Cricketers and their superstitions: क्रिकेट के इतिहास का सबसे बड़ा 'अंधविश्वास', खिलाड़ियों के टोने-टोटके

Cricketers and their superstitions: क्रिकेट की दुनिया में अक्सर कुछ ना कुछ मजेदार देखने को मिलता है। वहीं कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं जो अंधविश्वास को मानते हैं।;

By :  Anupma Raj
Update:2025-03-07 08:23 IST

Cricketers and their superstitions (Credit: Social Media)

Cricketers and their superstitions: क्रिकेट की दुनिया में अक्सर कुछ ना कुछ मजेदार देखने को मिलता है। वहीं कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं जो अंधविश्वास को मानते हैं। फिर चाहे कपिल देव हो या सचिन तेंदुलकर। क्रिकेट के मैदान और ड्रेसिंग रूम में कई तरह का मजेदार किस्सा चर्चा में रहता है। सचिन तेंदुलकर, धोनी, कोहली से लेकर युवराज सिंह, माइकल क्लार्क, डेल स्टेन और मलिंगा तक अंधविश्वास में भरोसा रखते थे। तो ऐसे में आइए जानते हैं क्रिकेट के इतिहास का सबसे बड़ा 'अंधविश्वास', खिलाड़ियों के टोने-टोटके के बारे में विस्तार से: 

क्रिकेट के इतिहास का सबसे बड़ा 'अंधविश्वास', खिलाड़ियों के टोने-टोटके (Cricketers and their superstitions):

साल 1983 के वर्ल्ड कप मुकाबले में भारत और जिम्बाब्वे के बीच मैच हुआ था। इस दौरान भारतीय पूर्व खिलाड़ी कपिल देव बहुत अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे। उस वक्त टीम मैनेजमेंट ने सभी खिलाडियों को हिदायत दी गयी थी कि कोई भी खिलाड़ी कपिल देव के आउट होने से पहले अपनी जगह से नहीं हिलेगा। कपिल देव की बल्लेबाजी तक सभी लोग अपनी सीट पर ही बैठें रहें। 

सचिन तेंदुलकर अपने पास हमेशा एक साईं बाबा की तस्वीर रखते थे। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का नाम भी इन लिस्ट में शामिल है। सचिन तेंदुलकर भी अंधविश्वास में भरोसा रखते थे। सचिन तेंदुलकर बल्लेबाजी करने के लिए मैदान में उतरने से पहले हमेशा लेफ्ट पैड पहले पहनते थे। 


वीरेंद्र सहवाग साल 2011 वर्ल्ड कप के पहले मैच में बांग्लादेश के खिलाफ बगैर नंबरवाली शर्ट पहन कर बल्लेबाजी करने के लिए उतरे थे। इस मैच में वीरेंद्र सहवाग ने 175 रन की पारी खेली थे और भारत ने इस मैच को जीता भी था। वीरेंद्र सहवाग पहले 44 नम्बर और 46 नम्बर की टी शर्ट पहनते थे। लेकिन ज्योतिषी के कहने पर उन्होंने बिना नम्बर वाली टी शर्ट पहननी शुरू कर दी थी। इतना ही नहीं वीरेंद्र सहवाग गुड लुक के लिए अपने पास लाल रुमाल रखते थे। इसके अलावा वीरेंद्र सहवाग का मानना था कि जब भी वो भारत का समर्थन करते हैं तो भारत मैच हार जाता है। इसलिए वीरेंद्र सहवाग हमेशा विरोधी टीम का समर्थन करते हैं। 

ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज स्टीव वॉ भी अंधविश्वास में विश्वास करते थे। जब स्टीव वॉ मैदान में बल्लेबाजी के लिए उतरते थे, तो अपनी जेब में एक लाल रूमाल रखते थे। ये रूमाल उनकी दादी ने उन्हें गिफ्ट के तौर पर दिया था। वॉ इस रूमाल को अपने गुड लक के लिए अपने पास रखते थे। 

श्रीलंका क्रिकेट टीम के पूर्व गेंदबाज लसिथ मलिंगा जब बॉलिंग करते थे वह उससे पहले हमेशा बॉल को चूमते थे। लसिथ मलिंगा का विश्वास था कि ऐसा करने पर वे खेल में अच्छा कर पाऐंगे।

टीम इंडिया के पूर्व लेग स्पिनर अनिल कुंबले अपना कैप और स्वेटर सचिन तेंदुलकर को देते थे। ऐसा इसलिए क्योंकि साल 1999 में दिल्ली टेस्ट में पाकिस्तान के खिलाफ दूसरी पारी में अनिल कुंबले गेंदबाजी करने से पहले अपना कैप और स्वेटर सचिन तेंदुलकर को थमाई थी। जिसके बाद अनिल कुंबले ने उस पारी में पूरे 10 विकेट लिए थे। तब से उन्होंने ये सिलसिला जारी रखा। अनिल कुंबले ऐसा करने वाले टेस्ट इतिहास में दूसरे गेंदबाज भी बन गए थे।

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व हेड कोच और बल्लेबाज राहुल द्रविड़ भी अंधविश्वास मानते थे। राहुल द्रविड़ बल्लेबाजी करने के लिए जब तैयार होते थे तो हमेशा पहले राइट पैड ही पहनते थे। 

सौरव गांगुली मैदान में उतरने से पहले हमेशा अपने गुरूजी की तस्वीर अपनी जेब में रखा करते थे। इसके अलावा सौरभ गांगुली अंगूठी और चांदी की माला भी पहनते थे। गांगुली का मानना था कि ये उनके लक को बढ़ाने में मदद करता है।  

मोहम्मद अजहरूद्दीन अपने गले में हमेशा एक काली ताबीज पहनते थे। खास बात ये थी कि जब भी वो बल्लेबाजी के लिए मैदान में उतरते थे इस ताबीज को शर्ट के बाहर निकाल लिया करते थे। बल्लेबाजी के दौरान मोहम्मद अजहरूद्दीन अपनी शर्ट की कॉलर को हमेशा खड़ा ही रखते थे। 

श्रीशांत अपने खिलाडियों के साथ बस में जब भी सफर करते थे तो उस वक्त सबसे अंत में उतरते थे। उनका मानना था कि, बस से सबसे आखिर में उतरने पर उनकी गेंदबाजी काफी अच्छी होती है। श्रीसंत अपने पास हमेशा पसंदीदा क्रिकेट के मैदानों की और अपने दोस्तों की एक छोटी ही एल्बम भी अपने पास रखते थे।

डेल स्टेन और ब्रेट ली मैदान में घुसते समय अपना बायां पैर सबसे पहले रखते थे। स्टेन का मानना है कि, ऐसा करने से उनका गुड लक बढ़ता था। 

रविचंद्रन अश्विन अपने पास एक लकी बैग रखते थे, जिसे वे हर मैच में साथ लेकर जाते थे। अश्विन ने इस बैग को अपने साथ हमेशा रखा, फिर चाहे वे खेल रहे हों या नहीं। 

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने भी स्वीकार किया कि वह अंधविश्वास को मानते हैं। विराट कोहली ने बताया कि, वह मैच से पहले कड़ा पहनना कभी नहीं भूलते थे।

एमएस धोनी का जन्म 7 जुलाई को हुआ था, इसलिए धोनी का मानना है कि 7 नंबर उनका लकी नंबर है। धोनी ने अपने पूरे करियर में जर्सी नंबर 7 ही पहना। धोनी ने अपने स्पोर्ट्स ब्रांड का नाम भी 'सेवन' रखा।

भारतीय पूर्व बल्लेबाजी श्रीकांत मानते थे कि वह अपने साथी के दाईं ओर रहें। दरअसल 1986-87 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट सीरीज के फाइनल के दौरान सुनील गावस्कर ने जब श्रीकांत से पूछा कि क्या वह दाईं ओर हो सकते हैं। तब भारत मैच हार गया लेकिन सुनील गावस्कर ने शानदार पारी खेली। जिसके बाद सुनील गावस्कर हमेशा अपने सलामी जोड़ीदार के दाईं ओर रहते थें। 

पूर्व आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी माइकल क्लार्क का मानना था कि, बल्लेबाजी के लिए जाने से पहले तेज आवाज में संगीत सुनने से उनका गुड लक और एकाग्रता बढ़ता है।

भारतीय पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान अपने पास हमेशा एक पीला रूमाल रखते थे, जिसे वह लकी मानते थे।

युवराज सिंह का जन्म 12 दिसंबर को दोपहर 12 बजे सेक्टर 12 में हुआ था। इसलिए युवी मानते थे कि, 12 उनका लकी नंबर है। जब युवी भारत के लिए खेलते थे तो हमेशा 12 नंबर की ही जर्सी पहनते थे। युवराज सिंह बुरी आत्माओं को दूर भगाने के लिए एक काला धागा होता है। 

Tags:    

Similar News