दुखद खबर: नहीं रहे पूर्व भारतीय कप्तान, खेल जगत में छाई शोक की लहर

भारतीय खेल जगत से एक दुखद खबर सामने आ रही है। भारतीय फुटबॉल के दिग्गज खिलाड़ी पीके बनर्जी का 83 साल की उम्र में शुक्रवार को निधन हो गया।

Update: 2020-03-20 09:25 GMT

भारतीय खेल जगत से एक दुखद खबर सामने आ रही है। भारतीय फुटबॉल के दिग्गज खिलाड़ी पीके बनर्जी का 83 साल की उम्र में शुक्रवार को निधन हो गया। बनर्जी लंबे समय से बीमार चल रहे थे और कोलकाता के मेडिका अस्पताल में भर्ती थे। बनर्जी भारतीय फुटबॉल का बड़ा नाम थे। वह 1962 में एशियन गेम्स की गोल्ड मेडलिस्ट भारतीय टीम का हिस्सा थे।

दो मार्च से थे लाइफ सपोर्ट पर

एशियाई खेल 1962 के स्वर्ण पदक विजेता बनर्जी भारतीय फुटबॉल के स्वर्णिम दौर के साक्षी रहे हैं। वह पिछले कुछ समय से निमोनिया के कारण श्वास की बीमारी से जूझ रहे थे। उन्हें इसके साथ पार्किंसन, दिल की बीमारी और डिम्नेशिया भी था। वह दो मार्च से अस्पताल में लाइफ सपोर्ट पर थे। उन्होंने रात 12 बजकर 40 मिनट पर आखिरी सांस ली। बनर्जी के परिवार में उनकी बेटी पाउला और पूर्णा हैं जो नामचीन शिक्षाविद् हैं। उनके छोटे भाई प्रसून बनर्जी तृणमूल कांग्रेस से सांसद हैं।

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2 ओलंपिक और 3 एशियन गेम्स में लिया हिस्सा

पीके बनर्जी का जन्म 23 जून 1936 को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी शहर में हुआ था। 15 साल की उम्र में ही संतोष ट्रॉफी में बिहार का प्रतिनिधित्व किया। 1954 में वो कोलकाता चले गए और बाद में ईस्टर्न रेलवे का प्रतिनिधित्व किया। बनर्जी ने साल 1955 में राष्ट्रीय टीम में डेब्यू किया और फिर भारतीय टीम की तरफ से 2 ओलंपिक और 3 एशियन गेम्स में हिस्सा लिया।

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वो स्ट्राइकर के तौर पर टीम इंडिया में शामिल थे। जकार्ता एशियाई खेल 1962 में स्वर्ण पदक जीतने वाले बनर्जी ने 1960 रोम ओलिंपिक में भारत की कप्तानी की और फ्रांस के खिलाफ एक एक से ड्रा रहे मैच में बराबरी का गोल किया।

फीफा ने किया सम्मानित

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इससे पहले वह 1956 की मेलबर्न ओलंपिक टीम में भी थे और क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया पर 4-2 से मिली जीत में अहम भूमिका निभाई। फीफा ने उन्हें 2004 में शताब्दी आर्डर आफ मेरिट प्रदान किया था। चोट की वजह से उन्हें भारतीय फुटबॉल टीम से बाहर होना पड़ा था। जिसके बाद साल 1967 में उन्होंने संन्यास ले लिया था।

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