FIFA World Cup 2022: कतर में विश्वकप के जरिए इस्लाम का प्रचार
FIFA World Cup 2022: कतर अधिकारियों का कहना है कि उनका लक्ष्य गैर-मुस्लिम फैंस को इस्लाम की सच्ची शिक्षाओं के बारे में शिक्षित करना और गलत धारणाओं को दूर करना है।
FIFA World Cup 2022: फीफा वर्ल्ड कप टूर्नामेंट के दौरान क़तर इस्लाम के प्रचार में भी जुटा हुआ है। कतर अधिकारियों का कहना है कि उनका लक्ष्य गैर-मुस्लिम फैंस को इस्लाम की सच्ची शिक्षाओं के बारे में शिक्षित करना और गलत धारणाओं को दूर करना है। कतर फीफा विश्वकप की मेजबानी करने वाला पहला इस्लामिक देश है। वह इस्लाम के बारे में दुनिया भर के लाखों फैंस के मन को बदलने के लिए इस अवसर का लाभ उठा रहा है तथा कई फैंस को इस्लाम कबूल करने का न्यौता भी दिया जा रहा है। डीडब्लू की एक रिपोर्ट के अनुसार गैस भंडारों के कारण बेहद अमीर देश क़तर में एक से बढ़कर एक मस्जिदें हैं। ये मस्जिदें फुटबॉल देखने आए फैंस के लिए उत्सुकता भी पैदा करती हैं। अनेकों फैन्स का कहना है कि वह पहली बार इस्लाम को इतने करीब से देख रहे हैं।
प्रसिद्ध नीली मस्जिद के प्रबंधन का काम करने वाले कतर गेस्ट सेंटर ने टूर्नामेंट के दौरान दुनिया भर के दर्जनों इस्लामी प्रचारकों को आमंत्रित किया है। मस्जिद के बाहर अरबी कॉफी और खजूर के साथ इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के बारे में अलग-अलग भाषाओं में पर्चे रखे गए हैं।
एक सीरियाई वॉलंटियर जियाद फतेह कहते हैं, विश्वकप लाखों लोगों को इस्लाम से रूबरू कराने और उस धर्म के बारे में गलत धारणाओं को दूर करने का एक अवसर है, जिसे पश्चिमी लोग चरमपंथ से जोड़ते हैं।
हम लोगों से नैतिकता, पारिवारिक संबंधों, पड़ोसियों और गैर-मुस्लिमों के साथ सम्मान के महत्व के बारे में बात करते हैं। मस्जिद के पास कुछ ऐसे वॉलंटियर मौजूद रहते हैं जो महिला मेहमानों के लिए हैं।
एक फलस्तीनी महिला वॉलंटियर सामिया के मुताबिक ज्यादातर सवाल "हिजाब, बहुविवाह और इस्लाम में महिलाओं का उत्पीड़न" जैसे विषयों से संबंधित होते हैं। इस जगह के आसपास, मेहमान इस्लाम के बारे में पांच मिनट का वर्चुअल रिएलिटी टुअर देख सकते हैं।
यह अभियान पूरे कतर में जारी है। दोहा के पर्ल डिस्ट्रिक्ट में महंगे कैफे और रेस्तरां में दीवारों को इस्लाम के पैगंबर के उद्धरणों से चित्रित किया गया है जो नैतिकता पर जोर देते हैं। इसके साथ ही हाई-एंड शॉपिंग मॉल्स में इस्लाम का प्रचार करने वाले विज्ञापन लगाए गए हैं।
शेख अब्दुल्ला बिन जायद इस्लामिक कल्चरल सेंटर पर्यटन के लिए दिन में 12 घंटे खुला रहता है। कतर में कुछ मुस्लिम मौलानाओं ने गैर-मुस्लिम फुटबॉल फैंस को इस्लाम कबूल करने की कोशिश पर जोर दिया है।
कतर यूनिवर्सिटी में शरिया कानून के प्रोफेसर और वॉइस ऑफ इस्लाम रेडियो स्टेशन के प्रमुख सुल्तान बिन इब्राहिम अल-हाशेमी ने कहा कि विश्वकप का इस्तेमाल नए धर्मांतरित लोगों की तलाश के साथ-साथ इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए किया जाना चाहिए। हाशेमी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, विदेशी फैंस के साथ मेरी मुलाकात में मैं उन्हें इस्लाम कबूल करने की पेशकश करता हूं।
अगर मुझे मौका मिला तो उनके सामने आसानी और शालीनता से इस्लाम पेश करूंगा और अगर मौका नहीं मिला तो मैं उन्हें बता दूंगा कि आप हमारे मेहमान और इंसानियत के नाते भाई हैं।
सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि सैकड़ों फैंस ने इस्लाम कबूल कर लिया है। कतर के धार्मिक मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि देश का लक्ष्य इस्लाम में धर्मांतरित लोगों की संख्या नहीं है, बल्कि उन लोगों की संख्या है जो इसके बारे में अपना विचार बदलते हैं।