाहिए। ताकि आप मुश्किल में फंसने से बच सके।
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धमकी मिलने पर क्या करे?
1.अगर पत्नी या प्रेमिका लगातार खुदकुशी करने की धमकी देती हैं, तो पति को फौरन पुलिस में शिकायत दर्ज करानी चाहिए।
वरना भविष्य में पति मुश्किल में फंस सकता है।
2.पत्नी या प्रेमिका खुदकुशी करके उसको फंसाने और उसकी प्रतिष्ठा को नुक़सान पहुंचाने की धमकी देती है,
तो पीड़ित व्यक्ति अपनी पत्नी या प्रेमिका के खिलाफ आईपीसी की धारा 503 और 506 के तहत केस दर्ज करा सकता है।
3.पत्नी या प्रेमिका का खुदकुशी करने की धमकी देना आईपीसी की धारा 503 के तहत क्राइम है।
ऐसा करने पर पत्नी या प्रेमिका को 2 साल की जेल हो सकती है।
4.अगर पत्नी या प्रेमिका खुदकुशी कर लेती है और पति के खिलाफ सुसाइड नोट छोड़ जाती है,
पुलिस पति को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर सकती है।
इसका मतलब यह हुआ कि पत्नी या प्रेमिका के सुसाइड करने पर पति को 10 साल तक की जेल और जुर्माना दोनों हो सकते हैं।
5. अगर आपकी पत्नी के मायके वाले या प्रेमिका के घर वाले उसको आत्महत्या करने के लिए उकसाते हैं,
तो मायके वालों के खिलाफ केस किया जा सकता है।
किसी को आत्महत्या के लिए उकसाने पर आईपीसी की धारा 306 के तहत 10 साल की जेल की सजा का प्रावधान है।
साथ ही आरोपी को जुर्माना भरना पड़ सकता है।
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कोर्ट से करानी होगी जमानत
बताते चले कि यूपी और आंध्र प्रदेश में आईपीसी की धारा 506 के अंतर्गत किए गए क्राइम को गैर जमानती बनाया गया है।
ऐसे में अगर यूपी और आंध्र प्रदेश में किसी की पत्नी या प्रेमिका खुदकुशी की धमकी देती है,
तो उसको कोर्ट से पहले जमानत नहीं मिलेगी।
कब और कैसे बनता है मानहानि का केस
जब प्रेमिका आपके निवास के समीप जोर से चिल्लाते हुए एक नाटकीय दृश्य बनाती है
या जब वह दूसरों को आमंत्रित कर दूसरों के सामने अपना रोना रोती है।
उसी समय आत्महत्या करने की भी धमकी देती है, तब उक्त के लिए मानहानि के मामले दर्ज किया जा सकता है।
मानहानि तब तब होती है जब आपकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचा हो।
सिविल या क्रिमिनल मानहानि का केस लगाना आपका निजी विकल्प है।
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मानहानि स्थापित करने के लिए कुछ आवश्यकताओं को पूर्ण किया जाना ज़रूरी है।
सबसे प्रथम, अपमानजनक सामग्री की उपस्थिति जब एक प्रेमिका उसके साथी पर आरोप लगाती है
आत्महत्या करने की धमकी देती है तो दूसरों के सामने भी, प्रेमी की प्रतिष्ठा दूसरों के सामने निश्चित रूप से कम हो जाएगी।
दूसरा, अपमानजनक सामग्री को बदनाम करने वाले व्यक्ति को देखना चाहिए।
तीसरा, प्रकाशन, जिसका अर्थ है, एक तृतीय पक्ष को मानहानि के बारे में पता होना चाहिए।
धमकी मिलने पर इन बातों का रखें ध्यान
लड़ो मत
अधिकांश मामलों में गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वास्तव में, ऐसी परिस्थितियों में,
एक को पत्नी पर मनोवैज्ञानिक जांच के लिए जोर देना चाहिए।
अपनी पत्नी या प्रेमिका को जांच के लिए जाने के बावजूद, यह कदम दूसरी तरफ किया जाना चाहिए,
एक को पारस्परिक पारिवारिक विवाद प्रस्ताव सत्र के लिए एक मनोचिकित्सक के साथ मिलना चाहिए ।
धमकियों का सामना करो
पत्नी या प्रेमिका की धमकियां देना फायदेमंद हो सकता है थोड़े समय के लिए काम करता है
लेकिन यह एक दीर्घकालिक कार्य नहीं करेगा।
आप एक ऐसे रिश्ते में नहीं जी पाएंगे, जिसका आधार बलात्कार और ब्लैकमेल पर आधारित है
यदि आप जानते हैं कि आप गलत नहीं हैं, तो अनावश्यक खतरों को सामना करें।
खुद को बचाने का निर्णय लें
आंकड़ो के मुताबिक, जो लड़कियां आत्महत्या करने की धमकी देते हैं वे ऐसा करती नहीं हैं ।
लेकिन कल के बारे में कौन जानता है।
अगर ऐसी परिस्थितियों में जहां वह आत्महत्या कर लेती है और पीछे अपना नाम छोड़ती है,
तो आप कुछ गंभीर परेशानी में पड़ सकते हैं।
इसलिए, आपसे यह आवश्यक है कि इस तरह के धमकियों पर, एक को इस स्थिति की शिकायत देनी चाहिए
और पत्नी या प्रेमिका की आत्महत्या की प्रवृत्ति का उल्लेख करना चाहिए।