Smart Shoes: गोरखपुर के छात्रों ने बनाया ऐसा स्मार्ट जूता, आपदा के समय लोगों को कर सकता है सुरक्षित

Smart Shoes: गोरखपुर में इंजीनियरिंग कॉलेज के कुछ छात्रों ने मिलकर इस स्मार्ट जूते का अविष्कार किया है। ये जूते आपद समय में लोगों के बहुत काम आ सकते हैं, वहीं ये सेफ्टी के लिए भी बहुत अच्छे है। इसमें छात्रों ने जीपीएस ट्रैकर, हार्टबीट सेंसर, टेंपरेचर सेंसर, जीएसएम सिम, चिप, तार, मोबाइल समेत और भी टेक्निकल चीज़ों का इस्तेमाल किया है।

Written By :  Anjali Soni
Update:2022-12-09 12:47 IST

Smart Shoes(photo-social media)

Smart Shoes: बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ के आज के समय में हर चीज़ का नया अविष्कार होता रहता है, यह आज की जनरेशन के लिए अच्छा भी है। क्योंकि आज के समय में कोई भी व्यक्ति हार्डवर्क नहीं करना चाहता है। इसलिए टेक्निकल सामान काम को आसान बना देते हैं, अविष्कार सिर्फ साइंटिस्ट ही नहीं कोई भी व्यक्ति जिसे नई चीज़े पसंद हो वह इसका अविष्कार करने लगा है। आज कल के बच्चे भी टेक्नोलॉजी के मामले में बहुत आगे पहुंच गए है, इसका उदहारण भी सामने आया है। गोरखपुर के कुछ छात्रों ने मिलकर स्मार्ट जूते का अविष्कार किया है। जानते हैं कैसे बनाए ये स्मार्ट शूज।

जूते के अंदर लगाई जीपीएस ट्रैकर, हार्टबीट सेंसर, टेंपरेचर सेंसर, जीएसएम सिम, जाने पूरी जानकरी

गोरखपुर में इंजीनियरिंग कॉलेज के कुछ छात्रों ने मिलकर इस स्मार्ट जूते का अविष्कार किया है। ये जूते आपद समय में लोगों के बहुत काम आ सकते हैं, वहीं ये सेफ्टी के लिए भी बहुत अच्छे है। इसमें छात्रों ने जीपीएस ट्रैकर, हार्टबीट सेंसर, टेंपरेचर सेंसर, जीएसएम सिम, चिप, तार, मोबाइल समेत और भी टेक्निकल चीज़ों का इस्तेमाल किया है। इन सब नाम को देख कर तो ये सबको समझ आ ही गया होगा कि स्मार्ट शूज हमारी सेफ्टी के लिए अच्छे है, और साथ में अगर किसी व्यक्ति को किसी अन्य व्यक्ति की लोकेशन प्राप्त करनी हो तो इन जूतों की मदद से आसानी से आप को मिल सकती है।

इस बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए बनाया गया है। क्योंकि आज के समय में अपहरण बढ़ रहे हैं और इस जूते की वजह से ये रुक सकते हैं। अगर किसी का अपहरण हो जाता है और उसने इन जूतों को पहना हो तो उसके घर वालों या पुलिस के पास नोटिफिकेशन कॉल चली जाएगी कि बच्चा या कोई अन्य व्यक्ति, महिला किसी मुश्किल में है। व्यक्ति के घबराने पर उनके तलवे ठंडे हो जाते हैं, जिसकी वजह से जूतों में लगा टेंपरेचर सेंसर के माध्यम से जैसे ही टेंपरेचर सेंस करेगा जीपीएस मोड ऑन होगा और घर वालों को ये पता चल जाएगा की उनका बच्चा किसी मुश्किल में है।

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