टी-20 विश्व कप में टीम इंडिया की हार के ये 5 बड़े कारण, टीम सिलेक्शन तक नहीं रहा सही!

T20 WC 2022: टी-20 विश्व कप 2022 में भारतीय टीम के अभियान का दुखद अंत हो चुका है। 2007 में खेले गए पहले टी-20 विश्व कप से लेकर अब तक 15 साल से टीम इंडिया खिताबी सूखा खत्म नहीं कर पाई। कई बार खिताब जीतने के बिल्कुल पास पहुंचकर टीम सेमीफाइनल और फाइनल में हारकर बाहर हुई है।

Written By :  Suryakant Soni
Update: 2022-11-11 03:00 GMT

T20 WC 2022

T20 WC 2022: टी-20 विश्व कप 2022 में भारतीय टीम के अभियान का दुखद अंत हो चुका है। 2007 में खेले गए पहले टी-20 विश्व कप से लेकर अब तक 15 साल से टीम इंडिया खिताबी सूखा खत्म नहीं कर पाई। कई बार खिताब जीतने के बिल्कुल पास पहुंचकर टीम सेमीफाइनल और फाइनल में हारकर बाहर हुई है। ऐसे ही ऑस्ट्रेलिया में चल रहे इस विश्वकप में देखने को मिला। रोहित शर्मा की अगुवाई में टीम इंडिया इस खिताब जीतने की सबसे प्रबल दावेदार टीम थी, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ 10 विकेट से शर्मनाक हार के बाद अब वो वतन वापसी करेगी। सेमीफाइनल मुकाबले में भारत को इंग्लैंड के हाथों मिली करारी हार से भारतीय क्रिकेट फैंस का दिल टूट गया। चलिए जानते हैं ऐसे क्या कारण रहे जिनकी वजह से टीम इंडिया को ऐसी शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा...

1. पावरप्ले में धीमी शुरुआत:

टीम इंडिया के सभी मैचों के आंकड़ों पर नज़र डाली जाए तो पता चलता है कि टीम इंडिया ने सभी मुकाबलों में पावरप्ले में बेहद धीमी शुरुआत की। जिसका खामियाजा टीम को बाद में भुगतना पड़ा। इंग्लैंड के खिलाफ भी इस रनों वाली पिच पर टीम इंडिया के ओपनर बिल्कुल फायदा नहीं उठा पाए। भारतीय टीम ने हर मैच में पावरप्ले के दौरान कम से कम एक या दो विकेट खोए और रन गति भी तेज नहीं हो पाई। जबकि दूसरी तरफ इंग्लैंड ने पहले छह ओवर में ही मैच पूरी तरह अपने पक्ष में कर लिया।

2. टीम इंडिया की कमजोर कड़ी रही सलामी जोड़ी:

इस पूरे विश्वकप में भारतीय टीम को सबसे ज्यादा नुकसान टीम इंडिया की सलामी जोड़ी ने पहुंचाया। केएल राहुल और रोहित शर्मा बड़ी पारियां खेलने में नाकाम रहे। केएल राहुल ने सिर्फ दो अर्धशतक लगाए वो भी उनके बल्ले से सिर्फ बांग्लादेश और ज़िम्बाव्बे जैसी कमजोर टीमों के सामने आए। इंग्लैंड के खिलाफ उनका बल्ला एक बार फिर फ्लॉप रहा। वहीं दूसरी तरफ रोहित शर्मा ने भी पूरे टूर्नामेंट में बेहद धीमी बल्लेबाज़ी की। रोहित अपने नाम के अनुरूप बल्लेबाज़ी करते दिखाई नहीं दिए। सेमीफाइनल में उन्होंने 28 गेंदे खेलकर 27 रन बनाकर अपना विकेट गंवा दिया।

3. तेज़ गेंदबाज़ों की खली कमी:

टीम इंडिया ने इस विश्वकप में जिन तीन तेज़ गेंदबाज़ों को खिलाया उनकी गति 130-135 किमी. की रही। जबकि दूसरी टीमों के पास 150 से ज्यादा गति से गेंदबाज़ी करने वाले गेंदबाज़ मौजूद थे। ऑस्ट्रेलिया की तेज़ उछाल वाली पिच पर भारतीय गेंदबाज़ गति में पिछड़ गए। मोहम्मद सिराज, उमरान मलिक जैसे गेंदबाज़ को मौका मिलता तो यहां परिणाम कुछ अलग होते। विश्वकप से पहले तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को चोट के चलते टूर्नामेंट से बाहर होना टीम इंडिया के लिए बड़ा झटका माना गया। बुमराह की कमी इस टूर्नामेंट में साफ़ दिखाई दी।

4. खराब टीम सिलेक्शन:

जसप्रीत बुमराह और रवींद्र जडेजा के टूर्नामेंट से बाहर होना टीम के लिए सबसे बड़ा झटका रहा। लेकिन इसके बाद भी टीम इंडिया के पास ऐसे खिलाड़ियों की भरमार थी, जो उनकी भरपाई कर सकते थे। लेकिन ख़राब टीम सिलेक्शन के चलते टीम इंडिया इस विश्वकप खिताब पर कब्जा नहीं जमा पाई। टीम में विश्वकप से पहले हर मैच में कई बदलाव आम बात थी, लेकिन इस विश्वकप में टीम ने दो बड़े मैच विनर खिलाड़ियों को तो बेंच पर ही बैठाए रखा। जबकि उनकी जगह लगातार ख़राब प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को टीम में जगह दी गई। कहीं ना कहीं टीम इंडिया के लिए ख़राब टीम सिलेक्शन भी हार का प्रमुख कारण बना।

5. गेंदबाजों ने किया बेडा गरक:

टी-20 विश्वकप में 2022 में टीम इंडिया के बल्लेबाजों खासकर विराट कोहली और सूर्यकुमार यादव ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। लेकिन टीम इंडिया के गेंदबाजों ने बेडा गरक करने में कोई कमी नहीं छोड़ी। शमी, भुवनेश्वर, अश्विन और पंड्या ने 11 से ऊपर की इकॉनमी से रन लुटाए। एडिलेड की पिच पर ऐसा नहीं था कि गेंदबाजों के लिए बिल्कुल मदद नहीं हो, यहां हुए पहले कई मुकाबलों में गेंदबाजों ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए अपनी टीम को जीत दिलाई। लेकिन भारतीय गेंदबाज़ों के मनोबल में कमी देखने को मिली। 

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