इंसानी ब्रेन में असीमित डेटा स्टोरेज क्षमता, गूगल ने बनाया दुनिया का पहला ब्रेन मैप

गूगल ने दुनिया का पहला सबसे विस्तृत ब्रेन मैप बनाने में सफलता हासिल की है। ये पहली बार है कि इंसानी ब्रेन की जटिल संरचना को इतनी गहराई और विस्तृत तरीके से दिखाया गया है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Ashiki
Update:2021-06-10 10:48 IST

कांसेप्ट इमेज (Photo-Social Media) 

नई दिल्लील: गूगल ने दुनिया का पहला सबसे विस्तृत ब्रेन मैप बनाने में सफलता हासिल की है। ये पहली बार है कि इंसानी ब्रेन की जटिल संरचना को इतनी गहराई और विस्तृत तरीके से दिखाया गया है। इसमें ब्रेन के एक एक तंतु को साफ देखा जा सकता है। इससे इंसानी ब्रेन में मौजूद न्यूरॉन के बीच कनेक्शन को स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ता है।

ऑनलाइन उपलब्ध इस ब्रेन मैप में 50 हजार सेल्स भी थ्री डी में दिखाए गए हैं। मैप दिखाता है कि सेल्स किस तरह लाखों करोड़ों टेनड्रिल यानी नसों से जुड़े होते हैं। ये एकदम मकड़ी के जाले की तरह दिखता है। सेल्स और टेनड्रिल के संजाल से 13 करोड़ कनेक्शन बनते हैं जिन्हें साइनप्स कहा जाता है।

इस मैप ने ब्रेन के मात्र एक मिलीमीटर हिस्से को छुआ है और इतने ही हिस्से में 1.4 पेट्राबाइट डेटा नापा गया है। ये एक औसत कंप्यूटर की स्टोरेज डेटा क्षमता से करीब 700 गुना ज्यादा है। ये डेटा सेट इतना विशाल है कि शोधकर्ता इसकी विस्तृत स्टडी अभी नहीं कर पाए हैं। अब अगर पूरे ब्रेन की बात करें तो कितनी स्टोरेज क्षमता होगी, कोई अंदाज नहीं लगाया जा सकता। गूगल रिसर्च के वैज्ञानिक वीरेन जैन ने बताया कि ये ब्रेन डेटा इंसानी जीनोम जैसा है जिसका अनुसंधान 20 साल से जारी है और अब भी बहुत काम बाकी है।


महिला के ब्रेन का हिस्सा निकाला गया था

ब्रेन मैपिंग का काम तब शुरू हुआ जब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के जेफ लिशमैन के नेतृत्वमें एक टीम को 45 साल की एक महिला के मस्तिष्क का एक टुकड़ा हासिल हुआ। इस महिला को मिर्गी की शिकायत थी और इसके चलते उसके मस्तिष्क का ऑपेरशन किया गया था। ऑपेरशन से मस्तिष्क का वो हिस्सा निकाल दिया गया जिसकी वजह से मिर्गी के दौरे पड़ते थे। लेकिन इस हिस्से को निकालने के क्रम में सर्जनों को मस्तिष्क के कुछ स्वस्थ टिश्यू भी हटाने पड़े।

बेहद जटिल थी प्रक्रिया

जेफ लिशमैन की टीम ने स्वस्थ टिश्यू को तत्काल प्रिजर्वेटिव के घोल में सुरक्षित रख लिया गया। इसके बाद इसमें खास कलर मिलाए गए ताकि हर सेल की बाहरी झिल्ली इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप से देखी जा सके। इसके बाद उसे ऐसे पदार्थ में डाला गया जिससे टिश्यू सख्त हो कर प्लास्टिक जैसा हो गये। वैज्ञानिकों ने इसके बाद उस टुकड़े को 30 नैनोमीटर यानी इंसानी बाल के एक हजारवें भाग की अति महीन मोटाई में काट दिया। अब हर टुकड़े को इलेक्ट्रान माइक्रोस्कोप में देखा गया।


गूगल ने काम संभाला

जब हर टुकड़ा काट लिया गया और उसका अध्ययन कर लिया गया तब गूगल रिसर्च के वीरेन जैन की टीम का काम शुरू हुआ। इन्होंने 2 डी टुकड़ों को थ्री डी चित्र में बदल दिया। इससे हर चीज जैसे कि टेनड्रिल, न्यूरॉन, आदि थ्रीडी में दिखाई देने लगे। 

Tags:    

Similar News