कभी रिक्शा चलाता था ये खिलाड़ी, अब इस क्रिकेट बोर्ड में मिली बड़ी जिम्मेदारी

पीसीबी ने गुरुवार को पूर्व कप्तान मोहम्मद यूसुफ को लाहौर में मौजूद राष्ट्रीय हाई परफॉरमेन्स सेंटर का बल्लेबाजी कोच नियुक्त किया है। ये जिम्मेदारी भारत कैप्टन कूल राहुल द्रविड़ की तरह है, जिन्हें बीसीसीआई ने बेंगलुरू में मौजूद नेशनल क्रिकेट एकेडमी का चीफ बनाया हुआ है।

Update: 2020-08-20 15:02 GMT
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने मोहम्मद को हाई परफॉर्मेंस सेंटर का बल्लेबाजी कोच नियुक्त किया

नई दिल्ली पीसीबी ने गुरुवार को पूर्व कप्तान मोहम्मद यूसुफ को लाहौर में मौजूद राष्ट्रीय हाई परफॉरमेन्स सेंटर का बल्लेबाजी कोच नियुक्त किया है। ये जिम्मेदारी भारत कैप्टन कूल राहुल द्रविड़ की तरह है, जिन्हें बीसीसीआई ने बेंगलुरू में मौजूद नेशनल क्रिकेट एकेडमी का चीफ बनाया हुआ है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने यूसुफ के अलावा पूर्व लेग स्पिनर मुश्ताक अहमद को स्पिन गेंदबाजी सलाहकार नियुक्त किया है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अपनी टीम को और उसके भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए एक बहुत बड़ा कदम उठाया है।

 

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अनुभव से युवा क्रिकेटरों को मदद

यूसुफ कहा, यह उनके लिये अपनी दूसरी पारी शुरू करने का सही समय है क्योंकि वे इसके प्रति आशान्वित हैं और यह अवसर मिलने से खुश है और उन्हें पूरा विश्वास है कि वे अपने ज्ञान और अनुभव से युवा क्रिकेटरों की मदद कर सकेंगे। यूसुफ के साथ पूर्व विकेटकीपर अतीक उज जमां और तेज गेंदबाज मोहम्मद जाहिद भी इस केंद्र से जुड़ेंगे। अतीक ने एक टेस्ट और तीन वनडे जबकि जाहिद ने पांच टेस्ट और 11 वनडे खेले हैं।

 

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दर्जी, रिक्शाचालक फिर क्रिकेटर

बता दें मोहम्मद यूसुफ का जन्म एक ईसाई परिवार में हुआ था। बाद में उन्होंने अपना धर्म परिवर्तन करा लिया। मोहम्मद यूसुफ बेहद ही गरीब परिवार में जन्मे थे और उनके पास पक्का मकान तक नहीं था। यूसुफ का घर लाहौर में स्थित झुग्गियों में था और उनके पिता रेलवे स्टेशन में सफाई कर्मचारी थे। घर का खर्चा नहीं चल पाता था तो यूसुफ ने बेहद ही कम उम्र में दर्जी की दुकान पर काम करना शुरू कर दिया। लेकिन दूसरे बच्चों की तरह यूसुफ को भी क्रिकेट खेलने का शौक था।

यूसुफ जब 16 साल के हुए तो लाहौर के गोल्डन जिमखाना क्लब की नजर उनके टैलेंट पर पड़ी।यहीं से उनका पाकिस्तानी क्रिकेट टीम में जगह बनाने का कारवां शुरू हुआ। यूसुफ क्रिकेट खेलने के साथ-साथ अपना घर भी चलाते थे। उन्होंने दर्जी की दुकान पर काम करने के साथ-साथ रिक्शा तक चलाया था। यूसुफ ने पाकिस्तान के लिए 90 टेस्ट में 52 से ज्यादा की औसत से 7530 रन बनाए।

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