काशी की बिटिया को मिला मोदी की तरफ से तोहफा, लेटर लिख की थी शादी में मदद की गुहार

नोट बंदी के बाद पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में एक बेटी ने 9 नवंबर को पीएम मोदी को लेटर लिख कर अपनी शादी के लिए मदद की गुहार लगाई। पीएम मोदी ने भी तत्काल कार्यवाही करते हुए लेटर के जवाब में डीएम को कॉल कर हर संभव मदद करने को कहा।

Update: 2016-11-19 13:31 GMT

वाराणसी: नोट बंदी के बाद पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में एक बेटी ने 9 नवंबर को पीएम मोदी को लेटर लिख कर अपनी शादी के लिए मदद की गुहार लगाई। पीएम मोदी ने भी तत्काल कार्यवाही करते हुए लेटर के जवाब में डीएम को कॉल कर हर संभव मदद करने को कहा। जिसके बाद डीएम योगेश्वर राम मिश्र ने शनिवार को परिवार की न सिर्फ आर्थिक मदद की, बल्कि हर संभव सहायता का भी भरोसा दिलाया। परिवार के सभी सदस्य पीएम मोदी द्वारा की गई इस मदद से बेहद खुश हैं।

घर की माली हालात है खराब

-वाराणसी के सारनाथ थाना क्षेत्र के सारंग तालाब गांव की रहने वाली ज्योति की शादी 25 नवंबर को है।

-ज्योति ने बताया कि उसके परिवार की माली हालत काफी खराब है।

-परिवार में पांच भाई बहनों में वह तीसरे नंबर की है।

-ज्योति का कहना है कि घर में वैसे ही पैसे की समस्या थी और नोटबंदी के बाद यह समस्या और बढ़ गई।

-ज्योति ने बताया कि रुपए की किल्लत और परिवार की परेशानी के चलते उसने पीएम मोदी को लेटर लिखा।

-लेटर में ज्योति ने पीएम मोदी को घर की माली हालत और सारी स्थिति से परिचित कराया।

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डीएम ने की आर्थिक मदद

-ज्योति ने बताया कि शनिवार (19 नवंबर) को डीएम ने उसके पिता जितेंद्र को कॉल कर अपने ऑफिस बुलाया।

-जहां डीएम ने उसके पिता को पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के शादी अनुदान से 20 हजार रुपए दिए।

-डीएम ने आश्वस्त किया कि आगे शादी में जो भी जरुरत हो वह हर संभव मदद करेंगे।

पीएम हैं संकट हरण

-ज्योति की मां ने भी पीएम मोदी के इस उपकार पर खुशी के आंसू छलकाते हुए कहा कि पीएम मोदी हमारे संकट हरण हैं।

-पीएम के इस उपकार के कारण अब वह बिटिया की शादी खुशी-खुशी कर सकेंगे।

-ज्योति और उसके परिजनों का कहना है कि वह जीवन भर पीएम मोदी का यह उपकार नहीं भूल सकेंगे।

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डूबते को तिनके का सहारा

-पिता जितेंद्र ने कहा कि ठेला गाड़ी चलाकर किसी तरह कर्ज लेकर दो बेटियों की शादी तो कर दी।

-लेकिन तीसरी की शादी में बहुत समस्या हो रही थी।

-शादी का जैसे जैसे दिन नजदीक आ रहा था वैसे वैसे हम लोगों की परेशानी बढ़ रही थी।

-उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं मालूम नहीं था कि उनकी बिटिया ने पीएम मोदी को कब लेटर लिखा।

-जितेंद्र ने बताया कि शनिवार को डीएम ने बुलाकर जब उन्हें रुपए दिए तब पता चला तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा।

-उन्होंने कहा कि हमारे लिए तो मानो डूबते को तिनके का सहारा मिल गया।

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