Agra Hanuman Temple: बहुत चमत्कारी है आगरा का 500 साल पुराना हनुमान मंदिर, लंगड़े की चौकी के नाम से है प्रसिद्ध
Agra Famous Hanuman Temple: आगरा ताज नगरी होने के साथ-साथ कई जगहों के लिए प्रसिद्ध है। चलिए आज हम आपके यहां के 500 साल पुराने हनुमान मंदिर के बारे में बताते हैं।
Agra Famous Hanuman Temple : आगरा भारत की कैसी जगह है जिसे सबसे ज्यादा ताजमहल की वजह से पहचाना जाता है। वैसे ताज नगरी आगरा में और भी कई सारे स्थान मौजूद हैं जो अपने अंदर इतिहास को समेटे हुए हैं। आज हम आपके यहां मौजूद एक दिव्य और चमत्कारी हनुमान मंदिर के बारे में बताते हैं जो लगभग 500 साल पुराना है। इस मंदिर को लंगड़े की चौकी के नाम से पहचाना जाता है और यह चमत्कारी मंदिर मुगल काल का बताया जाता है।
कहां है मंदिर (Where Is The Temple)
आगरा कई मंदिर सिविल लाइंस में मौजूद है और कहां जाता है कि यह यहां पर अकबर के कल से बना हुआ है और यह उसे समय का है जब आगरा पर अकबर की हुकूमत हुआ करती थी।
ऐसी है कहानी ( The Story)
इस मंदिर से जुड़ी कहानी के मुताबिक मंदिर के पास एक चौकी थी जिसमें एक लंगड़ा चौकीदार ड्यूटी करता था। ड्यूटी करते समय बो अक्सर राम कथा सुनने आ जाया करता था। उसके ड्यूटी छोड़कर राम कथा करने की वजह से सिपाहियों ने कोतवाल से उसकी शिकायत कर दी। जब कोतवाल आया और देखा कि सिपाही सचमुच राम कहानी सुन रहा है लेकिन जब वह चौकी पर पहुंचे तो लंगड़ा सिपाही ड्यूटी पर भी मौजूद था। कोतवाल को यह समझ नहीं आया और उन्होंने सिपाही को बुलाकर पूछा कि तुम एक ही समय पर दो जगह कैसे होते हो। इस पर सिपाही ने कहा मैं तो राम कहानी सुनता हूं मेरी जगह बजरंगबली ड्यूटी करते हैं। यह देखकर कोतवाल को बहुत आश्चर्य हुआ और इस कारण से इस मंदिर का नाम लंगड़े की चौकी मंदिर पड़ गया। इस जगह पर हर शनिवार और मंगलवार को भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। कहते हैं कि यहां मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है।
सजता है फूल बंगला (Flowers Decorate Bungalow)
इस मंदिर में हर शनिवार को फूल बंगला भी सजाया जाता है। स्कूल बंगले को सजाने के लिए भक्तों में वेटिंग होती है क्योंकि देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी यहां पर भक्त फूल बंगला सजाने आते हैं। यहां पर दो-दो महीने की बुकिंग एडवांस में हो जाती है। सुबह 6:00 बजे से रात 12:00 तक की मंदिर खुला रहता है। लेकिन मंगलवार को एक से 2:30 बजे तक यह बंद रखा जाता है क्योंकि इस दौरान हनुमान जी को चोला चढ़ता है।