जानिए कौन हैं 'अपूर्वी चंदेला' जिसमें शूटिंग के नाम कर दी अपनी सारी जिन्दगी

आईएसएसएफ विश्व कप में हुए 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाली निशानेबाज अपूर्वी चंदेला आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं।

Update: 2019-05-27 08:15 GMT

नई दिल्ली: आईएसएसएफ विश्व कप में हुए 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाली निशानेबाज अपूर्वी चंदेला आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। 1,926 अंकों के साथ आईएसएसएफ वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर 1 की पोजिशन हासिल करने वाली अपूर्वी ने ट्वीट करते हुए अपनी ख़ुशी जाहिर की थी।

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि “वर्ल्ड नंबर 1,आज मैंने मेरे शूटिंग करियर में मील का पत्थर छू लिया।” हालाँकि उन्हें अभी और सफर तय करना है। अपूर्वी निशानेबाजी के साथ-साथ अपने फैशन और लाइफस्टाइल के लिए भी बखूबी जानी जाती हैं।

यह भी देखें... भारतीय खिलाड़ी को लगा झटका, वर्ल्ड कप से पहले जयसूर्या की मौत अफवाह है या सच

उनसे संबंधित चर्चाएं सुर्ख़ियों में अपनी जगह बना रही हैं। वो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और आए दिन अपनी दिलकश तस्वीरें पोस्ट करती हैं। इस सिलसिले में हम यहाँ उनके जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों पर एक नज़र डालेंगे।

 

कौन है अपूर्वी चंदेला

राजस्थान स्थित जयपुर में जन्मी अपूर्वी के पिता कुलदीप सिंह चंदेला होटल व्यवसायी तो माँ बिन्दू राठौर एक गृहिणी हैं। अपूर्वी का पालन-पोषण जयपुर में हुआ था। उन्होंने दिल्ली के विश्वविद्यालय जीजस एंड मैरी कॉलेज से सोशियोलॉजी विषय में ग्रेजुएशन किया हुआ है।

ग्रेजुएशन के बाद अपूर्वी खेल पत्रकारिता में अपना करियर बनाना चाहती थी। साल 2008 में हुए बीजिंग ओलंपिक में शूटिंग प्रतियोगिता में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाले अभिनव बिंद्रा से प्रेरणा लेकर अपूर्वी भी शूटिंग में अपना करियर बनाने का मन बनाने लगी। खेल के प्रति अपने समर्पण की वजह से अपूर्वी शूटिंग में दिलचस्पी लेने लगी।

उनकी लगन का ही नतीजा था कि महज दो सप्ताह के भीतर उन्होंने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में कांस्य पदक हासिल किया। उनके बारे में कहा जाता है कि जयपुर स्थित एक शूटिंग रेंज में वो शूटिंग देखने गई थी। जब वो पिस्टन के साथ सहज नहीं हो सकती थी तब उन्होंने राइफल से शूटिंग अभ्यास किया और 10 राउंड पूरे किए थे।

अपूर्वी के शूटिंग करियर में उनके माता-पिता का बहुत बड़ा योगदान रहा है। परिवार ने उन्हें बहुत सहारा दिया। उनके इस हुनर से उनके पिता बहुत प्रभावित हुए और उन्हें निशानेबाजी में अपना करियर बनाने की सलाह दी। बेटी की दिलचस्पी को देखते हुए अपूर्वी के चाचा ने उनके लिए शूटिंग रेंज का निर्माण किया ताकि वो इत्मीनान से अपनी कला को और धार दे सकें।

यह भी देखें... पारदर्शिता और परिश्रम का कोई जोड़ नहीं है, इनसे हर जीत मुमकिन: मोदी

अपूर्वी ने अपनी कला पर अमल करते हुए आगे चलकर एक से बढ़ एक कारनामें किए। अक्सर वो अपने परिवार को सभी टूर्नामेंटों में ले जाती हैं, यहाँ तक कि अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भी उनके परिजन अपूर्वी के साथ ही जाते हैं।

अपूर्वी अपनी फिटनेस का बखूबी ख्याल रखती हैं। वो अपने आपको फिट रखने के लिए नियमित रूप से योगा करती हैं। खुद को मानसिक रूप से तंदरुस्त रखने के लिए ध्यान इत्यादि भी करती हैं हैं। इसके अलावा वो खुद को फ्रेश रखने के लिए ट्रेन से तक़रीबन 6 घंटे की यात्रा करती हैं।

शूटिंग के अलावा अपूर्वी को अपने पालतू कुत्तों से बेहद लगाव है। पेट लवर अपूर्वी जहाँ भी जाती हैं वहां जानवरों के साथ तस्वीरें क्लिक करना नहीं भूलती। उनका यह अंदाज़ देखने लायक होता है। शूटिंग के अलावा अपूर्वी को नई जगहों की यात्रा करने का शौक है।

वो अमूमन अपने माता-पिता के साथ यात्रा करती हैं और विभिन्न तरीकों से तस्वीरें क्लिक करना पसंद करती हैं। इसके साथ ही अपूर्वी को बास्केटबॉल और किताबें पढ़ने का भी शौक है। अक्सर फुर्सत के पलों में वो पुस्तकों में खोई रहती हैं।

साल 2019 आईएसएसएफ विश्व कप की 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता में विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए अपूर्वी ने स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा साल 2015 में चांगवोन में उन्होंने कांस्य पदक भी अपने नाम किया था। साल 2014 में हुए राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक जीतने के साथ उन्होंने इससे पहले साल 2012 में हुए राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है।

यह भी देखें... लोकतंत्र को रग-रग में जिंदा रखती है बीजेपी, लोकतंत्र हमारी आत्मा है: नरेंद्र मोदी

तो वहीं साल 2014 में नेदरलैंड में हुई इंटरशूट प्रतियोगिता में स्वर्ण और कांस्य पदक जीतने वाली अपूर्वी चंदेला उन छह भारतीय निशानेबाजों में शामिल हैं जिन्होंने 2020 टोक्यो ओलंपिक कोटा हासिल किया है।

Tags:    

Similar News