हिज्ब-उत-तहरीर मामले में NIA ने की तमिलनाडु में 10 ठिकानों पर छापामारी, दो गिरफ्तार

NIA Raid in Tamil Nadu: हिज्ब-उत-तहरीर मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने तमिलनाडु में 10 स्थानों पर छापामारी की है। इस कार्रवाई में हिज्ब-उत-तहरीर के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनका मकसद विभिन्न धर्मों के बीच सांप्रदायिक विद्वेष को बढ़ावा देने का था।

Newstrack :  Network
Update: 2024-06-30 14:18 GMT
NIA Raid Today (photo: social media )

NIA Raid in Tamil Nadu : हिज्ब-उत-तहरीर मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने तमिलनाडु में 10 स्थानों पर छापामारी की है। इसमें इरोड जिले के दो स्थान शामिल हैं। इस दौरान एनआईए ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपी हिज्ब-उत-तहरीर के सदस्य हैं, जो एक अंतरराष्ट्रीय पैन-इस्लामिस्ट और कट्टरपंथी संगठन है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अब्दुल रहमान और मुजीबुर रहमान उर्फ ​​मुजीबुर रहमान अल्थम साहिब के रूप में हुई है, दोनों तंजावुर जिले के रहने वाले हैं। एनआईए की जांच में पता चला है कि वे युवाओं को कट्टरपंथी विचारधाराओं में ढालने, लोकतंत्र और भारतीय संविधान, कानून और न्यायपालिका आदि को इस्लाम विरोधी के रूप में प्रचारित करने के लिए गुप्त सेंटर संचालित करने में शामिल थे।

एनआईए ने बरामद किए मोबाइल समेत कई दस्तावेज

जांच में पता चला है कि ट्रेनियों को सिखाया गया था कि भारत अब दारुल कुफ्र (गैर-विश्वासियों की भूमि) है और हिंसक जिहाद करके भारत में इस्लामिक राज्य की स्थापना करके इसे दारुल इस्लाम में बदलना उनका कर्तव्य है। एनआईए को छापेमारी के दौरान डिजिटल डिवाइस (मोबाइल फोन, लैपटॉप, सिम कार्ड और मेमोरी कार्ड) और कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनमें हिज्ब-उत-तहरीर, खिलाफा, इस्लामिक स्टेट और प्रस्तावित खिलाफा सरकार और उसकी विचारधारा वाली किताबें और प्रिंटआउट शामिल हैं। बता दें कि यह मामला पहले भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 13 (1) (बी) के तहत तमिलनाडु के मदुरै शहर के थिदीर नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। इस मामले में मोहम्मद इकबाल ने अपने फेसबुक अकाउंट 'थुंगा विझिगल रेंडू इज इन काजीमार स्ट्रीट' का इस्तेमाल ऐसे पोस्ट अपलोड करने के लिए किया था, जो एक विशेष समुदाय को बदनाम करते थे। ये अकाउंट हानिकारक तरीके से विभिन्न धर्मों के बीच सांप्रदायिक विद्वेष को बढ़ावा देते थे। 

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