5G Launch 2022: आखिर पीएम ने क्यों कहा- "एक छोटा रेहड़ी-पटरी वाला भी कहेगा नगदी नहीं यूपीआई करो" पढ़ें
5G Launch 2022: उन्होने कहा कि 5G तकनीक दूरसंचार क्षेत्र में क्रांति लाएगी और यह भारत की 21 वीं सदी के लिए एक ऐतिहासिक दिन है।
Written By : Durgesh Sharma
Update:2022-10-01 16:46 IST
5G Launch 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 01 अक्टूबर को नई दिल्ली के प्रगति मैदान में भारतीय मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2022 में 5G सेवा की शुरुआत की। उन्होने कहा कि 5G तकनीक दूरसंचार क्षेत्र में क्रांति लाएगी और यह भारत की 21 वीं सदी के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। अगले कुछ वर्षों में यह सेवाएं पूरे देश में लॉन्च की जाएगी। 5G सेवा से अल्ट्रा-हाई-स्पीड इंटरनेट मिलेगी, जिससे समाज में नए परिवर्तन और आर्थिक अवसर उपलब्ध होंगे। लॉन्च के बाद प्रमुख दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने भारत में 5G तकनीक की क्षमता दिखाने के लिए एक वीडियों का प्रदर्शन किया।
भारतीय मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2022 में पीएम मोदी के प्रमुख स्टेटमेंट
- 5जी की लॉन्चिंग टेलीकॉम इंडस्ट्री की तरफ से 130 करोड़ भारतीयों के लिए एक तोहफा है। यह देश में एक नए युग की और अनंत अवसरों की शुरुआत है।
- नया भारत केवल टेक्नोलॉजी का उपभोक्ता नहीं बनेगी बल्कि उस प्रौद्योगिकी के विकास और कार्यान्वयन में सक्रिय भूमिका निभाएगा। हम दुनिया में तकनीकी प्रगति का नेतृत्व करेंगे।
- डिजिटल इंडिया की सफलता चार मानकों पर आधारित है, जिसमें एक उपकरण की लागत, डिजिटल कनेक्टिविटी, डेटा लागत और डिजिटल फर्स्ट अप्रोच शामिल हैं। हमने उन सभी बिंदुओं पर काम किया हैं।
- 2014 में जीरों मोबाइल फोन के निर्यात से लेकर अब तक जब हम हजारों करोड़ रुपये के फोन निर्यात करते हैं। इन प्रयासों से डिवाइस की लागत पर असर पड़ा है। अब हमें कम कीमत में ज्यादा फीचर मिलने लगे हैं।
- पहले 1GB डेटा की कीमत लगभग ₹300 थी, जो अब घटकर ₹10 प्रति GB हो गई है। औसतन, भारत में एक व्यक्ति प्रति माह 14GB की खपत करता है। इसकी लागत लगभग ₹4,200 प्रति माह होगी लेकिन लागत ₹125-150 होगी। यह सरकार के प्रयासों के कारण हुआ है।
- मैंने देखा है कि देश के गरीब भी हमेशा नई तकनीकों को अपनाने के लिए आगे आते हैं। प्रौद्योगिकी सही मायने में लोकतांत्रिक हो गई है।
- डिजिटल इंडिया ने हर नागरिक को एक जगह दी है। यहां तक कि छोटे से छोटे रेहड़ी वाले भी UPI की सुविधा का इस्तेमाल कर रहे हैं। बिना बिचौलियों के सरकार सीधे लाभार्थियों तक पहुंची और उन्हें उसका पूरा फायदा भी मिला।
- प्रौद्योगिकी और दूरसंचार में विकास के साथ भारत उद्योग 4.0 क्रांति का नेतृत्व करेगा। यह भारत का नहीं, भारत का दशक है।
- लोग 'आत्मनिर्भर' बनने के विचार पर हंसे थे लेकिन ऐसा हो चुका है। यह इलेक्ट्रॉनिक लागत कम कर रहा है। 2014 में, केवल दो मोबाइल निर्माण सुविधाएं थीं, आज यह संख्या बढ़कर 200 से अधिक विनिर्माण सुविधाएं हो गई है।
- आज हमारे पास चाहे छोटे व्यापारी, उद्यमी,स्थानीय कलाकार या शिल्पकार हों, डिजिटल इंडिया ने सभी को एक मंच और एक बाजार दिया है। आज आप किसी स्थानीय बाजार या सब्जी मंडी में जाकर देखिए, एक छोटा रेहड़ी-पटरी वाला भी कहेगा, नगदी नहीं, 'यूपीआई' करो।