अमीर बनने की लालसा दे रही अपराध के नए तरीकों को जन्‍म, सामने आए फर्जीवाड़े के मामले

शीघ्र अमीर बनने का क्रेज आजकल लोगों के सिर चढ़ कर बोल रहा है। कमोबेस यह प्रवृत्ति देश के रह राज्‍यों में हैं। लेकिन, पंजाब में यह चलन कुछ ज्‍यादा है।

Update: 2020-04-02 13:47 GMT

अमृतसर: शीघ्र अमीर बनने का क्रेज आजकल लोगों के सिर चढ़ कर बोल रहा है। कमोबेस यह प्रवृत्ति देश के रह राज्‍यों में हैं। लेकिन, पंजाब में यह चलन कुछ ज्‍यादा है। खुद को मृत घोषित कर बीमा की राशि हड़पने से लेकर सरकारी खजाने को चपत लगाने तक के मामले शामिल हैं। ऐसा ही एक मामला पंजाब प्रांत में पिछले साल दिंसबर में देखने को मिला था।

पिछले साल हाइवे पर मिला था अधजला शव

गत वर्ष दिसंबर 2019 में पंजाब के सीमावर्ती जिला तरनतारन में हाईवे किनारे पुलिस को एक अधजला शव मिला था। इसके पास ही लावारिश हालत में एक कार भी मिलती थी। उस समय पुलिस ने कार से मिले कागजात के आधार पर शव की शिनाख्‍त अमृतसर निवासी अनूप सिंह के रूप में की थी।

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पट्टी-हरीके रोड पर गांव बूह हवेलिया के पास हुई इस घटना ने उस समय प्रदेशभर के लोगों का ध्‍यान अपनी तरफ खींचा था। पुलिस को दी शिकायत में अनूप सिंह के पिता ने बताया था कि उनका बेटा चार दिसंबर की रात कार से दिल्‍ली के लिए निकला था, लेकिन फोन करने पर कोई जवाब नहीं मिला। दूसरे दिन उसकी हत्‍या कर शव जलाने की सूचना उसे पुलिस द्वारा मिली।

बीमा का पैसा लेने के लिए रची साजिश

एसपी (देहात) जगजीत सिंह वालिया ने बताया कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल शुरू की। पुलिस की जांच जब आगे बढ़ी तो अधजली लाश की गुत्‍थी सुलझने लगी। लेकिन, इस बीच जो तथ्‍य निकल कर सामने आए वह वाकई हैरान कर देने वाले थे। जांच में खुलासा हुआ कि जिस अधले शव की पहचान 27 वर्षीय कारोबारी अनूप सिंह के रूप में हुई थी। वह अनूप नहीं बल्कि एक भिखारी का शव था, जिसे अनूप ने वारदात से करीब एक माह पहले ही नौकरी पर रखा था।

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पुलिस डायरी के मुताबिक अमृतसर निवासी अनूप सिंह कोल्‍ड ड्रिंक का कारोबारी था। उसे कारोबार में घाटा लगने लगा। इस दौरान उसने बीमा की छह करोड़ रकम लेने के लिए खुद की हत्‍या किए जाने की शाजिस रची। इसी साजिश के तहत उसने एक भिखारी को अपने यहां नौकरी पर रखा। उसे विश्‍वास में लेने के बाद दिल्‍ली जाने के बहाने उसे भी अपने साथ कार में बिठा लिया और रास्‍ते में जमकर उसे शराब पिलाई।

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इसके बाद तरनतारन जिले के पट्टी के पास पहुंचने पर उसकी गला दबा कर हत्‍या के बाद हाईवे किनारे सुनसान जगह पर उसके शव को जला दिया। और खुद को मरा साबित करने के लिए अपनी कार को लावारिस हालत में वहीं छोड़ कर भूमिगत हो गया। बहरहाल इस समय आरोपी अनूप, उसका भाई और उसके इस काम में सहयोग देने के आरोप में पिता भी सलाखों के पीछे हैं।

पुलिस को ऐसे हुआ शक

पुलिस के मुताबिक उस दिन (वारदात की सुबह) सुबह जब लाश मिली थी तो पुलिस ने अनूप के पिता तरलोचन सिंह को सुबह सवा सात बजे फोन पर सूचना दी। तरलोचन सिंह अपने दूसरे बेटे करणबीर सिंह के साथ लगभग चार घंटे बाद सवा 11 बजे घटनास्थल पर पहुंचा। पुलिस को पहला शक यहीं से शुरू हुआ था। क्योंकि अमृतसर से हरिके पत्तन पहुंचने के लिए मात्र 45 मिनट का समय लगता है।

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दूसरा शक तक शुरू हुआ जब, अनूप सिंह का शव देखने के बाद मृतक का पिता तरलोचन सिंह और भाई करणबीर के चेहरे पर दुख का कोई भाव नहीं दिखा। इसके बाद पुलिस का शक गहरा गया। गुत्‍थी को सुलझाने में जुटी पुलिस ने अनूप सिंह के मोबाइल फोन को ट्रेस किया तो उस समय उसकी लोकेशन हरियाणा आ रही थी।

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पुलिस ने तरलोचन सिंह और करणबीर सिंह को गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने सारा राज उगल दिया। क्राइम रिपोर्ट के मुताबिक अनूप सिंह के बीमा की राशि के लिए अपनी मां मनप्रीत कौर को नॉमिनी बनाया हुआ था। और इसी राशि को पाने के लिए आरोपितों ने एक भिखारी की बलि दे दी।

7 साल पहले भी हुई थी ऐसी घटना

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कुछ इसी तरह की वारदात अमृतसर में भी हुई थी। इस घटना में पांच लोगों ने मिल कर बीमा की राशि पाने के लिए दो लोगों को कार में जिंदा जला कर मार दिया था। दिल को दहला देने वाली यह वारदात वर्ष 2013 की है। यह वारदात भी सर्दी की काली रात में हुई थी। जंडियाला गुरु के पास पुलिस को एक जली हुई कार मिली।

सूचना पा कर जंडियाला गुरु पुलिस जब मौके पर पहुंची तो उसे जली हुई कार के भीतर से दो शव बरामद हुए थे। जिला अमृतसर देहात पुलिस ने जब पड़ताल शुरू की तो पता चला कि अमृतसर के रहने वाले पांच लोगों ने मिल कर इस वारदात को पांच करोड़ की बीमा राशि पाने के लिए अंजाम दिया था।

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पुलिस के मुताबिक पांचों आरोपियों ने दिल्‍ली जाने के बहाने अपने दो नौकरों को कार में बिठाया। उन्‍हें जम कर शराब पिलाई और जंडियाला गुरु के पास सुनसान जगह पर हाइवे के किनारे कार में जींदा जला कर मार दिया। इनमें से दो आरोपी खुद को मरा हुआ साबित कर बीमा की राशि हड़पना चाहते थे। करीब तीन साल की सुनवाई के बाद इस समय ये पांचों आरोपी जेल में सजा काटा रहे हैं।

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