NEET UG Paper Leak: सीबीआई ने हजारीबाग के OASIS स्कूल के प्रिंसिपल को किया गिरफ्तार
NEET UG Paper Leak Case: नीट-यूजी प्रश्न पत्र लीक मामले में सीबीआई ने हजारीबाग के ओएसिस स्कूल पहुंची। यहां के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल से सीबीआई ने तकरीबन एक घंटे तक पूछताछ की है।
Neet Paper Leak Case: नीट-यूजी प्रश्न पत्र लीक मामले में सीबीआई की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। इसी क्रम में सीबीआई की तीन सदस्य टीम हजारीबाग के ओएसिस स्कूल पहुंची। यहां के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल से सीबीआई ने तकरीबन एक घंटे तक पूछताछ की है। सीबीआई की टीम के साथ हुई पूछताछ में प्रिंसिपल एहसान उल हक सवालों की संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया है। एहसानुल हक को लेकर सीबीआई की टीम रांची रवाना हो गई है। उन्हें सीबीआई टीम रांची से पटना लेकर जा सकती है। सीबीआई ने एहसानुल के ऑफिस से कुछ दस्तावेज भी सीज कर अपने साथ लेकर गई है।
जानकारी के मुताबिक 24 जून सोमवार को आधिकारिक तौर पर जांच एजेंसी को सौंपे जाने के बाद सीबीआई की टीम ने प्रिंसिपल के आवास पर छापेमारी की थी। झारखंड पहुंची आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम पहले एसबीआई बैंक गई थी, जिसके बाद उन्होंने ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और नीट परीक्षा के जिला समन्वयक डॉ. एहसानुल हक से पूछताछ की थी। प्रिंसिपल एहसानुल हक ने कहा था कि परीक्षा के दिन 5 मई को प्रश्न पत्रों वाले एक बॉक्स पर लगा डिजिटल लॉक निर्धारित समय पर नहीं खुला था। बॉक्स को कटर से खोलना पड़ा था। एक बॉक्स मैनुअल लॉक के साथ आता है, जबकि दूसरा डिजिटल लॉक के साथ आता है। मैनुअल लॉक वाले बॉक्स के लिए एक चाबी और कटर है।
ऐसे काटा गया था डिजिटल लॉक को
डिजिटल लॉक वाला बॉक्स परीक्षा से 45 मिनट पहले अपने आप खुल जाना चाहिए। हालांकि, उस दिन यहां ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद हक ने सुझाव के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) से संपर्क किया और कथित तौर पर उन्हें बताया गया कि कटर से डिजिटल लॉक को काट दो। दूसरी ओर, हक ने दावा किया था कि उन्हें 5 मई को सुबह 1.00 बजे प्राप्त एक ईमेल के माध्यम से दो विशिष्ट बैंकों में रखे गए परीक्षा पत्रों वाले नौ बक्सों के बारे में पता चला। उन्होंने कहा था कि सुबह 7.30 बजे, प्रश्न पत्रों वाले एल्यूमीनियम बक्से वाले नौ कार्डबोर्ड बक्से पांच केंद्र अधीक्षकों और पांच पर्यवेक्षकों को दिए गए।
इससे पहले हक ने लीक में अपने स्कूल को शामिल करने के दावों का खंडन करते हुए कहा था कि उनकी ओर से सभी प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन किया गया था। उन्होंने एनईईटी परीक्षा सामग्री को सुरक्षित रखने और किसी भी संभावित उल्लंघन को रोकने के लिए उठाए गए कठोर उपायों पर जोर दिया। इन आश्वासनों के बावजूद, परीक्षा के पेपर पहुंचाने के लिए जिम्मेदार परिवहन कंपनी अब संदेह के घेरे में है और उल्लंघन के सटीक बिंदु और तरीके का पता लगाने के लिए जांच चल रही है।