बंगाल में महिला को बीच सड़क पर बेरहमी से पीटा, वीडियो वायरल होने पर आरोपी गिरफ्तार

West Bengal : पश्चिम बंगाल में बीच सड़क पर एक शख्स का महिला और पुरुष को डंडे से पीटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसके बाद यहां का विपक्ष ममता सरकार पर हमलावर हो गया है। जानें पूरा मामला

Newstrack :  Network
Update: 2024-06-30 16:17 GMT

West Bengal : पश्चिम बंगाल में एक महिला से मारपीट और बदसलूकी की घटना सामने आया है। उत्तरी दिनाजपुर जिले के चोपड़ा इलाके में बीच सड़क पर एक शख्स का महिला और पुरुष को डंडे से पीटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो को लेकर पश्चिम बंगाल का विपक्ष, ममता सरकार पर हमलावर है। भाजपा और CPI(M) के नेताओं ने इस वीडियो को लेकर दावा किया है कि पिटाई करने वाला शख्स तृणमूल कांग्रेस का नेता ताजेमुल हैं, जो स्थानीय विवादों में गैरकानूनी कंगारू कोर्ट के माध्यम से सजा देने के लिए जाना जाता है। वीडियो वायरल होने के बाद कंगारू कोर्ट के नाम पर सड़क पर न्याय करने वाला आरोपी तजमुल हक उर्फ ​​जेसीबी फरार था, जिसे डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

दरअसल चोपड़ा ब्लॉक के लखीपुर ग्राम पंचायत के दिघलगांव इलाके में एक प्रेमी और प्रेमिका को सालीसी सभा (कंगारू कोर्ट) में बेरहमी से पीटने की घटना का वीडियो वायरल होने से इलाके में हड़कंप मच गया था। जिसमें एक व्यक्ति दो लोगों- एक महिला और एक पुरुष को सड़क पर छड़ी से पीटते हुए नजर आ रहा है। व्यक्ति महिला को कई बार मारता है। वह दर्द से चिल्लाती है, लेकिन व्यक्ति मारना नहीं छोड़ता। इसके बाद वह व्यक्ति महिला के पास बैठे पुरुष की ओर मुड़ता है और उसे मारना शुरू कर देता है। इस दौरान भीड़ तमाशा देखती रहती है। कोई भी महिला और पुरुष को बचाने आगे नहीं आता। वीडियो में एक जगह वह व्यक्ति महिला के बाल पकड़कर उसे लात मारता है।

पश्चिम बंगाल में शरिया अदालतें चल रही हैं- अमित मालवीय

इस वीडियो पर भाजपा आईटी सेल हेड और बंगाल के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'वीडियो में जो व्यक्ति महिला को बेरहमी से पीट रहा है, वह ताजेमुल है। वह अपनी 'इंसाफ सभा' के जरिए 'तुरंत न्याय' देने के लिए जाना जाता है। पीटने वाला शख्स चोपड़ा विधायक हमीदुर रहमान का करीबी है। मालवीय ने यह भी कहा कि भारत को अब टीएमसी की सरकार वाले पश्चिम बंगाल में शरिया अदालतों की असलियत को देख लेना चाहिए। हर गांव में एक संदेशखाली है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी महिलाओं के लिए अभिशाप बन गई हैं। बंगाल में कानून-व्यवस्था का नामो-निशान नहीं है। क्या ममता बनर्जी इस राक्षस के खिलाफ कार्रवाई करेंगी या शाहजहां शेख की तरह उसे भी बचाएंगी?

तृणमूल के गुंडे खुद सुनवाई कर सजा दे रहे- CPI(M) नेता

वहीं CPI(M) के राज्य सचिव और पूर्व सांसद मोहम्मद सलीम ने इस वीडियो को शेयर कर लिखा कि यह कंगारू कोर्ट से भी बदतर है। तृणमूल कांग्रेस का गुंडा, जिसे JCB के नाम से जाना जाता है, वह खुद मौके पर सुनवाई करके सजा दे देता है। यह ममता के शासन में चोपड़ा में 'बुलडोजर न्याय' का उदाहरण है। सलीम ने यह भी कहा कि जिसने वीडियो शूट किया था, उसे अब उसके घर से निकाल दिया गया है। चोपड़ा में बंगाल पुलिस की निगरानी में तृणमूल ऐसे शासन कर रही है। ताजेमुल स्थानीय लेफ्ट नेता मंसूर आलम की हत्या के मामले में भी आरोपी है।

चुनाव के बाद ममता सरकार हिंसा का सहारा क्यों ले रही? - कांग्रेस

इस घटना को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि चाहे महिलाओं की जाति कोई भी हो, उन पर हमले अस्वीकार्य हैं। चुनाव हो चुके हैं, परिणाम सामने आ चुके हैं। सत्ताधारी पार्टी ने राज्य में अधिकतम सीटें जीती हैं, तो फिर सरकार राज्य में हिंसा का सहारा क्यों ले रही है? देश में कहीं भी चुनाव के बाद बंगाल जैसे मामले नहीं होते हैं। किसी को भी महिलाओं के खिलाफ हिंसा करने का अधिकार नहीं है।

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