कोच के रूप में फिसड्डी साबित हो रहे हैं राहुल द्रविड़, जानिए क्या कहते है आकड़े
बतौर कोच राहुल द्रविड़ का रिकॉर्ड बिगड़ता जा रहा है। साउथ अफ्रीका के बाद अब इंग्लैंड में भी हार का सामना करना पड़ा। विदेशी जमीन पर कमजोर पड़ रही टीम इंडिया।
Rahul Dravid (राहुल द्रविड़) को नवंबर 2021 में भारतीय टीम का हेड कोच बनाया गया था। उनके हेड कोच बनने के बाद से ही भारतीय टीम का प्रदर्शन गिरता जा रहा है। भारतीय टीम ने पिछले कुछ सालों में कप्तान कोहली और कोच रवि शास्त्री के नेतृत्व में विदेशी जमीन पर कई कीर्तिमान स्थापित किए थे, जो कि अब राहुल द्रविड़ के कोचिंग में धूमिल होता दिख रहा है। द्रविड़ के हेड कोच बनने के बाद से भारत ने 8 टेस्ट मैच खेले है जिसमें टीम को चार में जीत मिली, तीन मैचों में हार का सामना करना पड़ा और एक मैच ड्रा रहा।
बतौर कोच राहुल द्रविड़ के प्रदर्शन को हम कुछ आकड़ों के जरिए समझ सकते है।
साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 1-2 से मिली हार
द्रविड़ का बतौर हेड कोच पहला विदेशी दौरा साउथ अफ्रीका का था। सीरीज का पहला मैच सेंचूरियन में खेला गया, जहां भारत को 113 रनों की शानदार जीत मिली| वही सीरीज के बाकी दो मैचों में भारत को हार का सामना करना पड़ा। बतौर हेड कोच द्रविड़ ने अपना पहला विदेशी दौरा गंवा दिया।
वनडे में भारतीय टीम 3-0 से क्लीन स्वीप हुई
टेस्ट सीरीज में मिली हार के बाद भारतीय टीम के पास वनडे में वापसी करने का मौका था। टेस्ट सीरीज गंवाने के बावजूद वनडे में भारत का पलड़ा भारी लग रहा था। लेकिन वनडे सीरीज का नतीजा टेस्ट से भी बुरा रहा। भारतीय टीम को बुरी तरह से क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा। यह दौरा शुरू होने से पहले किसी ने भी ऐसे परिणाम की कल्पना नहीं की थी।
घरेलू जमीन पर भी साउथ अफ्रीका को हराने में नाकाम
आईपीएल खत्म होने के बाद पिछले महीने साउथ अफ्रीका की टीम 5 टी20 मैचों के लिए भारत के दौरे पर आई थी। भारतीय टीम इस सीरीज में विराट कोहली, केएल राहुल, रोहित शर्मा और बुमराह के बिना खेल रही थी। इस सीरीज के लिए ऋषभ पंत को टीम की कप्तानी सौपी गयी थी। टीम इंडिया के लिए सीरीज की शुरुआत काफी ख़राब रही और शुरुआती दो मैच में हार का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम ने वापसी करते हुए अगले दो मैचों में जीत हासिल की। वही सीरीज का आखिरी और निर्णायक मुकाबला बारिश के भेट चढ़ गया।
एजबेस्टन टेस्ट में शर्मनाक हार
इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में भारतीय टीम 2-1 से आगे चल रही थी| सीरीज का आखिरी और रिशेड्यूल मैच एजबेस्टन में खेला गया। रोहित शर्मा के अनुपस्थिति में बुमराह को टीम की कमान दी गयी। बुमराह बतौर कप्तान अपना पहला टेस्ट खेल रहे थे, ऐसे में कोच राहुल द्रविड़ की जिम्मेदारी थी कि वह समय-समय कप्तान और टीम का मार्गदर्शन करें| पहली पारी में 132 रनों के बढ़त के बावजूद भारत को इस टेस्ट में हार का सामना करना पड़ा। भारत ने इंग्लैंड के 378 रनों का लक्ष्य रखा था जिसे इंग्लैंड ने 7 विकेट रहते हासिल कर लिया। यह भारत के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में सबसे बड़ा रन चेज था। बतौर कप्तान पहला मैच खेल रहे बुमराह को द्रविड़ के तरफ से ज्यादा कुछ सहयोग मिलता दिखा नहीं। वही आश्विन को टीम में न शामिल करना, कोच द्रविड़ पर कई सवाल खड़े करते है।