Social Media से ऊब रहे भारत के लोग, ढूंढ रहे छोड़ने के उपाय

Social Media: सोशल मीडिया छोड़ना चाहने वालों में अमेरिका (America) टॉप पर है। हैरानी की बात है कि ऐसे लोगों के मामले में भारत दूसरे नंबर पर है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Shreya
Update: 2021-07-26 17:50 GMT

सोशल मीडिया ऐप्स (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Social Media: दुनियाभर में फेसबुक (Facebook) और यूट्यूब (Youtube) के इस्तेमाल में भारतीय दुनिया में पहले नंबर पर हैं। भारत में इंटरनेट तक पहुंच रखने वाले 86 फीसदी लोग यूट्यूब का इस्तेमाल करते हैं, 76 फीसदी फेसबुक और 75 फीसदी यूजर्स वॉट्सऐप (Whatsapp) चलाते हैं। लेकिन अब यहां लोगों का मन सोशल मीडिया (Social Media) से ऊब रहा है और इससे पीछा छुड़ाने के उपाय खोजे जा रहे हैं।

डिजिटल मार्केटिंग कंपनी (Digital Marketing Company) 'रिबूट ऑनलाइन' की एक रिसर्च के मुताबिक, भारत में लोग गूगल में 'सोशल मीडिया कैसे छोड़ें' (Social Media Kaise chhode), 'फेसबुक कैसे छोड़ें' (Facebook Kaise chhode) और 'इंस्टाग्राम कैसे छोड़ें' (Instagram Kaise chhode) जैसे टॉपिक सर्च कर रहे हैं। इस रिसर्च के मुताबिक, भारत के कुल 75 करोड़ से ज्यादा एक्टिव इंटरनेट यूजर्स में से करीब 5 लाख लोग हर महीने सोशल मीडिया छोड़ना चाहते हैं। वैसे, सोशल मीडिया छोड़ना चाहने वालों में अमेरिका  (America) टॉप पर है। हैरानी की बात है कि ऐसे लोगों के मामले में भारत दूसरे नंबर पर है। 

फेसबुक (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

फेसबुक के यूजर अब बढ़ नहीं रहे

सोशल मीडिया इस्तेमाल को लेकर 2019 में लोकनीति संस्था के एक सर्वे में पता चला है कि 2018 से मई 2019 तक भारत में फेसबुक का इस्तेमाल करने वालों की संख्या नहीं बढ़ी थी। कमोबेश यही हाल ट्विटर का भी ही था। भारत में फेसबुक के 33 करोड़ यूजर्स ही हैं जबकि 2018 में ही फेसबुक यह आंकड़ा पार कर गया था। यानी 2018 से ये आंकड़ा स्थिर है। आंकड़ा स्थिर इसलिए है कि जहां इंटरनेट पहली बार पहुंच रहा है वहां तो लोग फेसबुक से जुड़ रहे हैं लेकिन वहीं, शहरी इलाकों के लोग इससे दूरी बना रहे हैं।

कई यूजर्स यह भी कहते हैं कि उन्होंने फेसबुक को डिलीट तो नहीं किया है लेकिन वे इसका इस्तेमाल बंद कर चुके हैं क्योंकि अब इसमें कोई नवीनता और उपयोगिता नजर नहीं आती है। बहुत से युवा यूजर्स का कहना है कि फेसबुक पर काम की जानकारी बेहद कम हैं और यहां पर लोग बस अपने बारे में ही बताते रहते हैं कि वे कहां घूमने गए, क्या खाया, कौन सा फैशन किया वगैरह। कई यूजर कहते हैं कि फेसबुक इस्तेमाल करने वाले अब ज्यादातर छोटे शहरों, कस्बों, गांव के लोग हैं। 

सोशल मीडिया ऐप्स (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र है। इस रिपोर्ट के मुताबिक आम तौर पर लोगों की कुल बातों में से 30 से 40 फीसदी अपने बारे में होती हैं लेकिन सोशल मीडिया पर यह मात्रा 80 से 90 फीसदी तक पहुंच जाती है। सोशल मीडिया अपना बखान करने का भोंपू मात्र बन गया है। सोशल मीडिया छोड़ने वाले कई लोगों ने कहा कि जिनसे हमारा रोज का संपर्क नहीं होता, उनसे जुड़ी जानकारियां हमारे लिए सोशल मीडिया फीड का कचरा बन जाती हैं। इसके अलावा, लोगों की बड़ी बड़ी बातें और लाइफस्टाइल के बखान बाकियों में हीनभावना ही पैदा करती है।

बन जाती है लत

बहुत से लोग चाह कर भी सोशल मीडिया छोड़ नहीं पाते हैं क्योंकि ये एक लत बन जाती है। एक अन्य सर्वे में पता चला है कि 5 से 10 फीसदी इंटरनेट यूजर्स ने माना है कि वे चाहकर भी सोशल मीडिया पर बिताया जाने वाला अपना समय कम नहीं कर पाते। इनके दिमाग के स्कैन से मस्तिष्क के उस हिस्से में गड़बड़ दिखती है, जहां ड्रग्स लेने वालों के दिमाग में दिखती है।

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