"जामा मस्जिद के इमाम अहमद बुखारी अपने बेटे को नायब नहीं बना सकते"; दिल्ली HC ने मांगा विवरण

दिल्ली की जामा मस्जिद के इमाम को लेकर हाई कोर्ट में दाखिल की गई याचिकाओं पर अदालत विवरण मांगा है. अदालत में दाखिल की गई PIL में कहा गया है कि अहमद बुखारी अपने बेटे को नायब (उप) इमाम नियुक्त नहीं कर सकते.

Written By :  Alok Srivastava
Update:2022-11-14 23:12 IST

Jama Masjid Delhi (Credit: Social Media)

Delhi Jama Masjid Imam: दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली वक्फ बोर्ड से कहा कि वह जामा मस्जिद के इमाम की नियुक्ति के संबंध में एक 'नोट' दाखिल करे. चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि वह इमाम की नियुक्ति के विषय से वाकिफ नहीं है. बेंच ने सवाल किया कि क्या धार्मिक पुस्तकों या ग्रंथों में इमाम के पद का उल्लेख किया गया है.

चीफ जस्टिस ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के वकील से कहा, "हमारा मसला कि हम इस विषय से वाकिफ नहीं हैं. इमाम की नियुक्ति कैसे की जाती है. मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. हमें इस बारे में एक संक्षिप्त नोट की जरूरत होगी. आप विवरण दें."

बेंच ने बोर्ड के वकील को विवरण देने के लिए समय दिया और मामले में आगे की सुनवाई के लिए आठ फरवरी 2023 का दिन तय किया. अदालत अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिनमें अफसरों को मुगल काल की तारीखी जामा मस्जिद को संरक्षित स्मारक घोषित करने और उसके आसपास के सभी अतिक्रमण को हटाने का निर्देश देने की गुज़ारिश की गई है.

सुहैल अहमद खान, अजय गौतम और एडवोकेट वीके. आनंद के ज़रिए दाखिल की गई PIL में कहा गया है कि जामा मस्जिद दिल्ली वक्फ बोर्ड की जायदाद है और इसका एक कर्मचारी होने के नाते सैयद अहमद बुखारी अपने बेटे को नायब (उप) इमाम नियुक्त नहीं कर सकते. उन्होंने मस्जिद के मैनेजमेंट की सीबीआई से जांच कराने की भी गुज़ारिश की है.

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