Tokyo Paralympics: इतिहास रचने वाली भाविना ने कही दिल छूने वाली बात, 12 महीने की उम्र में हो गई थीं पोलियो का शिकार
Tokyo Paralympics: टोक्यो पैरालिंपिक 2020 के फाइनल में पहुंचने पर टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना पटेल ने कहा कि वह खुद को दिव्यांग नहीं मानती हैं।
Tokyo Paralympics: भारत की भाविना पटेल (Bhavina Patel) ने टोक्यो पैरालिंपिक 2020 (Tokyo Paralympics 2020) में टेबल टेनिस में इतिहास रच दिया है। टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना महिला सिंगल्स के क्लास-4 के फाइनल में पहुंच गई हैं।
टोक्यो पैरालिंपिक 2020 के फाइनल में पहुंचने पर टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना पटेल ने कहा कि वह खुद को दिव्यांग नहीं मानती हैं। उन्होंने कहा कि इस सफलता पर कहा कि मुझे हमेशा भरोसा था कि मैं कुछ भी कर सकती हूं।
टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना 12 महीने की उम्र में पोलियो का शिकार हो गई थीं। उन्होंने कहा कि हमने यह दिखा दिया है कि किसी से कम नहीं हैं और पैरा टेबल टेनिस भी दूसरे खेलों से पीछे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मैंने चीन के विरुद्ध खेला है और यह कहा जाता है कि चीन को हराना आसान काम नहीं है, लेकिन हमने दिखा दिया कुछ असंभव नहीं है।
भाविना पटेल ने कहा कि खेल के मानसिक पहलू पर उन्होंने फोकस किया जिससे उनको मैच के दौरान सहायता मिली। उन्होंने कहा कि सुबह चार मेरा दिन शुरू हो जाता है और मैं ध्यान तथा योग से मानसिक एकाग्रता लाने की कोशिश करती हूं। खेलों के दौरान कई बार हमसे जल्दबाजी में गलतियां हो जाती है जिसकी वजह से हम अंक गंवा देते हैं, हालांकि मैंने अपने विचारों पर नियंत्रण रखा।
उन्होंने कहा कि अपने कोचों को थैंक्यू बोलना चाहती हूं, जिन्होंने हमे तकनीक के बारे में बताया और सिखाया। उनके कारण आज मैं यहां तक पहुंच पाई हूं। उन्होंने भारतीय खेल प्राधिकरण, सरकार पीसीआई, टॉप्स, ओजीक्यू, नेत्रहीन जन संघ और अपने परिवार धन्यबाद दिया।
पैरालिंपिक के पांचवें दिन टेबल टेनिस महिला एकल वर्ग 4 (Table Tennis Women's Singles Class 4) में पैडलर भाविना पटेल (Bhavina Patel) ने चीन की मियाओ झांग को 3-2 से हरा दिया। इसके साथ ही भाविना पटेल ने चीनी खिलाड़ी मियाओ झांग (Miao Zhang) को हराकर टेबल टेनिस महिला एकल वर्ग-4 के फाइनल (Table Tennis Women's Singles Class 4 Final) मैच में जगह बना ली है।