भारतीय क्रिकेटर रिद्धिमान साहा को धमकाने का मामला, बीसीसीआई ने पत्रकार बोरिया मजूमदार पर लगाया दो साल का प्रतिबंध
भारतीय क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई (BCCI) ने मामले की भली-भांति जांच कर प्रख्यात खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार को दोषी पाया है तथा इसके चलते उनपर दो साल का प्रतिबंध लगाया गया है।
Lucknow: भारतीय क्रिकेटर रिद्धिमान साहा से जुड़ा बीते समय का एक मामला अभी भी सुर्खियों में है। यह मामला वरिष्ठ पत्रकार बोरिया मजूमदार (Senior Journalist Boria Mazumdar) द्वारा भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज़ रिद्धिमान साहा (Wicketkeeper-batsman Wriddhiman Saha) को व्हाट्सएप मैसेज कर डराने धमकाने का है। इस सिलसिले में सबसे पहले रिद्धिमान साहा द्वारा सोशल मीडिया (social media) पर दोनों के बीच की चैट का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए एक अनाम पत्रकार पर उन्हें धमकाने का आरोप लगाया गया था।
हालांकि बाद में उस पत्रकार की पहचान बोरिया मजूमदार के रूप में हुई जो कि एक जाने-माने खेल पत्रकार हैं। मामले में जांच के बाद बोरिया मजूमदार पर आरोप सिद्ध हो गए हैं, जिसको लेकर बीसीसीआई ने अपना निर्णय सुनाते हुए पत्रकार पर 2 साल का प्रतिबंध लागू कर दिया है।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई (BCCI) ने मामले की भली-भांति जांच कर प्रख्यात खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार को दोषी पाया है तथा इसके चलते उनपर दो साल का प्रतिबंध लगाया गया है। यानी अब आगामी दो साल तक बीसीसीआई द्वारा आयोजित किसी भी समारोह में ना तो बोरिया मजूमदार शामिल हो सकते हैं और ना ही किसी भारतीय खिलाड़ी से बातचीत अथवा साक्षात्कार कर सकते हैं। बीसीसीआई ने दोनों पक्षों की सफाई सुनने और सघन जांच के बाद अपना यह फैसला सुनाया है।
क्या है पूरा मामला?
बीते समय में आयोजित हुई भारत-श्रीलंका टेस्ट सीरीज के दौरान भारत की टीम से बाहर रहने के समय रिद्धिमान साहा ने ट्विटर पर व्हाट्सएप चैट का एक स्क्रीनशॉट साझा किया था, जिसके साथ उन्होनें एक प्रतिष्ठित पत्रकार पर उन्हें धमकाने का आरोप लगाया था, क्योंकि रिद्धिमान ने उनके मैसज का जवाब नहीं दिया था और ना ही उनके साथ इंटरव्यू करने के लिए राजी हुए थे। रिद्धिमान साहा ने चैट के स्क्रीनशॉट साझा करते हुए लिखा था कि-"भारतीय क्रिकेट में मेरे सभी योगदानों के बाद एक तथाकथित "सम्मानित" पत्रकार से मुझे इन बातों का सामना करना पड़ रहा है।"
इसी ट्वीट के बाद ही बीसीसीआई ने मामले में जांच को लेकर समिति का भी गठन भी कर दिया था, जिसके मुताबिक पत्रकार बोरिया मजूमदार पर आरोप सिद्ध होने के साथ ही उनपर दो साल का प्रतिबंध लागू कर दिया गया है।